सागर। नाबालिग से दुष्कर्म करने के आरोपित को देवरी के अपर सत्र न्यायाधीश डीपी सिंह सिवाच के न्यायालय ने 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने आरोपित पर पांच हजार रूपए का अर्थदंड भी लगाया है। राज्य शासन की ओर से पैरवी वरिष्ठ सहा. जिला लोक अभियोजन अधिकारी लक्ष्मी प्रसाद कुर्मी ने की।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि दिनांक 7 अगस्त 2020 को पीड़िता ने थाना देवरी में एक लिखित आवेदन पेश किया जिसमें बताया गया कि उसकी उम्र 14 वर्ष है एवं वह कक्षा 10 में पड़ती है। दिनांक 13 फरवरी 2020 को आरोपित सोनू आठ्या पिता रेवाराम आठ्या उम्र 21 वर्ष निवासी जवाहर वार्ड देवरी ने एक निर्माणाधीन खाली मकान में ले जाकर उसके साथ गलत काम किया था। मैंने उसका विरोध किया तो उसने मुझे जान से मारने और बदनाम करने की धमकी दी। इसी डर के वजह से पीड़िता ने घर वालों को कुछ नहीं बताया, लेकिन इसके बाद भी आरोपित उसके साथ कई बार दुष्कर्म करता रहा।
बदनाम करने की धमकी देकर करता रहा गलत काम
दिनांक 28 जुलाई 2020 को रात्रि करीब 12 बजे आरोपित सोनू आठ्या ने उसको फोन करके पुनः उसी जगह बुलाया एवं नहीं आने पर बदनाम करने की धमकी दी। पीड़िता ने डर के कारण आरोपित सोनू से मिलने चली गई। सोनू ने पुनः जबरदस्ती दुष्कर्म किया तो पीड़िता रोई, चिल्लाई तब भी आरोपित सोनू ने उसे नहीं छोड़ा और धमकी दी कि अगर किसी को बताया तो तुम्हारे परिवार को खत्म कर दूंगा और वहां से भाग गया। अभियोक्त्री ने उक्त घटना के बारे में अपने माता-पिता को बताया और उनके साथ थाने में आकर एक लिखित आवेदन पेश किया।
सजा के साथ लगाया अर्थदंड
पीड़िता के आवेदन के आधार पर प्रथम सूचना रिपोर्ट अंतर्गत धारा 376, 506 भादवि, 5/6 पॉक्सो एक्ट दर्ज की गयी। उक्त प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान पीड़िता का चिकित्सीय परीक्षण कराया गया। उसका एवं आरोपित का डीएनए परीक्षण सैंपल लिया जाकर एफएसएल भेजा गया। थाना देवरी द्वारा विवेचना पूर्ण कर अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया अभियोजन ने विचारण मे अपना मामला आरोपित के विरूद्ध संदेह से परे प्रमाणित किया जहां न्यायालय ने धारा 5/6 पाक्सो एक्ट में दोषी पाते हुए आरोपी को 20 वर्ष के कठोर कारावास एवं 5000 रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।