राकेश केशरी
पुलिस कर्मियो की जानकारी में हो रहा अपराध
कौशाम्बी। आबकारी विभाग ने जिले कि सिराथू,मंझनपुर,चायल तहसील के 42 दुकानो को भांग बेचने का लाइसेंस देकर इन दुकानो में खुलेआम गांजा बिकवाकर लाखो रुपए की वसूली करता है। आबकारी विभाग यह खेल पुलिस के उच्च अधिकारी भी जानते है। लेकिन जान बूझकर पुलिस भी आबकारी विभाग के इस अपराध पर पर्दा डालने का काम कर रही है। गौरतलब हो कि वर्ष 2022-23 के लिये आबकारी विभाग ने जिले कि 42 भांग की दुकानो को लाइसेंस देकर उनसे करीब 1 करोड 60 लाख रुपए राजस्व के रूप में वसूल किये। लेकिन इसके बाद आबकारी विभाग के जिम्मेंदार अधिकारी व सर्किल के अफसरो का खेल यही से शुरू हो जाता है। जहां इन दुकानो पर लाइसेंस के मुताबिक भांग ही बिकनी चाहिये। लेकिन आबकारी विभाग इन भाग कि दुकानो से लाखो रुपए की एकमुश्त वसूली के एवज में खुलेआम गांजा बिकवा रहा है। इस बात की जानकारी से जिले के पुलिस विभाग के अधिकारी भी इंकार नही कर सकते कि भांग कि दुकानो में गांजा नही बिकता। भांग के लाइसेस के आड में आबकारी विभाग के द्वारा कराये जा रहे अपराध को रोकने की जिम्मेंदारी प्रशासन के उच्च अधिकारियों की है। लेकिन सभी ने आबकारी विभाग के इस अर्थतंत्र के खेले जा खेल से मुह मोड लिया है। वही कभी कभार यह जरूर होता है कि पुलिस विभाग के थानेदार अपनी पीठ थपथपाने के लिये किसी न किसी छोटे मोटे अपराधी के उपर आधा से एक किलो गांजा लगाकर उनका नारकोटिक्स एक्ट में चालान जरूर कर देता है। लेकिन अपराध को बढावा दे रहे भांग के दुकानो में खुलेआम बेचे जा रहे गांजा कारोबारियो के विरूद्व आखिर पुलिस अफसर कार्रवाई क्यो नही करते! जबकि सरकार ने जिले का लाइन आर्डर मेंटेन करने के लिये पुलिस विभाग को ही जिम्मेंदारी दे रखी है। वही आबकारी विभाग अपने इस अर्थतंत्र को मजबूत कर भ्रष्ट्राचार को बढावा दे रहा है। जबकि केन्द्र व राज्य कि भाजपा सरकार जीरो परसेन्ट भष्ट्राचार की बात कर रही है।