राकेश केशरी
कौशाम्बी। कौशांबी में बेमौसम से पिछले कई दिनों से आ रहे बदलाव के चलते कई क्षेत्रों में ओलावृष्टि के साथ हुई बारिश से गेहूं और सरसों की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। वहीं गेंहू की खड़ी फसल की बर्बाद होते देख किसान खेत में फूट-फूटकर रोया। दरअसल पिछले तीन-चार दिनों में मौसम का मिजाज थोड़ा बदला है। आसमान में बादल छाए रहने से गर्मी, तो कम हुई है। लेकिन रविवार की रात पड़े ओले और बारिश ने फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया है। अब गेहूं और सरसों कटने को तैयार हैं। तो बारिश और ओलों के थपड़े ने उसे जमीन पर बिछा दिया।इसी के तहत चायल तहसील के फरीदपुर , पहाड़पुर सुधवर , मकदूमपुर , रतगहा , चौराडीह , सराय अकिल आदि क्षेत्रों में गेहूं के साथ चली तेज हवाओं से खड़ी सरसों की फसल भी गिर गई हैं। किसानों का दर्द ये है कि आलू का भी सही दाम नहीं मिल पा रहा है। उन्हें गेहूं और सरसों से उम्मीद थी। लेकिन वो भी तबाह हो गई है। अब सभी किसान सरकार के भरोसे हैं। रविवार की देर रात बेमौसम बारिश से किसानों की फसलें बर्बाद हो गई है। उनके खेतों में पानी भर गया है। बारिश होने से जहां गेंहू की फसल खराब हुई हैं। वहीं कट चुकी फसल पानी में डूब गईं हैं। हरी सब्जियों को भी काफी नुकसान पहुंचा हैं। पहाड़पुर सुधवर गांव के किसान संदीप त्रिपाठी ने बताया कि बारिश से 90 प्रतिशत का नुकसान हुआ है। फसल अच्छी थी। लेकिन बेमौसम बारिश से उसे काफी नुकसान हुआ है। किसान को काफी नुकसान हुआ है। सरकार को किसानों को मुआवजा देना चाहिए। उन्होंने बताया कि गेहूं की फसल को ज्यादा नुकसान हुआ है।वहीं किसान राम कैलाश ने बताया कि मेरी गेहूं की फसल थी। 2 दिन से बारिश हो रही थी। बारिश से इतना नुकसान हुआ है कि आधी फसल गिर गई है। दूसरी तरफ आलू का रेट नहीं मिल रहा। कोल्ड स्टोर में रखे आलू के रेट सरकार ने 650 रुपए रेट कर दिए हैं। जबकि तकरीबन 900 रुपए लागत लग जाती है। वहीं गेहूं और सरसों की फसल बर्बाद हो गई है। भगवान ने ऐसी मार दे दी है कि आधी से ज्यादा फसल गिर गई है। अब किसान सरकार के भरोसे हैं। सरकार कुछ मुआवजा दे। जिससे हमें कुछ मिल सके। किसान बिल्कुल कंगाल हो चुका है