नोएडा। सुपरटेक के अवैध ट्विन टावर को सुरक्षित तरीके से गिराने के लिए दो ही विकल्प थे, पहला विस्फोटक से कुछ सेंकेट में गिरा दिया जाए या फिर तोड़ा जाए जिसमें डेढ़ से दो साल का समय लगता। यह बात विशेषज्ञों ने कही। यह इमारत करीब 100 मीटर ऊंची है जो कुतुब मीनार से भी ऊंची है। इमारत को गिराने का काम कर रहे एडफिस इंजीनियरिंग के अधिकारी ने बताया कि इसे 28 अगस्त को ‘‘वाटर फॉल इम्प्लोजन’ तकनीक से सुरक्षित तरीके से गिराया जाएगा। उन्होंने बताया कि एपेक्स टावर (32 मंजिला)और सियान (29 मंजिला) 15 सेंकेड से भी कम समय में ताश के पत्ते की तरह गिरा दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि साथ ही सुनिश्चित किया जाएगा कि आसपास की इमारतों को नुकसान नहीं पहुंचे, जिसमें से एक इमारत महज नौ मीटर की दूरी पर स्थित है।
कैसे गलत हो गए राहुल', तारिक कर्रा ने इस्तीफे की टाइमिंग पर उठाया सवाल, बोले- आजाद के माध्यम से भाजपा ने J&K में कांग्रेस को तोड़ा
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नयी दिल्ली। कांग्रेस नेता तारिक कर्रा ने शनिवार को पार्टी छोड़ने वाले गुलाम नबी आजाद पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) गुलाम नबी आजाद के माध्यम से कांग्रेस को तोड़ने में सफल रही। उन्होंने कहा कि गुलाम नबी आजाद सूबे में बहुत पहले से पार्टी से इतर काम कर रहे थे और अपने इस्तीफे का समय उन्होंने खुद तय किया था। दरअसल, गुलाम नबी आजाद ने राहुल गांधी पर सवाल खड़े करते हुए शुक्रवार को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।
गडकरी का डिमोशन और फडणवीस का प्रमोशन, RSS में बदले समीकरण से कटा पत्ता, क्या है बीजेपी की फ्यूचर प्लानिंग?
No commentsये वाजपेयी और आडवाणी के दौर की बात है। तब चाणक्य की भूमिका में प्रमोद महाजन हुआ करते थे। एक बार प्रमोद महाजन से वरिष्ठ पत्रकार विजय त्रिवेदी ने पूछा था कि आप वाजपेयी और आडवाणी में से बड़ा नेता किसे मानते हैं। प्रमोद महाजन ने जवाब दिया था कि बड़ा नेता वो जिसे संघ बड़ा नेता माने। भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहार वाजपेयी, पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी, देश के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ये वो हीरे हैं जो संघ की खुदाई से निकले हैं। लेकिन क्या हुआ ऐसा कि कभी मोहन भागवत के संघ संरचालक बनने के बाद बीजेपी की कमान शाखा में अपना बचपन बीताने वाले नेता को सौंपे जाने के 13 बरस के भीतर ही उसी संघ की हरी झंडी के बाद नागपुर से बीजेपी सांसद गडकरी को पार्टी संसदीय बोर्ड से हटा दिया गया। इसके अलावा केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) से भी हटा दिया गया।
धार्मिक भावनाएं आहत और शिवलिंग की पूजा-अर्चना करने का मामला पहुंचा कोर्ट
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ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले में वाराणसी की जिला अदालत में हिन्दू पक्ष की दलीलें बृहस्पतिवार को पूरी हो गयीं। अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 25 जुलाई की तारीख नियत की है। हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता शिवम गौड़ ने बताया कि वादी राखी सिंह की तरफ से दलीलें पूरी हो गयी हैं। उत्तर प्रदेश सरकार, जिलाधिकारी और पुलिस कमिश्नरेट की तरफ से सरकारी अधिवक्ता महेन्द्रनाथ पांडेय ने भी दलीलें रख दी हैं। उन्होंने बताया कि अब अगली सुनवाई की तारीख पर मुस्लिम पक्ष अपना प्रतिवाद रखेगा। इस मामले में अब दोनों पक्ष अपनी-अपनी दलीलें रख चुके हैं।
रूस यूक्रेन जंग के क्या होंगे परिणाम और कितने दिनों तक चलेगा युद्ध
No commentsWednesday, August 24, 2022
August 24, 2022
यूक्रेन और रूस के बीच भीषण जंग जारी है। कीव से खारकीव तक तबाही मची है। रूस ने हमले में कमी लाने का वादा किया था लेकिन मिसाइल और रॉकेट हमले में कोई कमी नहीं है। बूचा शहर में 300 से अधिक आम नागरिकों के शव बरामद हुए हैं। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि यूक्रेन पर आक्रमण से संबंधित मुद्दों पर रूस संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में अपने ‘वीटो’ का इस्तेमाल करना आगे भी जारी रखेगा।
ठाकुर राजा सिंह: फेसबुक ने दिया था डेंजरस मैन का टैग
No commentsउत्तर प्रदेश का काशी जो संत कबीरदास जी का गांव है। उनका एक सूक्ति वाक्य है- ऐसी वाणी बोलिए मन का आप खोये। औरन को शीतल करे, आपहुं शीतल होए। लेकिन इससे 12 सौ किलोमीटर की दूरी पर बसे तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में बैठे नेता अगर कबीरदास जी की वाणी को आत्मसात कर लेते तो आज तो नहीं गिरफ्तारी झेलना पड़ता, न ही पार्टी से निष्कासन। वो नाम है तेलंगाना भाजपा विधायक ठाकुर राजा सिंह लोध का। जिन्हें सितंबर 2020 में फेसबुक ने डेंजरस मैन का टैग दिया था। कभी वो अपने रोहिंग्याओं को गोली मारने वाले बयान की वजह से चर्चा में रहे तो कभी राम मंदिर के लिए जान लेने की बात कहकर सुर्खियों में रहे। लेकिन पैगंबर को लेकर दिए उनके ताजा विवाद ने माहौल को गर्म कर दिया है।विधायक के बयान पर हंगामा बढ़ गया। प्रदर्शनकारी सड़क पर उतर आए और सिर तन से जुदा के नारे लगाए गए।
कैबिनेट में बोरिस जॉनसन को कोई नहीं चाहता
No commentsब्रिटेन में सियासी घमासान के बाद प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। बता दें कि बोरिस जॉनसन की कुर्सी पर कई बार खतरा मंडराया लेकिन इस बार वह अपनी सत्ता को चाह कर भी नहीं बचा पाए। हाल इतना बुरा है कि अब किसी भी दावेदार ने बोरिस जॉनसन को अपने मंत्रिमंडल में शामिल करने का वादा नहीं किया है। टोरी लीडरशीप के अंदर टॉम तुगेंदहट, पेनी मोर्डौंट, ऋषि सुनक, लिज़ ट्रस और केमी बडेनोच से दो बार सवाल के जवाब में हाथ उठाने का अनुरोध किया गया था। जिसमें पूछा गया कि क्या बोरिस जॉनसन को सेवा जारी रखने की अनुमति देने के इच्छुक होंगे या नहीं। हालाँकि उनके पास हाथ उठाने के बहुत अवसर थे, लेकिन उनमें से किसी ने भी ऐसा नहीं किया। इससे पता चलता है कि कोई भी बोरिस जॉनसन को अपने कैबिनेट में शामिल नहीं करना चाहता है।