मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जनता ने बड़े विश्वास के साथ सभी विधायकों बैठक खत्म होने के बाद मुख्य विपक्षी सपा के मुख्य सचेतक मनोज कुमार पांडेय ने कहा कि कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार फेल रही है। प्रदेश में अपराधिक घटनाएं लगातार बढ़ रही है। खास तौर पर महिलाओं पर अपराध का ग्राफ बढ़ा है। विपक्षी दलों के नेताओं का उत्पीड़न किया जा रहा है। इसी तरह मंहगाई से आम जनता को दो जून की रोटी जुटाना मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा कि सरकार को सदन में इन मुद्दों के आधार पर ही घेरेंगे। पांडेय ने कहा कि कानून-व्यवस्था से लेकर महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध और किसानों और आम जनता से जुड़े मुद्दों पर सपा अपना मुखर आवाज उठाएगी।
सपा के अलावा बैठक में शामिल होने वाली कांग्रेस विधायक दल की नेता अराधना मिश्रा ‘मोना’, बसपा के उमाशंकर सिंह, रालोद के राजपाल वालियान, सुभासपा के बेदीराम आदि विपक्षी नेताओं ने भी मंहगाई और कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार को घेरने का ऐलान किया है। विधानसभा सत्र के दौरान सरकार को घेरने की विपक्ष की रणनीति को देखते हुए सत्ता पक्ष ने भी कमर कस ली है। इस संबंध में रविवार को लोकभवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में भाजपा विधानमंडल दल की बैठक हुई। इसमें मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों और विधायकों को पूरी तैयारी के साथ सदन में आने को कहा है। उन्होंने सभी विधायकों को सदन में शत-प्रतिशत उपस्थिति दर्ज कराने को कहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सदन लोकतंत्र का मंदिर है, इसलिए सभी विधायकों को मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने बीते पांच साल में बेहतर काम किया है। विपक्ष के पास सरकार को घेरने के लिए कोई मुद्दा नहीं है। इसलिए भाजपा विधायकों को विपक्ष के हर सवाल का जवाब देने के लिए पूरी तैयारी से सदन में आना होगा। उन्होंने कहा कि विपक्ष की ओर से उठाये जाने वाले मुद्दे का जवाब तथ्यों और आंकड़ों के आधार पर दिया चाहिए। इसके लिए सभी मंत्री और विधायक विपक्ष के आरोपों का जवाब देने के लिए पूरी तैयारी करके सदन में आएं। बैठक में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी और प्रदेश महामंत्री (संगठन) धर्मपाल समेत सभी विधायक मौजूद रहे।
महिलाओं को सदन में मिले बोलने का भरपूर मौका
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि 22 सितंबर को सदन की कार्यवाही में महिला विधायकों को बोलने का भरपूर मौका मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोशिश होनी चाहिए कि सभी महिला विधायकों को बोलने का समय मिले और वह अपनी बात नि:संकोच सदन में रख सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोशिश तो यह भी होनी चाहिए कि महिलओं के बोलने के लिए आरक्षित समय में विधानसभा में अध्यक्ष और विधान परिषद में सभापति की कुर्सी पर भी महिला सदस्य ही बैठे।