दमोह। जिले के ग्राम तिंदुआ निवासी ब्रजेंद्र पुत्र परसू आदिवासी को सोमवार सुबह सांप ने डस लिया. इसके बाद उसे किसी तरह आनन-फानन में बटियागढ़ स्वास्थ्य केंद्र लाया गया. वहां उपचार उपलब्ध न होने पर उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया. यहां पर भी प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टर्स ने मरीज को शीघ्र ही जबलपुर जाने की सलाह देते हुए रेफर कर दिया. इसके बाद परिजन सरकारी एंबुलेंस के लिए गुहार लगाते रहे लेकिन एंबुलेंस उपलब्ध नहीं हो सकी.
निजी एंबुलेंस कराई : इसके बाद परिजनों ने निजी एंबुलेंस वाले से बात की. निजी एंबुलेंस वाला पांच हज़ार रुपए में उसे जबलपुर ले जाने के लिए तैयार हुआ. इसके बाद परिजनों ने उसके कहे अनुसार दो हज़ार रुपए का डीजल तत्काल ही एंबुलेंस में डलवा दिया तथा मरीज को ऑक्सीजन लगाकर एंबुलेंस लिटा दिया, लेकिन दमोह से मुश्किल से 10 किलोमीटर दूर हथना पहुंचते ही एंबुलेंस की ऑक्सीजन खत्म हो गई. तब दूसरा सिलेंडर लगाया तो वह भी खाली निकला. इसके बाद मरीज को आनन-फानन में उसे वापस जिला अस्पताल लेकर आ रहे थे लेकिन उसकी मौत हो गई.
अस्पताल में हंगामा : इसके बाद मरीज के परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया. उन्होंने आरोप लगाया कि यदि ऑक्सीजन मिलती रही होती तो शायद उनका बेटा जिंदा बच जाता. यदि समय पर सरकारी एंबुलेंस उपलब्ध हो जाती तो समय पर जबलपुर पहुंच गए होते और बेटे की जान बच जाती. परिजनों ने निजी एंबुलेंस संचालक और अस्पताल प्रबंधन पर कार्रवाई की मांग की है. इसके बाद अब अस्पताल प्रबंधन कुछ भी कहने से बच रहा है.

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