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पुलिस ने नोटिस को समझा जिला बदर का आदेश, गिरफ्तारी के बाद हकीकत पता चली तो उड़े होश

Saturday, September 3, 2022

/ by Today Warta



झाबुआ। ग्रामीण खेमचंद पिता बच्चू गुण्डिया (35) निवासी पिटोल बड़ी को न्यायालय जिला दंडाधिकारी द्वारा राज्य सुरक्षा अधिनियम 1990 की धारा 5 (क) के तहत नोटिस जारी किया गया था. पिटोल पुलिस ने इसे जिला बदर का आदेश समझकर गत 16 अगस्त को खेमचंद के विरुद्ध कार्रवाई कर दी. पिटोल चौकी प्रभारी रमेश कोली ने बाकायदा खेमचंद की गिरफ्तारी बताते हुए उसके विरुद्ध मप्र राज्य सुरक्षा अधिनियम की धारा 14, 15 और 188 में एफआईआर भी दर्ज कर ली.एफआईआर में ये लिखा : पिटोल चौकी प्रभारी उप निरीक्षक रमेश कोली ने एफआईआर में पूरा जिक्र भी किया कि किस तरह उन्हें मुखबिर से सूचना मिली कि खेमचंद पिटोल बस स्टैंड पर नीम के पेड़ के नीचे खड़ा है. इसके बाद चौकी प्रभारी कोली अपने साथ दो गवाह और एएसआई राजाराम भगोरे व आरक्षक सचिन के साथ मौके पर पहुंचे. पुलिस को देखकर खेमचंद भगाने लगा फिर घेराबंदी कर उसे पकड़ा गया. आरोपी की गिरफ्तारी की सूचना उसके चचेरे भाई मोहन पिता मकनसिंह गुण्डिया को दी गई. बाद में पुलिस को समझ आई गलती : सारी कार्रवाई करने के काफी देर बाद पुलिस को समझ आया कि गलती हो गई है. क्योंकि खेमचंद को अभी सिर्फ जिला बदर का नोटिस ही दिया गया था,आदेश नहीं. फिलहाल ये प्रकरण जिला दंडाधिकारी के न्यायालय में चल रहा है. इसके बाद पुलिस के खेमचंद को छोड़ दिया.

मेरे पक्षकार को नोटिस मिला था :

मेरे पक्षकार को जिला बदर करने का नोटिस मिला था ,न कि आदेश. इसमें आज ही जवाब भी प्रस्तुत किया है. पुलिस को कुछ गलतफहमी हो गई थी.

- हरीशचंद खतेड़िया, अभिभाषक

दो- तीन घंटे बैठाकर रखा पुलिस ने :

पुलिस ने मुझे दो -तीन घंटे बैठाकर रखा था. बाद में छोड़ दिया.

- खेमचंद गुण्डिया, ग्रामीण

मेरी जानकारी में आया है प्रकरण :

ये पूरा प्रकरण मेरी जानकारी में आया है. जांच करवा रहे हैं. ये भी पता किया जा रहा है कि कोई आदेश तो नहीं हुए थे.

- बबिता बामनिया, एसडीओपी, झाबुआ

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