इंदौर। इंदौर में बोरे में मिली लाश का मामला सुलझ गया है। मृतक की देवेंद्र अग्रवाल के रूप में शिनाख्त हुई है। उसकी पत्नी नेहा और भानजे विक्की ने हत्या कर लोडिंग रिक्शा से शव को ठिकाने लगा दिया था। पुलिस ने पत्नी नेहा को गिरफ्तार कर लिया है। भानजे विक्की और रिक्शा चालक की तलाश की जा रही है। सोमवार सुबह स्कीम-51 स्थित कासलीवाल के खाली प्लाट से एक शव बरामद हुआ था। एरोड्रम थाना पुलिस शव की शिनाख्त करने में लगी थी कि मंगलवार दोपहर शिवकंठ नगर निवासी आत्माराम अग्रवाल छोटे भाई देवेंद्र की गुमशुदगी लिखवाने थाने पहुंच गया। पुलिस ने शव के फोटो दिखाए तो आत्माराम ने पहचान कर ली। टीआई संजय शुक्ला के मुताबिक, मूलत: मऊरानी झांसी निवासी देवेंद्र 25 साल से भगतसिंह नगर (बाणगंगा) में रहता था। उसकी नेहा अग्रवाल से दूसरी शादी हुई थी। शराब की लत और विवाद के कारण 14 महीने पहले नेहा उसे छोड़ कर भानजे विकास उर्फ विक्की के साथ रहने लगी। डंडे और पाइप मारकर ले ली जान - देवेंद्र राशन दुकान पर नौकरी करता था। रविवार को वह नेहा और बच्चों से मिलने राजाबाग कालोनी गया था। इस दौरान उनमें विवाद हुआ और विक्की व नेहा ने डंडे व पाइप मार कर उसे जान से खत्म कर दिया। दोनों ने शव ठिकाने लगाने के लिए प्लास्टिक के बोरे में कपड़े की कतरने में शव भर कर फेंक दिया। टीआइ के मुताबिक, विक्की सांवेर रोड स्थित पाइप फैक्ट्री में काम करता है। पुलिस उसकी तलाश में छापे मार रही है। महिला भी बार बार बयान बदल रही है। जिस लोडिंग रिक्शा से शव फेंका, उसके चालक की भूमिका की जांच हो रही है।