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रायसेन नगर पालिका जनप्रतिनिधियों की अनदेखी का परिणाम भुगत रहे शहरवासी

Monday, October 10, 2022

/ by Today Warta



राकेश दुबे 

 नलों से एक दिन बाद मिल रहा सिर्फ 15 मिनट पानी

बरेली रायसेन।पुरानी बस्ती यानी आधे शहर के लोग पानी की लगातार किल्लत से तंग आ चुके हैं। ऐसी स्थिति में टैंकरों से पानी भरने को मजबूर हैं शहरवासी  । नगर पालिका अध्यक्ष की अनदेखी का परिणाम शहर वासी भुगत रहे हैं बूंद बूंद पानी के लिए परेशानी का सामना आम नागरिक करने को मजबूर है l हलाली डेम स्थित इंटेकवेल पर बने पंप हाउस पर दो मोटरों को जले हुए सोमवार को पूरे एक हफ्ते का वक्त बीत चुका है। दिन  शहर में हलाली नलजल योजना में करोड़ों का बजट खर्च किया जा चुका है।फिर भी न जल सप्लाई व्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ी हुई है। शहर में 18 ट्यूबवेल और 2 टैंकरों से पानी की सप्लाई की जा रही है। लेकिन नलों से शहर वासियों को एक दिन छोड़कर महज 15 मिनट ही पानी मिल पा रहा है। इसके चलते शहर के साथ ही वार्ड 7,8,13 और 14 में पानी की ज्यादा किल्लत है। हलाली डैम स्थित पंप हाउस पर 425-425 एचपी की दो मोटरें जल गई थीं। इसके बाद से शहर में पानी आना बंद हो गया।तब से शहर में पानी को लेकर लोग परेशान होते आ रहे हैं। इधर नगरपालिका परिषद 7 दिनों से जली हुई मोटरें सुधरवाने की बात कह रही है। सीएमओ सुधीर सिंह जल प्रभारी व कनिष्ठ यंत्री अभिषेक मालवीय के मुताबिक रविवार को भोपाल से एक मोटर सुधरवाकर इंटेकवेल तक देर शाम को पहुंचा दी गई है। रात में मोटर की फिटिंग का काम कर लिया जाएगा।फिर भी सोमवार 10अक्टूबर को नलों में जल सप्लाई नहीं हो सका।

जल सप्लाई से बिगड़ी नपा की बैलेंस सीट, जल सप्लाई भी लड़खड़ाई.....

शहर वासियों को पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है। वह भी तब जब नगरपालिका परिषद की पेयजल व्यवस्थाओं पर हर महीने 23.5 लाख रुपए खर्च कर रही है। इस राशि में जल सप्लाई व्यवस्था संभाल रहे 70 कर्मचारियों के वेतन की राशि शामिल नहीं है। हलाली डेम पर बने इंटेकवेल, पंप हाउस और शहर के फिल्टर प्लांट को मिलाकर 13 से 14 लाख रुपए महीने का बिजली बिल आता है। हलाली से पानी सप्लाई बंद हो जाने पर शहर में 18 ट्यूबवेल चलाकर जल सप्लाई की जाती है।इन ट्यूबवेल का भी करीब 3 लाख रुपए महीने के हिसाब से बिजली का बिल बनता है। इस तरह से 16 लाख रुपए हर महीने तो बिजली का बिल ही आता है। इसके अलावा जलावर्धन योजना के लिए लोन की किस्त हर तीन महीने में 23 लाख रुपए नगरपालिका काे चुकाना पड़ती है। इस तरह से जल सप्लाई पर नगरपालिका परिषद नपर हर महीने करीब 23.5 लाख रुपए का खर्च आ रहा है।

जल कर की बिलिंग 12.6 लाख रुपए.....

50 हजार की आबादी वाले रायसेन  शहर में करीब 7 हजार नल कनेक्शन हैं। प्रति नल कनेक्शन में हर महीने में 180 रुपए जलकर लगाया जाता है। इस तरह से शहरवासियों पर 12 लाख 60 हजार रुपए का जल कर हर महीने लगाया जाता है। लेकिन इसमें से महज 3 से 4 लाख रुपए महीने की ही वसूली हो पाती है। इस तरह से नगर पालिका को शहरवासियों को पानी उपलब्ध कराने के लिए काफी मशक्कत करना पड़ रही है।

पानी की कमी से आधे काम रुके....

हलाली डैम से पानी मिलने पर भी शहर में एक समय महज 30 मिनट पानी सप्लाई किया जाता है,।अब जबकि 7 दिन से डेम से पूरी तरह से जल सप्लाई रुकी हुई है, तक शहर में 18 ट्यूबवेल से महज 15 मिनट ही पानी की सप्लाई एक दिन दिन छाेड़कर हो पाती है। शहरवासियों को 15 मिनट में मिले पानी से 48 घंटे काम चलाना है। इससे लोगों को अपने घरों के आधे काम रोककर चलना पड़ता है ।

टैंकरों पर भी भीड़ तो कहीं विवाद

शहर में नगर पालिका द्वारा 2 टैंकरों से पानी की सप्लाई की जा रही है। इससे 24 घंटे में 15 से 20 टैंकर पानी ही शहर में सप्लाई हो पाता है। टैंकरों से पानी भर पाना भी लोगों के लिए मुश्किल भरा साबित हो रहा है। टैंकर आते ही पानी लेने वाले लोगों की भीड़ उमड़ पड़ती है। स्थिति यह बनती है कि कुछ लोगों को पानी मिलता है, तो कुछ लोग छूट जाते हैं। इसके अलावा टैंकर को खड़े करने की जगह को लेकर विवाद भी हो रहे हैं ।

कांग्रेसी पार्षद जल संकट को लेकर कर चुके हैं मटका फोड़ प्रदर्शन.....

हलाली नलजल परियोजना की जलसंकट को लेकर पहले कांग्रेसियों सहित कांग्रेस पार्षदों ने नपा में नेताप्रतिपक्ष प्रभात चावला के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन कर चुके हैं।इसके बाद नपा भवन में कांग्रेसियों ,पार्षदों ने मटका फोड़कर प्रदर्शन किया जा चुका है।2 महीनों में पहले28 दिन, फिर 9 दिन अब 7 दिनों से पुरानी बस्ती के लोग हलाली नलजल योजना से पानी की किल्लत बनीं हुई है।

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