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दिवाली गिफ्ट : MP में मेयर-पार्षदों की सैलरी डबल!

Thursday, October 20, 2022

/ by Today Warta


33 से 87% की बढ़ोतरी का प्रस्ताव; बड़े शहरों के महापौर को मिलेगा 20 हजार प्रतिमाह

शिवराज सरकार नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधियों को वेतन-भत्ते बढ़ाकर दिवाली गिफ्ट देने जा रही है। नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया है। इसके मुताबिक नगर निगमों के महापौर, अध्यक्ष और पार्षदों के वेतन-भत्तों में 33 से 87% की बढ़ोत्तरी हो रही है, जबकि नगर पालिका के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व पार्षदों को 56 से 71% की ग्रोथ दी जा रही है। सबसे ज्यादा नगर परिषदों के अध्यक्ष के वेतन-भत्ते में 128% का इजाफा किया गया है। बता दें कि नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधियों के वेतन-भत्तों में 12 साल बाद बढ़ोतरी की जा रही है।

नगर निगम को दो भागों में बांटा
प्रस्ताव के मुताबिक नगर निगमों को दो भागों में बांटा गया है। पहला- 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहर। यानी भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर व उज्जैन इस श्रेणी में हैं। इन शहरों के महापौर की सैलरी प्रति माह 11 हजार से बढ़ाकर 20 हजार रुपए की जा रही है, जबकि अलाउंस भी दो गुना कर 5 हजार रुपए होगा। वहीं, 10 लाख से कम आबादी वाले शहरों के महापौर का वेतन 11 हजार से बढ़ाकर 15 हजार और अलाउंस भी ढाई हजार से बढ़ाकर 4 हजार रुपए किया गया है।

निगम अध्यक्ष के वेतन-भत्ते में 4 हजार का अंतर
बड़े व छोटे नगर निगमों के अध्यक्षों के वेतन व भत्ते में 4 हजार रुपए का अंतर रखा गया है। 10 लाख से अधिक आबादी वाले नगर निगमों के अध्यक्षों (स्पीकर) की सैलरी 9 हजार से बढ़ाकर 15 हजार रुपए की गई है। वहीं, अलाउंस 1400 से बढ़ाकर 4 हजार रुपए किया गया है। वहीं, 10 लाख से कम आबादी वाले शहरों के नगर निगम अध्यक्ष की सैलरी 9 हजार से बढ़ाकर 12 हजार की गई है, जबकि अलाउंस में 1600 रुपए का इजाफा किया गया है।

पार्षदों की सैलरी अब 10 हजार
बड़े नगर निगमों के पार्षदों को अब प्रति माह 10 हजार रुपए सैलरी मिलेगी। अभी उन्हें 6 हजार रुपए मिलते हैं। इसी तरह, 10 लाख से कम आबादी वाले नगर निगमों के पार्षदों की सैलरी 6 हजार से बढ़ाकर 8 हजार रुपए की जा रही है। पार्षद की सैलरी नगर पालिका में 1800 से बढ़ाकर 3 हजार और नगर परिषद में 1400 से बढ़ाकर 2 हजार की जा रही है।

बैठकों के हिसाब से मिलता है भत्ता

बता दें कि वार्ड में विकास करने के लिए विशेष तौर पर पार्षद निधि नहीं होती। उन्हें उनके वार्ड से मिला संपत्तिकर व अन्य कर जमा के हिसाब से उसका 50% ही खर्च करने को मिलता है। इसके साथ ही वार्ड पार्षद को निगम की होने वाली प्रत्येक बैठक के हिसाब से 125 रुपए से लेकर 225 रुपए भत्ता मिलता है। इसे बढ़ाकर 200 रुपए से लेकर 500 रुपए किया जा रहा है। कुल मिलाकर पूरे कार्यकाल में 15 से 20 बैठकें होती हैं, उसके हिसाब से बैठक भत्ते के रूप में 5 हजार हजार रूपए मिल पाता है। वार्ड पार्षद के लिए पेंशन का प्रावधान नहीं है।

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