भोपाल (राज्य ब्यूरो)। प्रदेश के साढ़े चार लाख पेंशनर को प्रतिमाह मिलने वाली महंगाई राहत में सरकार पांच प्रतिशत की वृद्धि करेगी। वित्त विभाग ने इसके लिए तैयारी कर ली है। छत्तीसगढ़ सरकार से सहमति प्राप्त करने के लिए वित्त विभाग ने पत्र भी लिखा है। उल्लेखनीय है कि शिवराज सरकार पेंशनर को कर्मचारियों के बराबर महंगाई राहत देने का निर्णय कर चुकी है। छत्तीसगढ़ सरकार ने कर्मचारियों को दिए जाने वाले महंगाई भत्ते में पांच प्रतिशत की वृद्धि की है लेकिन महंगाई राहत में वृद्धि के आदेश जारी नहीं किए हैं जबकि, मध्य प्रदेश सरकार 34 प्रतिशत महंगाई राहत करने का निर्णय करके छत्तीसगढ़ सरकार को पत्र लिख चुकी है। वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि राज्य पुनर्गठन अधिनियम के अनुसार पेंशनर की महंगाई राहत में वृद्धि के लिए दोनों राज्यों के बीच सहमति होना चाहिए।
दरअसल, वर्ष 2000 के पहले सेवानिवृत्ति हुए कर्मचारियों की पेंशन और महंगाई राहत के भुगतान में आना वाला वित्तीय भार 76 प्रतिशत मध्य प्रदेश और 24 प्रतिशत छत्तीसगढ़ सरकार को वहन करना होता है। पेंशनर को अभी प्रतिमाह 28 प्रतिशत की दर से महंगाई राहत मिल रही है। इसमें यदि पांच प्रतिशत की वृद्धि की सहमति मिल जाती है तो महंगाई राहत बढ़कर 33 प्रतिशत प्रतिमाह हो जाएगी। हालांकि, यह फिर भी कर्मचारियों को मिलने वाले महंगाई भत्ते से एक प्रतिशत कम रहेगी। पेंशनर एसोसिएशन मध्य प्रदेश के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गणेश दत्त जोशी का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार की तरह महंगाई भत्ता और महंगाई राहत 38 प्रतिशत कर दिया है। प्रदेश में कर्मचारियों का महंगाई भत्ता चार प्रतिशत बढ़ाने की तैयारी है। राज्य कर्मचारी कल्याण समिति द्वारा दीपावली के पहले महंगाई भत्ते में वृद्धि और एरियर का भुगतान करने का आग्रह किया है। इस बारे में अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा लिया जाएगा।

Today Warta