जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने पूर्व आदेश व सूचना की नाफरमानी करते हुए गवाही देने हाजिर न होने के रवैये को आड़े हाथों लिया। इसी के साथ नरसिंहपुर के पूर्व कलेक्टर व वर्तमान में लघु उद्योग निगम के प्रबंध संचालक रोहित सिंह व भोपाल की नायब तहसीलदार प्रीति नागेंद्र के विरुद्ध पांच-पांच हजार रुपये के जमानती वारंट जारी कर दिए। दोनों को आगामी सुनवाई तिथि दो दिसंबर को हर हाल में गवाही के लिए हाजिर रहने के निर्देश दिए गए हैं। न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की एकलपीठ के समक्ष शुक्रवार को मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान चुनाव याचिकाकर्ता जबलपुर निवासी जितेंद्र अवस्थी अपना पक्ष रखने स्वयं खड़े हुए। उन्होंने आइएएस रोहित सिंह व नायब तहसीलदार प्रीति नागेंद्र को उनके मोबाइल नंबर व वाट्सएप नंबर पर पूर्व सूचना दिए जाने के साक्ष्य प्रस्तुत किए। इसके तहत मोबाइल के स्क्रीन शाट्स की प्रतिलिपि दर्शित की। जिसे अभिलेख पर लेकर नाफरमानी को सख्ती से लेकर जमानती वारंट जारी कर दिए गए।
यह है मामला :
यह मामला बरगी विधानसभा चुनाव से संबंधित है याचिकाकर्ता का आरोप है कि वह बरगी विधानसभा से विधायक का नामांकन भरने कलेक्ट्रेट गया था। उस समय जबलपुर के तत्कालीन निर्वाचन अधिकारी आइएएस रोहित सिंह थे। उन्होंने नामांकन भरने में बाधा उत्पन्ना करते हुए कमरे से बाहर निकलवाने की अनुचित हरकत कर दी थी। इससे चुनाव याचिकाकर्ता के स्वाभिमान को गहरी ठेस लगी, साथ ही वह चुनाव लड़ने से भी वंचित हो गया। लिहाजा, उसने चुनाव याचिका दायर कर दी। इसके जरिए आरोप लगाया है कि यदि उसका नामांकन मंजूर हो गया होता तो वह विधायक निर्वाचित हो सकता था। यदि ऐसा होता तो वह बरगी की जनता की सेवा करके आशीर्वाद अर्जित करता। लेकिन आइएएस रोहित सिंह की हठधर्मिता ने उसका सपना तोड़ दिया। आलम यह है कि इस मामले में गवाही देने भी निर्धारित तिथियों में नहीं आ रहे हैं। इससे चुनाव याचिका विगत चार वर्ष से लंबित है। यदि यही हाल रहा तो चुनाव आ जाएंगे और चुनाव याचिका सारहीन हो जाएगी। इसकी शिकायत भी वे पूर्व में मुख्य न्यायाधीश से कर चुके हैं, जिसके बाद यह मामला नियमित रूप से सुने जाने की व्यवस्था दी गई।