सिविल जज व एडीजे परीक्षा की उत्तर पुस्तिका सार्वजनिक करने का मामला
जबलपुर। सुप्रीम कोर्ट में सीधे अपील के लिए हाई कोर्ट से प्रमाण-पत्र की मांग के मामले की सुनवाई 18 नवंबर तक के लिए बढ़ा दी गई है। सोमवार को मामला हाई कोर्ट में सुनवाई के लिए लगा था, लेकिन अनावेदक पक्ष की अनुपस्थिति के कारण सुनवाई नहीं हो सकी। यह मामला सिविल जज व एडीजे परीक्षा की उत्तर पुस्तिका सार्वजनिक करने से जुड़ा है। एडवोकेट यूनियन फार डेमोक्रेसी एंड सोशल जस्टिस की ओर से अधिवक्ता विनायक प्रसाद शाह व रामेश्वर सिंह ठाकुर पक्ष रख रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस मुद्दे को लेकर हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। याचिका के जरिए हाई कोर्ट से मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट में अपील पेश करने प्रमाण प्रदान करें। हाई कोर्ट ने उस जनहित याचिका को निरस्त कर दिया था, जिसके जरिए आरटीआई के तहत उक्त परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाएं सार्वजनिक करने की मांग की गई थी। हाई कोर्ट ने याचिका यह कहते हुए निरस्त कर दी थी कि यदि आरटीआइ के तहत उत्तर पुस्तिकाएं दी जाती हैं, तो उनके दुरुपयोग होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। हाई कोर्ट ने यह भी कहा था कि इससे निजता का हनन होगा और कई जटिलताएं उत्पन्ना होंगी। हाई कोर्ट ने जनहित याचिका पर पारित अपने आदेश में विधि के कुछ सारभूत प्रश्नों के जवाब नहीं दिए थे। उन्होंने बताया कि संविधान के अनुछेद 134-ए के तहत विधि के सारभूत प्रश्नों के सुप्रीम कोर्ट से निराकरण के लिए हाई कोर्ट द्वारा प्रमाण पत्र जारी करने का प्रविधान है।