जबलपुर। मप्र पावर मैनेजमेंट कंपनी ने बुधवार को वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बिजली दर निर्धारण याचिका मप्र विद्युत नियामक आयोग में दाखिल कर दी है। कंपनी ने 1500 करोड़ रुपये के अंतर को खत्म करने के लिए औसत 3.2 प्रतिशत बिजली की दर बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। प्रारंभिक आंकलन में पावर मैनेजमेंट कंपनी को वर्ष 2023-24 के लिए कंपनी को 49,500 करोड़ रुपये के राजस्व की जरूरत होगी, जबकि सारे प्रयास करने के बाद उसे केवल 48,000 करोड़ रुपये का राजस्व ही मौजूदा दर से मिलना संभावित है इस कमी को दूर करने के लिए कंपनी प्रबंधन ने औसत दर में बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है। इससे उपभोक्ताओं पर भार बढ़ेगा। ज्ञात हो कि पिछले साल यह बिजली के दाम 8.71 प्रतिशत बढ़ाने की अनुमति मांगी गई थी। इस बार चुनावी साल होने के कारण कम दर बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया। इस बार की याचिका में औद्योगिक इकाईयों की सालों पुरानी मांग को पूरा करते हुए बिलों की रीडिंग केवीएच की जगह केएवीएच से करने का प्रस्ताव शामिल किया गया है। कंपनी के सीजीएम टैरिफ शैलेंद्र सक्सेना ने बताया कि आयोग के टैरिफ याचिका जमा कर दी गई है। इसके बाद इस संबंध में आगे की प्रक्रिया होगी। इस पर प्रांरभिक सुनवाई 6 दिसंबर होगी। मामले में 1500 करोड़ रुपये वसूलने बिजली की दर 3.2 प्रतिशत बढ़ाने का प्रस्ताव प्रदेश की पावर मैनेजमेंट कंपनी ने आयोग में याचिका दाखिल की थी। वर्ष-2023-24 के लिए बिजली दर निर्धारण के लिए याचिका लगाई गई है। यदि बिजली के दाम बढ़ते हैं तो उपभोक्ताओं पर इसका सीधा असर पड़ेगा।