कड़ाके की ठंड में रात के वक्त पहरा देने से बचने के लिए शमसाबाद गांव के किसानों ने एक नया तरीका निकाला, जिसमें पांच छह खेतों को मिलाकर उनके बाहर एक लकड़ी का गेट बनाया गया है। अब किसान गेट पर ही ताला डालकर पहरा देते हैं। किसान विनोद यादव के मुताबिक इससे 5-6 खेत मालिकों के बजाए सिर्फ एक या दो को वह भी बारी बारी से पहरा देना होता है, जो कि बहुत जरूरी भी नहीं है। फिर भी ऐतिहातन देना ठीक रहता है। इस तरह बाकी के किसान रोज रोज की सर्दी से बच जाते हैं। किसान संन्तोष यादव,विष्णु जायसवाल,सुन्दर पासी आदि का कहना है कि आखिर कब तक प्रशासन से मदद मिलने का इंतजार करते कुछ तो करना ही था सो भइया अपनी मदद अपने हाथ स्वयं करने का फैसला कर गेट लगाना ही ठीक लगा। वह तो कहेंगे बाकी के गांव के लोग भी कुछ ऐसा ही उपाय करें, जिससे किसानों को इस ठंड में रातें खेतों में न बितानी पड़ें।