मध्यप्रदेश में ग्राम पंचायतों के लिए प्रतिबंधित काम
हैंडपंप खनन, नलकूप खनन, पेयजल का परिवहन, ग्रेवल रोड या मुरम डालना, वाहनों का खरीदा जाना, पानी के टैंकर खरीदने आदि के काम पंचायतें नहीं कर पाएंगी।
ग्राम पंचायत है पर्यटन से पैसा कमाए
पंचायतों को पर्यटन से भी जोड़ा जा रहा है। अगर किसी पंचायत में ईको टूरिज्म का कोई स्थान है तो उसके लिए पहुंच मार्ग और बाकी सुविधाएं विकसित की जा सकती हैं। पर्यटकों को शुल्क के साथ ठहराने की व्यवस्था बनाई जा सकती है।
मध्यप्रदेश में ग्राम पंचायतों की कमाई के विकल्प
पर्यटन की जगह है तो उसे विकसित करें। शुल्क के साथ ठहराया जाए।
मैरिज गार्डन बनाना और उसे चलाना।
सरकारी जमीन पर चौपाल या छोटी दुकानें बनाना।
हाट बाजार का निर्माण।
दुकानों के साथ यात्री प्रतीक्षालय बनाना और बस स्टैंड पर दुकानों का निर्माण।
आरओ वॉटर प्लांट की स्थापना। कम दर पर पानी उपलब्ध कराना।
नर्सरी और पौध विक्रय केंद्र बनाना।
ओपन जिम बनाना।
मध्यप्रदेश में ग्राम पंचायतों को यह काम जरुर करना है
मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाइब्रेरी बनाना।
छात्र-छात्राओं के लिए मिनी साइंस सेंटर का बनवाना, ताकि बेसिक साइंस मजबूत हो।
सार्वजनिक व चिल्ड्रन पार्क बनाना।
छायादार स्थान पर बुजुर्गों के लिए चौपाल।
ग्राम पंचायतों में विकास के यह काम होंगे
सीसी रोड के साथ पक्की नाली।
सरकारी भवनों की बाउंड्रीवाल।
गौशाला निर्माण।
रपटा-पुलिया बनाना।
एलईडी स्ट्रीट और सौर ऊर्जा लाइट लगाना।
ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार में ही चलेगा
पंचायत दर्पण पोर्टल के माध्यम से ही राशि खर्च की जा सकेगी। कार्य मंजूरी अपलोड करनी होगी। काम शुरू होने से लेकर खत्म होने तक की जानकारी देनी होगी। हर खर्च का बिल देना होगा। राशि के दुरुपयोग का पता चलने पर कानूनी कार्रवाई होगी।