किंग चार्ल्स-तृतीय शनिवार को आधिकारिक तौर पर ब्रिटेन के नए सम्राट बन गए हैं। सेंट जेम्स पैलेस में प्रिवी काउंसिल की बैठक में इसका ऐलान किया गया। अब उन्हें किंग चार्ल्स-तृतीय कहकर बुलाया जाएगा। चार्ल्स को अपने पिता की उपाधि ड्यूक आॅफ कॉर्नवाल विरासत में मिली है। ऐसे में उनकी पत्नी कैमिला, अब डचेस आॅफ कॉर्नवाल कहलाएंगी। प्रिवी काउंसिल में वरिष्ठ सांसद, सीनियर सिविल सर्वेंट्स, कॉमनवेल्थ हाई कमिश्नर और लंदन के लॉर्ड मेयर शामिल होते हैं। सामान्य तौर पर 700 से ज्यादा लोग इस कार्यक्रम में शामिल होते हैं, लेकिन इस बार इतनी संख्या की गुंजाइश नहीं दिखी, क्योंकि शॉर्ट नोटिस पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में सबसे पहले प्रिवी काउंसिल के लॉर्ड प्रेसिडेंट पेनी मोर्डंट ने एलिजाबेथ-कक के निधन की घोषणा की। यह घोषणा ऊंची आवाज में हुई। इसके बाद कई प्रेयर्स हुईं, महारानी की उपलब्धियां बताई गईं। साथ ही नए किंग की खूबियों को भी गिनाया गया। घोषणा पत्र पर प्रधानमंत्री, कैंटरबरी के आर्कबिशप और लॉर्ड चांसलर सहित कई सीनियर आॅफिसर ने साइन किए। इसी कार्यक्रम में यह भी तय किया गया कि नए किंग के सत्ता संभालने के बाद क्या कुछ बदलाव किए जाएंगे। फिर एडिनबर्ग, कार्डिफ और बेलफास्ट में चार्ल्स को राजा बनाए जाने की घोषणा पढ़ी जाएगी। आखिर में शाही परंपरा के मुताबिक, औपचारिक रूप से चार्ल्स को ताज पहनाया जाएगा। ये कोरोनेशन सेरेमनी किस दिन होगी, इसकी घोषणा नहीं की गई है। कोरोनेशन यानी ताजपोशी के लिए अभी चार्ल्स को इंतजार करना पड़ सकता है, क्योंकि इसकी तैयारियों में वक्त लगेगा। इससे पहले क्वीन एलिजाबेथ को भी करीब 16 महीने इंतजार करना पड़ा था। फरवरी 1952 में उनके पिता का निधन हुआ, लेकिन जून 1953 में उनकी ताजपोशी हुई थी टेन की महारानी एलिजाबेथ-कक के निधन के बाद उनके बेटे प्रिंस चार्ल्स नए किंग बन गए हैं। अपनी मां के नाम एक आखिरी संदेश देते हुए किंग चार्ल्स ककक काफी भावुक नजर आए। उन्होंने कहा- मेरी प्यारी मां मेरे और परिवार के लिए इंस्पिरेशन थीं। 1947 में मेरी मां ने अपने 21वें जन्मदिन पर एक प्रण लिया था। वे पूरी जिंदगी सिर्फ लोगों की सेवा करना चाहती थीं। ये एक वादे से ज्यादा लोगों के लिए किया गया कमिटमेंट था जिसे उन्होंने पूरी जिंदगी निभाया।