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एक ही सपना – विशाल मेगा मार्ट में सिक्योरिटी गार्ड बनना है": सोशल मीडिया पर वायरल हुआ अनोखा ट्रेंड

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Sunday, May 18, 2025

 


सोशल मीडिया की दुनिया में हर दिन कुछ नया वायरल होता है, लेकिन इस बार एक ऐसा वीडियो और ट्रेंड वायरल हो गया है, जिसने न सिर्फ लोगों को हँसाया, बल्कि सोचने पर भी मजबूर कर दिया है। वायरल वीडियो में एक युवक बड़े गर्व से कहता है – "एक ही सपना है – विशाल मेगा मार्ट में सिक्योरिटी गार्ड बनना है।" यह लाइन इंटरनेट पर आग की तरह फैल गई और देखते ही देखते एक जबरदस्त मीम ट्रेंड बन गया।

इस ट्रेंड की शुरुआत एक साधारण वीडियो से हुई थी, जिसमें एक युवा लड़का अपने जीवन का लक्ष्य बताता है – विशाल मेगा मार्ट में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी पाना। इस सरल लेकिन मजेदार बयान को लोगों ने मीम्स और सटायर के ज़रिए इतना वायरल कर दिया कि यह देशभर के युवाओं की चर्चा का विषय बन गया।

सोशल मीडिया पर बाढ़

ट्विटर (अब X), इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर इस ट्रेंड से जुड़े हज़ारों मीम्स शेयर किए जा रहे हैं। कई यूज़र्स ने तो इसे UPSC, JEE और NEET जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के स्तर की नौकरी बता डाला। कुछ ने लिखा – "सपने बड़े रखो, जैसे – विशाल मेगा मार्ट का सिक्योरिटी गार्ड बनना।" वहीं कुछ रचनात्मक यूज़र्स ने कोचिंग क्लासेस, मॉक इंटरव्यू और टॉपर की स्ट्रेटेजी जैसे मजाकिया वीडियो बना डाले।

मजाक में छुपा समाज का सच

जहाँ एक ओर यह ट्रेंड देखने में बेहद मजेदार है, वहीं दूसरी ओर यह हमारे समाज की बेरोज़गारी और नौकरी की किल्लत पर व्यंग्य भी है। भारत के छोटे शहरों में आज भी ऐसी नौकरियां – जैसे कि मॉल में सिक्योरिटी गार्ड – स्थायित्व और सम्मान का प्रतीक मानी जाती हैं। यह मीम ट्रेंड उन युवाओं की वास्तविकता को उजागर करता है जो सीमित अवसरों के बीच भी किसी नौकरी के लिए अपना सब कुछ झोंक देते हैं।

ब्रांड को मिली फ्री पब्लिसिटी

विशाल मेगा मार्ट की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन इतना तय है कि इस ट्रेंड से ब्रांड को जबरदस्त प्रचार मिल रहा है। लोग मजाक में सही, लेकिन विशाल मेगा मार्ट का नाम अब हर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर गूंज रहा है।

निष्कर्ष

यह ट्रेंड हमें यह भी याद दिलाता है कि इंटरनेट की दुनिया में कुछ भी वायरल हो सकता है – चाहे वह किसी गंभीर मुद्दे पर हो या फिर एक सिंपल सपने पर। "एक ही सपना" आज का मजाक है, कल शायद किसी के लिए प्रेरणा बन जाए।

विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से लिया संन्यास — 14 साल के सुनहरे सफर का अंत

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Thursday, May 15, 2025

भारत के दिग्गज बल्लेबाज और सबसे सफल टेस्ट कप्तानों में से एक विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का एलान कर दिया है। इस खबर ने करोड़ों क्रिकेट प्रेमियों को भावुक कर दिया है।


कोहली ने सोशल मीडिया पर अपने बयान में लिखा

"टेस्ट क्रिकेट हमेशा मेरे दिल के सबसे करीब रहा है। भारत के लिए सफेद जर्सी पहनकर खेलना मेरे लिए गर्व की बात थी। अब समय आ गया है कि मैं टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहूं और युवाओं को आगे आने दूं।"

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विराट कोहली का टेस्ट करियर (2011-2025):


आंकड़े प्रदर्शन


कुल टेस्ट मैच - 123

कुल रन - 9,230

शतक - 30

अर्धशतक - 31

सबसे बड़ा स्कोर 254* नाबाद

कप्तान के रूप में जीत 68 मैचों में 40 जीत



कोहली ने 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ डेब्यू किया था। उनकी अगुवाई में भारत ने पहली बार ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीती, जो भारतीय क्रिकेट के इतिहास का स्वर्णिम पल था। उन्होंने भारत को नंबर 1 टेस्ट टीम भी बनाया।

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रिटायरमेंट के कारण:


1. शारीरिक थकान और उम्र का असर — लंबे समय से खेलते हुए शरीर पर दबाव बढ़ा है।

2. निजी जीवन को प्राथमिकता — परिवार और खुद के लिए समय निकालना चाहते हैं।

3. नए खिलाड़ियों के लिए जगह बनाना — कोहली मानते हैं कि अब युवा खिलाड़ियों को आगे लाना जरूरी है।

4. सम्मानजनक विदाई लेना चाहते थे — उन्होंने अपने करियर को संतुष्टि के साथ खत्म करने का फैसला लिया।

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क्या विराट बाकी क्रिकेट खेलेंगे?


विराट ने अभी सिर्फ टेस्ट क्रिकेट से रिटायरमेंट लिया है।

वे अभी भी वनडे और टी-20 फॉर्मेट में खेलना जारी रखेंगे।

2025 में होने वाली ICC चैंपियंस ट्रॉफी में उनके खेलने की पूरी संभावना है।

इसके अलावा वे IPL में भी खेलते रहेंगे।

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रिटायरमेंट के बाद क्या करेंगे विराट?


कोहली अब अपने फिटनेस ब्रांड और वेलनेस प्रोजेक्ट्स पर फोकस कर सकते हैं।

वे आने वाले समय में मेंटोर, कोच या क्रिकेट एडमिनिस्ट्रेशन में भी भूमिका निभा सकते हैं।

हाल ही में वे धार्मिक यात्रा पर वृंदावन भी गए थे, जिससे ये अंदाजा लगाया जा रहा है कि वे अपने आध्यात्मिक जीवन को भी समय देना चाहते हैं।

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एक युग का अंत


विराट कोहली सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं, बल्कि नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा रहे हैं। उनकी आक्रामकता, फिटनेस, मेहनत और कप्तानी में जोश ने भारतीय क्रिकेट को एक नई पहचान दी। कोहली का टेस्ट करियर खत्म हुआ है, लेकिन उनके योगदान को क्रिकेट प्रेमी कभी नहीं भूल पाएंगे।



तुर्किये और सीरिया भूकंप: 15 हजार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी, भारत ने चलाया आपरेशन 'दोस्त'

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Thursday, February 9, 2023



नई दिल्ली। तुर्किये और सीरिया में भूकंप के चलते जान गंवाने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। नए आंकड़ों के अनुसार, अब तक 15 हजार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। घायलों की संख्या 80 हजार से भी अधिक हो गई है। अभी बड़ी संख्या में लोग मलबे के नीचे फंसे हुए हैं। ऐसे में मृतकों और घायलों की संख्या में कई गुना ज्यादा बढ़ोतरी हो सकती है। इस बीच, तुर्किये के अलग-अलग शहरों में बार-बार भूकंप के झटके भी महसूस किए जा रहे हैं। यूनाइटेड स्टेट जियोलॉजिकल सर्विसेज (वरॠर) की रिपोर्ट के अनुसार, रात में 12 बजे के बाद से सुबह सात बजकर 14 मिनट के बीच पांच बार अलग-अलग समय पर भूकंप के झटके आए। इनकी तीव्रता 4.4 से 4.5 के बीच रही।  उधर, भारत ने तुर्किये में भूकंप प्रभावित लोगों की मदद के लिए 'आॅपरेशन दोस्त' चलाया है। इसके जरिए भारत ने तुर्किये के लोगों की मदद तेज कर दी है। सेना, एयरफोर्स के जवान, एनडीआरएफ आॅर डॉक्टर्स की टीम तुर्किये भेजी गई है। बड़े पैमाने पर राहत सामग्री भी भेजी गई है। आइए जानते हैं दोनों देशों में अभी क्या हालात हैं? राहत-बचाव कार्य कैसे चल रहा है? भूकंप प्रभावित इलाकों में हालात कैसे हैं? लोगों का क्या कहना है? 

तुर्किये सरकार की ओर से जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अब तक यहां 12 हजार 391 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 62 हजार 914 लोग घायल बताए जा रहे हैं। इनमें बड़ी संख्या में ऐसे भी हैं, जिनकी हालत काफी गंभीर है। वहीं, सीरियाई सरकार के अनुसार, देश में अब तक 2,992 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें 1730 लोगों की मौत नॉर्थ वेस्ट के अलागवादी क्षेत्रों में हुई है, जबकि 1262 मौतें सरकार के कब्जे वाले इलाके में। 10 हजार से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। 

तुर्की के राष्ट्रपति ने कमियों को स्वीकारा

तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने बुधवार को राहत-बचाव के काम में सरकार की कमियों को स्वीकार किया। कहा कि राहत-बचाव कार्य में तेजी लाने के लिए हर प्रयास किए जा रहे हैं। दुनिया के अन्य देशों से मदद भी मिल रही है। सबके प्रयास से देश को इस संकट से उबारेंगे। तुर्किये सरकार के अनुसार, बारिश और ठंड के मौसम के चलते राहत कार्य प्रभावित हुए हैं, लेकिन फिर भी कोशिशों में तेजी लाई गई है।

न रात बितनारे के लिए छत, न खाने को खाना, भूख से तड़प रहे लोग

तुर्किये और सीरिया में हालात बेहद खराब हो चुके हैं। हजारों की संख्या में लोगों के घर जमींदोज हो गए। लोग बेघर हो गए। बड़ी संख्या में लोगों की जान चली गई और कई ऐसे हैं जो अभी भी जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहे हैं। इस बीच, जो जिंदा बच गए उनकी हालत भी काफी दयनीय हो गई है। रिपोर्ट के अनुसार, बेघर हो चुके लोगों को कड़कती ठंड में सड़कों पर रात गुजारना पड़ रहा है। सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं दी जा रही है। न खाने को है और न ठंड से बचने का कोई उपाय। लोग भूखे-प्यासे दिनरात अपनों की तलाश में जुटे हैं। गजियानटेप में इस समय मौसम -5 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है। 

अपनों की तलाश में हाथों से मलबा हटा रहे लोग

तुर्की और सीरिया दोनों ही जगह इस समय जमकर ठंड पड़ रही है। इस खून जमा देने वाली सर्दी ने राहत और बचावकार्य को बाधित किया है। सर्दी की वजह से यह उम्मीद भी खत्म होती जा रही है कि मलबे में कोई जिंदा बचा होगा। फिर भी मलबे में लोग अपनों की तलाश में जुटे हैं। लोगों को उम्मीद है कि मलबे के अंदर भी अभी लोगों की जान बची है। यही कारण है कि सरकारी मदद न मिलने के बावजूद लोग दिनरात अपने हाथों से मलबे हटाने में जुटे हैं। 


पाकिस्तान में एक के बाद एक संकट, अब पाकिस्तान का पावर सिस्टम फेल, कई बड़े शहरों में बिजली गुल

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Monday, January 23, 2023



इस्लामाबाद। पाकिस्तान पर एक के बाद एक संकट आ रहे हैं। पड़ोसी देश गंभीर आर्थिक संकट और महंगाई से उबर नहीं पा रहा है कि अब उस पर एक नई मुसीबत टूट पड़ी है। बता दें कि पाकिस्तान में पावर सिस्टम फेल हो गया है, जिसके चलते पाकिस्तान के इस्लामाबाद, लाहौर और कराची जैसे बड़े शहरों में बिजली गुल हो गई है।  पाकिस्तान के ऊर्जा मंत्रालय ने कहा है कि सोमवार सुबह करीब साढ़े सात बजे पाकिस्तान के नेशनल ग्रिड की सिस्टम फ्रिक्वेंसी फेल हो गई। इसके चलते देशभर में पावर सिस्टम प्रभावित होने के चलते बिजली गुल हुई है। मरम्मत का काम चल रहा है। पाकिस्तान के मीडिया संस्थानों ने भी बताया है कि कराची, लाहौर के कई इलाकों में बिजली नहीं है। 


कोरोना से फिर डरी दुनिया, चीन में नया कोरोना वैरिएंट, 1 मरीज से 18 संक्रमित

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Wednesday, December 21, 2022



बीजिंग। चीन में कोरोना संक्रमण के हालात साल 2020 की याद दिला रहे हैं। स्थिति इतनी खराब है कि यहां अस्पतालों के सभी बेड भरे हैं। मेडिकल स्टोर्स में दवाएं खत्म हो रही हैं। मरीज इलाज के लिए डॉक्टर के सामने गिड़गिड़ाते देखे जा सकते हैं। बीजिंग के सबसे बड़े श्मशान में 24 घंटे अंतिम संस्कार हो रहे हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसकी वजह चीन में फैल रहा नया वैरिएंट हो सकता है। इसका नाम इअ.5.2.1.7 है। साइंटिस्ट्स इसे इऋ.7 भी कह रहे हैं। चीन में जीरो-कोविड पॉलिसी खत्म होने के बाद अचानक से बढ़े मामलों की वजह यही बताई जा रही है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक यह ओमिक्रॉन का सबसे खतरनाक म्यूटेशन है। एक हफ्ते में दुनिया में कोरोना के 34 लाख 84 हजार मामले सामने आए हैं। वहीं 9 हजार 928 लोगों की मौत हुई है। चीन में 7 दिन में 15 हजार 548 केस और 7 मौतें रिपोर्ट की गई हैं। हालांकि एक्सपर्ट्स को आशंका है कि सही आंकड़ा छुपाया जा रहा है। मरीजों की संख्या कई गुना ज्यादा हो सकती है।

जापान, दक्षिण कोरिया और फ्रांस में एक हफ्ते में सबसे ज्यादा केसेस आए हैं। इन देशों में मरीजों की संख्या 10 लाख 65 हजार, 4 लाख 61 हजार और 3 लाख 58 हजार है। भारत में 7 दिन में 1,081 मामले सामने आए हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि चीन में फैल रहा इऋ.7 ओमिक्रॉन का सबसे शक्तिशाली वैरिएंट है। यह पहले संक्रमित हो चुके लोगों, फुली वैक्सीनेटेड लोगों या दोनों को ही बीमार बना रहा है। ये जल्दी ट्रांसफर होता है और लक्षण भी पुराने कोरोना वैरिएंट्स के मुकाबले जल्दी सामने आ जाते हैं। इसका मतलब कि इससे संक्रमित होने वाला एक मरीज औसतन 10 से 18.6 लोगों को एक बार में इन्फेक्ट करने में सक्षम है। आमतौर पर ओमिक्रॉन वैरिएंट का औसतन फड 5.08 पाया गया है। शायद यही वजह है कि चीन में कोरोना केसेस दिनों में नहीं, बल्कि घंटों में दोगुने हो रहे हैं। खांसी, बुखार, गले में खराश, हरारत, उल्टी और डायरिया शामिल हैं। कमजोर इम्यूनिटी वाले मरीजों के लिए यह घातक साबित हो सकता है। चूंकि चीन में सख्त प्रतिबंधों का पालन किया जा रहा था, इसलिए लोगों में वायरस के खिलाफ इम्यूनिटी मजबूत हो ही नहीं पाई।

चीन में कोरोना का कहर, बीजिंग में 24 घंटे किए जा रहे श्मशानों में अंतिम संस्कार

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Tuesday, December 20, 2022



चीन में कोरोना प्रतिबंधों में ढील के बाद वहां संक्रमण की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है। जीरो-कोविड पॉलिसी खत्म होने के बाद केसेस में भारी इजाफा हो रहा है। हालात इतने गंभीर हैं कि अस्पतालों के सभी बेड भरे हैं। दवाएं नहीं हैं, जहां हैं भी वहां लंबी लाइन लगानी पड़ रही है। बीजिंग में श्मशानों में 24 घंटे अंतिम संस्कार किए जा रहे हैं। हालात इतने बदतर हो चुके हैं कि अंतिम संस्कार के लिए वेटिंग 2000 तक पहुंच गई है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि चीन में कोरोना केस दिनों नहीं, बल्कि घंटों में दोगुने हो रहे हैं। अमेरिकी साइंटिस्ट और महामारी विशेषज्ञ एरिक फेगल-डिंग ने सोशल मीडिया पर चीन के चौंकाने वाले वीडियोज शेयर किए हैं। इनमें अस्पतालों, श्मशानों और मेडिकल स्टोर्स के चिंताजनक हालात दिखाई पड़ रहे हैं। उन्होंने कोरोना पर बड़ी चेतावनी दी है। कहा कि 90 महीने में चीन की 60% आबादी और दुनिया के 10% लोग कोरोना से संक्रमित होंगे। करीब 10 लाख मौतों की आशंका है। डॉक्टर उपाध्याय ने बताया कि विश्व की आबादी का 12% हिस्सा लगभग चीन में है। ऐसा माना जा रहा है कि प्रशासन ने जो प्रतिबंध खत्म किए हैं, अचानक केसेस बढ़ने की वजह यही है। उन्होंने कहा कि अब तक चीन जीरो कोविड पॉलिसी पर टिका हुआ था। उसका पूरा कोरोना मैनेजमेंट आइसोलेशन के इर्द-गिर्द ही था। उसने अपने हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को कोरोना के हिसाब से डेवलप भी नहीं किया।

वैक्सीनेशन सिर्फ 38%, 65 पार वालों में सिर्फ 10%...इम्यूनिटी डेवलप नहीं हुई

डॉ. उपाध्याय ने कहा कि चीन में अब तक वैक्सीनेशन 38% ही हुआ है। 65 की उम्र से अधिक के लोगों में ये 10% ही है। जीरो कोविड पॉलिसी के कारण लोगों में कोरोना से लड़ने के लिए इम्यून सिस्टम भी डेवलप नहीं हो पाया। ऐसे में अब लोगों के एक साथ बाहर निकलने के कारण वहां कोरोना विस्फोट तो होना ही था। हालांकि, चीन का दावा है कि उनकी 90% आबादी फुली वैक्सीनेटेड है।

 भारत में खतरा नहीं, क्योंकि वैक्सीनेशन के 3 राउंड हो चुके हैं

क्या भारत को भी खतरा है। इस सवाल पर डॉ. उपाध्याय कहते हैं, "भारत जैसे देश को खतरा नहीं है। क्योंकि, हमारे देश में वैक्सीनेशन के 3 राउंड हो चुके हैं। लोगों में इम्यूनिटी डेवलप हो चुकी है। कोरोना तो भारत में भी हर जगह होगा, लेकिन वह अब हम पर इसीलिए असर नहीं कर रहा। अब फिरा कोरोना का भारत में खतरा नहीं है।'

उत्तराखंड में वाहन खाई में गिरने से दो महिलाओं सहित 12 लोगों की मौत

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Saturday, November 19, 2022



देहरादून/गोपेश्वर (उत्तराखंड)। उत्तराखंड के चमोली जिले में शुक्रवार को एक वाहन के गहरी खाई में गिरने के बाद दो महिलाओं सहित 12 लोगों की मौत हो गई जबकि तीन लोग घायल हो गए। पुलिस ने यह जानकारी दी। चमोली के पुलिस अधीक्षक (एसपी) प्रमेन्द्र डोभाल ने कहा कि 16 यात्रियों को ले जा रही एक टाटा सूमो शाम करीब चार बजे जिले के जोशीमठ इलाके के उरग्राम में एक खाई में गिर गई। देहरादून मेंराज्य आपात अभियान केंद्र ने कहा कि घटना के समय यात्री जोशीमठ से पल्ला जखोल गांव जा रहे थे।एसपी ने कहा कि दो यात्री अंतिम समय में वाहन से बाहर कूद गए। पुलिस और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीमें घटनास्थल पर पहुंच गई हैं और बचाव कार्य जारी है। एक चश्मदीद ने फोन पर बताया कि खाई करीब 300 मीटर गहरी है और उस जगह तक पहुंचना मुश्किल है जहां दुर्घटनाग्रस्त वाहन पड़ा हुआ है। बताया जा रहा है कि कार क्षमता से अधिक भरी हुई थी और कुछ लोग छत पर बैठे थे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दुर्घटना में लोगों की मौत पर दुख व्यक्त किया और प्रत्येक मृतक के परिवार को 2-2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। उन्होंने चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना से फोन पर बात की और बचाव कार्य में तेजी लाने को कहा। धामी ने जिलाधिकारी से यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि घायलों को मुफ्त इलाज मुहैया कराया जाए। चमोली में एसपी कार्यालय द्वारा जारी सूची के अनुसार हादसे में मारे गए लोगों की पहचान दलीप सिंह चौहान, सिताब सिंह चौहान, सुबोध सिंह, विक्रम सिंह, कश्मीरा देवी, लक्ष्मण सिंह, ताजवर सिंह, राजेश्वरी, गजेंद्र सिंह, रंजीत सिंह गब्बर सिंह एवं शिव सिंह के रूप में हुई है। मारे गए लोगों में ज्यादातर किमाना, कालकोट, दुमक और पल्ला गांव के थे। घायलों की पहचान अजित यादव, रोहित प्रजापति और महावीर सिंह के रूप में हुई है। हेमंत चौहान और जीतपाल नामक व्यक्ति बाल-बाल बच गए।

साउथ कोरिया में हैलोवीन फेस्टिवल में भगदड़, 151 की मौत:कई लोगों की जान कर्डियक अरेस्ट से गई; 150 से ज्यादा घायल

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Sunday, October 30, 2022

 


      साउथ कोरिया की राजधानी सियोल में शनिवार देर रात हैलोवीन फेस्टिवल के दौरान भगदड़ मच गई। इसमें 151 लोगों की मौत हो गई। 150 से ज्यादा घायल है। इनमें से कई को कार्डियक अरेस्ट आयापुलिस के मुताबिक, फेस्टिवल के दौरान एक संकरी रोड पर लाखों लोग आ गए, जिसके बाद वहां भगदड़ मची। कई लोगों की मौत भीड़ में कुचले जाने से हुई है। हादसे के बाद देश में राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है।50 लोगों को सीपीआर दिया गया

नेशनल फायर एजेंसी के एक अधिकारी चोई चेओन-सिक ने कहा कि इटावन लेसर जिले में एक संकरी गली में भीड़ बढ़ने से यह घटना हुई। मरने वाले लोगों की संख्या बढ़ सकती है। कुछ लोगों को कार्डियक अरेस्ट आ गया इमरजेंसी डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने बताया कि करीब 81 लोगों को सांस लेने में दिक्कत आ रही थी। इस सभी लोगों को सीपीआर दिया गया। दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक येओल ने अधिकारियों से घायलों को बेहतर इलाज देने का निर्देश दिया है। साथ ही उत्सव स्थलों की सुरक्षा की समीक्षा करने को कहा है।अब जानिए कि क्या है कार्डियक अरेस्ट

दिल के अंदर के हिस्सों में इंफॉर्मेशन फ्लो गड़बड़ा जाता है। इससे दिल की धड़कन अचानक बंद हो जाती है। वहीं, हार्ट अटैक में दिल के अलग-अलग हिस्सों में खून जम जाता है। ऐसे मामलों में तत्काल इलाज मिलने से मरीज की जान बच सकती है।ज्यादा एक्साइटमेंट से हो सकता है कार्डियक अरेस्ट

डॉक्टर्स के मुताबिक, कार्डियक अरेस्ट किसी नॉर्मल इंसान को आ सकता है। कई बार ज्यादा एक्साइटमेंट होने के कारण 'एड एनर्जी ड्राइव' बढ़ जाती है। हार्ट कोलैप्स कर जाता है। हार्ट के मसल स्ट्रांग होने के कारण 'एड एनर्जी ड्राइव' के दौरान उनके मसल में सिकुड़न ज्यादा होने के केस भी सामने आए हैं। ऐसे समय में हार्ट का रिदम बिगड़ जाता है और कार्डियक अरेस्ट से अचानक मौत भी हो जाती है।

अमेरिका के राहत फंड पर पाकिस्तान में जमकर मचाई लूट-खसोट

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Wednesday, October 12, 2022



इस्लामाबाद। पाकिस्तान द्वारा भ्रष्टाचार की एक ऐसी करतूत सामने आई है जिसे सुनने के बाद अमेरिका आगबबूला हो गया है। दरअसल, पाकिस्तान में आए भीषण बाढ़ से बचाव के लिए अमेरिका ने राहत फंड भेजा था लेकिन पाकिस्तानी नेताओं और अधिकारियों ने इसमें भी लूट-खसोट मचा दी। जांच में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का पता चला है। वहीं इसकी जानकारी जब अमेरिका को लगी तो अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने पाकिस्तान की क्लास लगा दी। प्राइस ने कहा कि इस तरह की हरकत बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में ही नहीं बल्कि दुनिया के किसी भी देश में हम भ्रष्टाचार तो स्वीकार नहीं करेंगे। प्राइस ने कहा कि हम दुनिया में त्रासदी झेल रहे देशों की मदद करते हैं, हम उनकी सुरक्षा के लिए वित्तीय सहायता भेजते हैं लेकिन इस तरह से भ्रष्टाचार करना बहुत गंभीर मामला है। हम इसका आंकलन करेंगे और आगे कार्रवाई पर विचार करेंगे।

हमने अपने कार्यक्रमों की निगरानी के लिए टीम बनाई है: नेड प्राइस 

भ्रष्टाचार को गंभीर मानते हुए नेड प्राइस ने कहा कि हमने पर्याप्त ट्रैकिंग तंत्र की निगरानी स्थापित किया है। प्राइस ने कहा कि टीम के सदस्य क्षेत्र में हमारे कार्यक्रमों की निगरानी के लिए नियमित यात्राएं करते हैं। हमारे पास एक आपदा सहायता प्रतिक्रिया टीम भी है जिसे डार्ट कहा जाता है और उनके सदस्य सिंध प्रांत के बलूचिस्तान में 10 से अधिक बाढ़ प्रभावित जिलों की यात्रा  कर रहे हैं। 

अमेरिका ने बाढ़ राहत के नाम पर दिए थे 460 करोड़ रुपए

बता दें कि अमेरिका ने  पाकिस्तान को बाढ़ राहत प्रदान करते हुए 460 करोड़ रुपये की खाद्य सुरक्षा सहायता के अतिरिक्त 75 करोड़ रुपये देने की घोषणा की थी।  साथ ही अमेरिका ने विनाशकारी बाढ़ के कारण पूरे पाकिस्तान में हुई तबाही और जानमाल के नुकसान पर दुख व्यक्त किया था। लेकिन इस तरह से पाकिस्तान में भ्रष्टाचार ने अमेरिका को बड़ा झटका दिया है।

डब्ल्यूएचओ ने भारत की फार्मास्युटिकल्स कंपनी के बनाए 4 कफ-सिरप को लेकर जारी किया अलर्ट

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Thursday, October 6, 2022



गाम्बिया में कफ-सिरप का स्वाद बढ़ाने में गई 66 बच्चों की गई जान

नई दिल्ली। वर्ल्ड हेल्थ आॅर्गनाइजेशन ने बुधवार को भारत की फार्मास्युटिकल्स कंपनी के बनाए 4 कफ-सिरप को लेकर अलर्ट जारी किया है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि ये प्रोडक्ट मानकों पर खरे नहीं हैं। ये सुरक्षित नहीं हैं, खासतौर से बच्चों में इनके इस्तेमाल से गंभीर समस्या या फिर मौत का खतरा है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत गुर्दों की हालत बेहद खराब हो जाने की वजह से हुई है। बहुत मुमकिन है कि इन सिरप के इस्तेमाल के चलते ही बच्चों की मौत हुई हो। ये प्रोडक्ट अभी सिर्फ गाम्बिया में पाए गए हैं। डब्ल्यूएचओ ने रिपोर्ट में कहा कि कफ-सिरप में डायथेलेन ग्लाईकोल और इथिलेन ग्लाईकोल की इतनी मात्रा है कि वजह इंसानों के लिए जानलेवा हो सकते हैं। दरअसल, इन कंपाउंड की वजह से भारत में भी बच्चों समेत 33 की जान जा चुकी है, लेकिन इन कंपाउंड पर बैन नहीं लगाया गया है। डब्ल्यूएचओ ने मेडिकल प्रोडक्ट अलर्ट जारी किया है। यह न केवल गाम्बिया जैसे देशों, बल्कि भारत के लिए भी बेहद गंभीर है। मामला बच्चों से जुड़ा है तो अलर्ट के मायने और व्यापक हो जाते हैं। कई सवाल हैं.. मसलन हऌड की डिटेल रिपोर्ट, वो भारतीय कंपनी जहां इनका प्रोडक्शन हुआ, क्या ये सिरप भारत में भी बिक रहे हैं, क्या वाकई खतरनाक हैं? अलर्ट जारी होने के तुरंत बाद भास्कर ने मेडिकल एक्सपर्ट और अधिकारियों से बातचीत की। पता चला कि जिस कंपनी के सिरप पर सवाल हैं, उसने वेबसाइट बंद कर दी है, ताकि लोगों को ज्यादा जानकारी ना मिल सके। जिन कंपाउंड जिक्र, वो स्वाद बढ़ाते हैं: शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. विवेक शर्मा ने बताया कि रिपोर्ट में है, वह कार्बन कंपाउंड है। इसमें न खुश्बू होती है और न ही कलर। ये मीठा होता है। बच्चों के सिरप में सिर्फ इसलिए मिलाया जाता है ताकि वो आसानी से पी सकें। मात्रा ज्यादा होने पर जानलेवा: दवाओं में ये कंपाउंड अधिकतम 0.14 मिलीग्राम प्रति किलो तक मिलाया जा सकता है। 1 ग्राम प्रति किलो से ज्यादा मिलाने पर ये मौत का कारण बन सकता है। हऌड या इन कंपनी ने खुलासा नहीं किया कि जिन दवाओं से मौत हुई, उसमें इन कंपाउंड की कितनी मात्रा थी।

पहला फेज: पहले दो दिन में उल्टी-दस्त, पेट में दर्द। दिमाग सुन्न पड़ने लगता है। इसे माइनर कोमा भी कहा जाता है।

दूसरा फेज: तीसरे-चौथे दिन किडनी फेलियर हो जाता है। यूरिन पास नहीं हो पाता। ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। हृदय की गति भी अनियमित हो जाती है।

तीसरा फेज: पांचवें से दसवें दिन तक पैरालिसिस हो सकता है। व्यक्ति डीप कोमा में जा सकता है। मौत भी हो सकती है। अगर इन कंपाउंड के चलते एक बार मरीज गंभीर हो गया, उसे बचा भी लिया गया तो किडनी की समस्या रहती है। उसे डायलिसिस की जरूरत भी पड़ सकती है।

थाईलैंड के चाइल्ड केयर सेंटर में अंधाधुंध फायरिंग, 31 की मौत

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थाईलैंड। थाईलैंड के नोंग बुआ लाम फु में एक बंदूकधारी ने चाइल्ड केयर सेंटर में गुरुवार को अंधाधुंध फायरिंग की। इसमें कई बच्चों समेत 31 की मौत हो गई। फायरिंग की वजह का पता नहीं चल पाया है। पुलिस के मुताबिक, हमलावर अंधाधुंध फायरिंग कर रहा था। जो सामने आया, इसे मारता चला गया। इस घटना के जो वीडियो सामने आए हैं। उनमें साफ दिख रहा है कि लोग फायरिंग से बचते दिख रहे हैं।

काबुल शिक्षा केंद्र में बम धमाका, 53 लोगों की मौत, जिनमें 46 महिलाएं

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Monday, October 3, 2022


inनई दिल्ली। काबुल शिक्षा केंद्र विस्फोट में 40 से अधिक लोगों की मौत के कुछ दिनों बाद ही अफगानिस्तान की राजधानी के पश्चिमी हिस्से में सोमवार (3 अक्टूबर, 2022) को एक और विस्फोट हुआ, जिसमें 53 लोग मारे गए। मारे गए 53 लोगों में 46 लड़कियां और महिलाएं शामिल हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि विस्फोट काबुल के पीडी 6 के पश्चिम में दोपहर करीब 2:00 बजे हुआ। शहीद मजारी इलाके में हुआ विस्फोट हजारा आबादी वाला इलाका है। वहीं अभी तक विस्फोट और हताहतों के बारे में कोई अतिरिक्त जानकारी नहीं मिली है। तालिबान के अधिकारियों ने अभी तक विस्फोट पर कोई बयान जारी नहीं किया है। विस्फोट की रिपोर्ट ऐसे समय आई है, जब संयुक्त राष्ट्र मिशन ने आज कहा कि काज एजुकेशनल सेंटर में हुए एक आत्मघाती बम विस्फोट में मरने वालों की संख्या बढ़कर 43 हो गई है। हजारा के पड़ोस में शुक्रवार को हुए कॉलेज बम विस्फोट में हताहतों की संख्या और बढ़ सकती है। अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र मिशन ने ट्वीट करते हुए लिखा कि अफगान राजधानी के हजारा इलाके में शुक्रवार को कॉलेज में हुए बम विस्फोट में मरने वालों की संख्या बढ़ रही है। अब तक 43 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है। जबकि 83 लोग घायल हैं। हमले का मुख्य शिकार लड़कियां और युवतियां हैं। हताहतों की संख्या और बढ़ने की संभावना है। वहीं कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि हमले में संस्थान के लगभग 100 छात्र मारे गए हैं, हालांकि, वठअटअ ने कहा कि काबुल में उसकी मानवाधिकार टीमें हजारा पड़ोस में कॉलेज हमले का सही रिकॉर्ड सामने लाने में मदद कर रही हैं। शनिवार को अल्पसंख्यक हजारा समुदाय की दर्जनों महिलाओं ने काबुल में काज एजुकेशनल सेंटर पर हुए आतंकी हमले के विरोध में प्रदर्शन किया। पझवोक अफगान न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, काले कपड़े पहने महिला प्रदर्शनकारियों ने अल्पसंख्यकों के नरसंहार के खिलाफ नारे लगाए और अपने अधिकारों की मांग की। यह विस्फोट काबुल के वजीर अकबर खान इलाके के पास एक विस्फोट की सूचना के कुछ दिनों बाद हुआ, जिसने वैश्विक आक्रोश को जन्म दिया था। काबुल में रूसी दूतावास के बाहर हाल ही में हुए विस्फोट की भी कड़े शब्दों में निंदा की गई थी। अफगानिस्तान में यह विस्फोट तब हो रहे हैं, जब तालिबान ने पिछले साल अफगानिस्तान में अपने शासन का एक साल पूरा कर लिया था। अधिकार समूहों ने कहा कि तालिबान ने मानव और महिलाओं के अधिकारों का सम्मान करने के लिए कई वादों को तोड़ा है।

इंडोनेशिया में फुटबॉल मैच के दौरान 174 लोग मारे गए, 180 घायल

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Sunday, October 2, 2022



जकार्ता। इंडोनेशिया में एक फुटबॉल मैच के दौरान 174 लोग मारे गए, 180 घायल हैं। बीआरआई लीग-1 में दो टीमों के बीच मैच चल रहा था। एक टीम के हारने के बाद उसके फैंस मैदान में घुस गए। इस घटना के बाद ही पुलिस ने एक्शन लिया और मौत का तांडव मचा। इसकी तस्वीरें आप नीचे देखिए...लेकिन उससे पहले जरा सोचिए कि ऐसी घटना तो कहीं भी हो सकती है। पुलिस ने बताया कि घटना में 174 लोगों की मौत हो गई है, इनमें से दो पुलिस अधिकारी हैं। स्टेडियम के अंदर मौके पर ही 34 लोगों की मौत हो गई और बाकी की अस्पताल में हुई है। घटना के वीडियो भी सामने आए हैं, इनमें फैंस ने सुरक्षाकर्मियों पर सामान फेंकते दिख रहे हैं। भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसूगैस के गोले छोड़े। इंडोनेशिया के फुटबॉल संघ (ढररक) ने बयान जारी कर घटना पर दुख जताया है। ढररक ने कहा कि खेल के बाद जो हुआ उसकी जांच की जाएगी और इसके लिए एक टीम मलंग के लिए रवाना हो गई है। पीटी लीगा इंडोनेशिया बारू (छकइ) के अध्यक्ष अखमद हदियन लुकिता ने कहा कि हम इस घटना का गहरा दुख है। उम्मीद है कि यह हम सभी के लिए एक सबक होगा।

श्रीलंका बना एशिया कप का चैंपियन

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Monday, September 12, 2022



पाकिस्तान को 23 रन से हराया, प्रमोद मदुशन ने 4 और हसरंगा ने झटके 3 विकेट

दुबई। एशिया कप के फाइनल में श्रीलंका ने पाकिस्तान को 23 रन से हरा दिया। टीम 2014 के बाद इस मेगा टूनार्मेंट की चैंपियन बनी है। यह श्रीलंका का छठवां टाइटल है। इससे पहले उसने 2014, 2008, 2004, 1997,1986 में यह खिताब जीता था। पहले बल्लेबाजी करते हुए श्रीलंका ने 20 ओवर में 6 विकेट खोकर 170 रन बनाए थे। जवाब में पाकिस्तान की टीम 20 ओवर में 147 रन पर आॅल-आउट हो गई। श्रीलंका के लिए सबसे ज्यादा 4 विकेट प्रमोद मदुशन ने लिए। वहीं, वानिंदु हसरंगा को 3 सफलता मिली। ये तीनों विकेट 17वें ओवर में आए और यही ओवर मैच का टर्निंग पॉइंट रहा। हसरंगा ने रिजवान (55), आसिफ अली (0) और खुशदिल शाह (2) को आउट किया। पाकिस्तान के लिए सबसे ज्यादा 55 रन मोहम्मद रिजवान ने बनाए। वहीं, श्रीलंका की ओर से भानुका राजपक्षे ने 45 गेंद पर 71 रन की पारी खेली। हसरंगा ने सिर्फ 21 गेंद में शानदार 36 रन बना दिए। पाकिस्तान के लिए सबसे ज्यादा 3 विकेट हारिस रऊफ ने लिए। वहीं, शादाब खान, नसीम शाह और इफ्तिखार अहमद को एक-एक विकेट मिला। श्रीलंका के लिए प्रमोद मदुशन ने शानदार बॉलिंग की और लगातार दो गेंदों पर बाबर आजम और फखर जमान को आउट किया। पहले उन्होंने बाबर आजम को कैच आउट कराया। फिर पहली ही गेंद पर फखर जमान को क्लीन बोल्ड कर दिया। इसके बाद पूरी तरह सेट हो चुके इफ्तिखार अहमद को उन्होंने कैच आउट करा दिया। इफ्तिखार ने 31 गेंद पर 32 रन बनाए। पाकिस्तान को चौथा झटका चमिका करुणारत्ने ने दिया। उन्होंने मोहम्मद नवाज को 6 रन पर आउट किया।

73 साल की उम्र में किंग चार्ल्स-III ब्रिटेन के नए सम्राट बने

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Saturday, September 10, 2022



किंग चार्ल्स-तृतीय शनिवार को आधिकारिक तौर पर ब्रिटेन के नए सम्राट बन गए हैं। सेंट जेम्स पैलेस में प्रिवी काउंसिल की बैठक में इसका ऐलान किया गया। अब उन्हें किंग चार्ल्स-तृतीय कहकर बुलाया जाएगा। चार्ल्स को अपने पिता की उपाधि ड्यूक आॅफ कॉर्नवाल विरासत में मिली है। ऐसे में उनकी पत्नी कैमिला, अब डचेस आॅफ कॉर्नवाल कहलाएंगी। प्रिवी काउंसिल में वरिष्ठ सांसद, सीनियर सिविल सर्वेंट्स, कॉमनवेल्थ हाई कमिश्नर और लंदन के लॉर्ड मेयर शामिल होते हैं। सामान्य तौर पर 700 से ज्यादा लोग इस कार्यक्रम में शामिल होते हैं, लेकिन इस बार इतनी संख्या की गुंजाइश नहीं दिखी, क्योंकि शॉर्ट नोटिस पर कार्यक्रम आयोजित किया गया।  इस कार्यक्रम में सबसे पहले प्रिवी काउंसिल के लॉर्ड प्रेसिडेंट पेनी मोर्डंट ने एलिजाबेथ-कक के निधन की घोषणा की। यह घोषणा ऊंची आवाज में हुई। इसके बाद कई प्रेयर्स हुईं, महारानी की उपलब्धियां बताई गईं। साथ ही नए किंग की खूबियों को भी गिनाया गया। घोषणा पत्र पर प्रधानमंत्री, कैंटरबरी के आर्कबिशप और लॉर्ड चांसलर सहित कई सीनियर आॅफिसर ने साइन किए। इसी कार्यक्रम में यह भी तय किया गया कि नए किंग के सत्ता संभालने के बाद क्या कुछ बदलाव किए जाएंगे। फिर एडिनबर्ग, कार्डिफ और बेलफास्ट में चार्ल्स को राजा बनाए जाने की घोषणा पढ़ी जाएगी। आखिर में शाही परंपरा के मुताबिक, औपचारिक रूप से चार्ल्स को ताज पहनाया जाएगा। ये कोरोनेशन सेरेमनी किस दिन होगी, इसकी घोषणा नहीं की गई है। कोरोनेशन यानी ताजपोशी के लिए अभी चार्ल्स को इंतजार करना पड़ सकता है, क्योंकि इसकी तैयारियों में वक्त लगेगा। इससे पहले क्वीन एलिजाबेथ को भी करीब 16 महीने इंतजार करना पड़ा था। फरवरी 1952 में उनके पिता का निधन हुआ, लेकिन जून 1953 में उनकी ताजपोशी हुई थी टेन की महारानी एलिजाबेथ-कक के निधन के बाद उनके बेटे प्रिंस चार्ल्स नए किंग बन गए हैं। अपनी मां के नाम एक आखिरी संदेश देते हुए किंग चार्ल्स ककक काफी भावुक नजर आए। उन्होंने कहा- मेरी प्यारी मां मेरे और परिवार के लिए इंस्पिरेशन थीं। 1947 में मेरी मां ने अपने 21वें जन्मदिन पर एक प्रण लिया था। वे पूरी जिंदगी सिर्फ लोगों की सेवा करना चाहती थीं। ये एक वादे से ज्यादा लोगों के लिए किया गया कमिटमेंट था जिसे उन्होंने पूरी जिंदगी निभाया। 

96 साल की ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ का निधन

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Friday, September 9, 2022


लंदन। ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का गुरुवार देर रात निधन हो गया। वह पिछले कुछ वक्त से बीमार थीं। 96 साल की महारानी स्कॉटलैंड के बाल्मोरल कासल में रह रही थीं। यहीं उन्होंने अंतिम सांस ली। वे सबसे लंबे समय तक (70 साल) ब्रिटेन की क्वीन रहीं। अब प्रिंस विलियम 40 साल की उम्र में ब्रितानी सिंहासन के उत्तराधिकारी बन गए हैं। उनके पिता प्रिंस चार्ल्स (73 साल) अब किंग हो गए हैं। गुरुवार दोपहर को महारानी एलिजाबेथ की तबीयत नाजुक होने की खबर सामने आई थी। इसके बाद वे डॉक्टर्स की देखरेख में थीं। बीमारी की वजह से महारानी बाल्मोरल महल में रह रही थीं। वे सभी आधिकारिक काम इसी पैलेस से कर रही थीं। ब्रिटेन की नई प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने 6 सितंबर को यहीं आकर उनसे मुलाकात की और यहीं शपथ ली थी। महारानी एलिजाबेथ के पति प्रिंस फिलिप की मौत 9 अप्रैल 2021 को हुई थी। अब महारानी भी नहीं रहीं। महारानी के चार बच्चे हैं प्रिंस चार्ल्स, प्रिसेंज एने, एंड्रूय और एडवर्ड हैं जिनसे उनके आठ पोता-पोती हैं और 12 ग्रेट ग्रांड चिल्ड्रेन (पड़पोते-पड़पोती) हैं। शाही परिवार अब आधिकारिक रूप से शोक में होगा। सभी अधिकारिक कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं। शाही महलों और घरों पर यूनियन जैक आधा झुका दिया गया है। इसके अलावा ब्रिटेन की सभी बाहरी पोस्टों और सैन्य ठिकानों पर भी झंडा झुका रहेगा। पीएम नरेंद्र मोदी ने एलिजाबेथ द्वितीय के निधन पर दुख जताया है। उन्होंने कहा- एलिजाबेथ द्वितीय को हमारे समय की एक दिग्गज शासक के रूप में याद किया जाएगा। दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और ब्रिटेन के लोगों के साथ हैं। उन्होंने बताया- मैं 2015 और 2018 में यूके की यात्राओं के दौरान महारानी से मिला था। एक बैठक के दौरान उन्होंने मुझे एक रूमाल दिखाया था, जो महात्मा गांधी ने उनकी शादी में गिफ्ट किया था।ल कासल में रह रही थीं। यहीं उन्होंने अंतिम सांस ली। वे सबसे लंबे समय तक (70 साल) ब्रिटेन की क्वीन रहीं। अब प्रिंस विलियम 40 साल की उम्र में ब्रितानी सिंहासन के उत्तराधिकारी बन गए हैं। उनके पिता प्रिंस चार्ल्स (73 साल) अब किंग हो गए हैं। गुरुवार दोपहर को महारानी एलिजाबेथ की तबीयत नाजुक होने की खबर सामने आई थी। इसके बाद वे डॉक्टर्स की देखरेख में थीं। बीमारी की वजह से महारानी बाल्मोरल महल में रह रही थीं। वे सभी आधिकारिक काम इसी पैलेस से कर रही थीं। ब्रिटेन की नई प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने 6 सितंबर को यहीं आकर उनसे मुलाकात की और यहीं शपथ ली थी। महारानी एलिजाबेथ के पति प्रिंस फिलिप की मौत 9 अप्रैल 2021 को हुई थी। अब महारानी भी नहीं रहीं। महारानी के चार बच्चे हैं प्रिंस चार्ल्स, प्रिसेंज एने, एंड्रूय और एडवर्ड हैं जिनसे उनके आठ पोता-पोती हैं और 12 ग्रेट ग्रांड चिल्ड्रेन (पड़पोते-पड़पोती) हैं। शाही परिवार अब आधिकारिक रूप से शोक में होगा। सभी अधिकारिक कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं। शाही महलों और घरों पर यूनियन जैक आधा झुका दिया गया है। इसके अलावा ब्रिटेन की सभी बाहरी पोस्टों और सैन्य ठिकानों पर भी झंडा झुका रहेगा। पीएम नरेंद्र मोदी ने एलिजाबेथ द्वितीय के निधन पर दुख जताया है। उन्होंने कहा- एलिजाबेथ द्वितीय को हमारे समय की एक दिग्गज शासक के रूप में याद किया जाएगा। दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और ब्रिटेन के लोगों के साथ हैं। उन्होंने बताया- मैं 2015 और 2018 में यूके की यात्राओं के दौरान महारानी से मिला था। एक बैठक के दौरान उन्होंने मुझे एक रूमाल दिखाया था, जो महात्मा गांधी ने उनकी शादी में गिफ्ट किया था।

तकनीकी गड़बड़ी से फिर टली नासा के मून मिशन की लॉन्चिंग

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Sunday, September 4, 2022



फ्लोरिडा। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने अपने मून मिशन 'आर्टेमिस-1' की लॉन्चिंग फिर टाल दी है। रॉकेट को 3 सितंबर को रात 11 बजकर 47 मिनट पर उड़ान भरनी थी। इससे पहले 29 अगस्त को रॉकेट के 4 में से तीसरे इंजन में आई तकनीकी गड़बड़ी और खराब मौसम की वजह से इसकी लॉन्चिंग टाली गई थी। रॉकेट में ईंधन पहुंचाने वाले सिस्टम में गड़बड़ी थी इसे ठीक करने की कोशिश की गई, लेकिन कामयाबी नहीं मिली। इसके बाद इसकी लॉन्चिंग टाल दी गई। लॉन्चिंग की नई तारीख का अभी ऐलान नहीं किया गया है। अमेरिका 53 साल बाद अपने मून मिशन आर्टेमिस के जरिए इंसानों को चांद पर एक बार फिर से भेजने की तैयारी कर रही है। आर्टेमिस-1 इसी दिशा में पहला कदम है। यह प्रमुख मिशन के लिए एक टेस्ट फ्लाइट है, जिसमें किसी अंतरिक्ष यात्री को नहीं भेजा जाएगा। इस फ्लाइट के साथ वैज्ञानिकों का लक्ष्य यह जानना है कि अंतरिक्ष यात्रियों के लिए चांद के आसपास सही हालात हैं या नहीं। साथ ही क्या एस्ट्रोनॉट्स चांद पर जाने के बाद पृथ्वी पर सुरक्षित लौट सकेंगे या नहीं। नासा का 'स्पेस लॉन्च सिस्टम  मेगारॉकेट' और 'ओरियन क्रू कैप्सूल' चंद्रमा पर पहुंचेंगे। आमतौर पर क्रू कैप्सूल में एस्ट्रोनॉट्स रहते हैं, लेकिन इस बार यह खाली रहेगा। ये मिशन 42 दिन 3 घंटे और 20 मिनट का है, जिसके बाद यह धरती पर वापस आ जाएगा। स्पेसक्राफ्ट कुल 20 लाख 92 हजार 147 किलोमीटर का सफर तय करेगा।

अफगास्तिान में जुमे की नमाज के दौरान बड़ा धमाका , 14 लोग की मौत

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Friday, September 2, 2022



काबुल। अफगानिस्तान के हेरात प्रांत में शुक्रवार को जुमे की नमाज के दौरान बड़ा धमाका हुआ। इसमें तालिबान के सबसे बड़े धर्मगुरुओं में से एक मुल्ला मुजीब उर रहमान अंसारी मारा गया। घटना गाजारघ शहर की है। पिछले महीने भी तालिबान का एक बड़ा नेता मारा गया था। माना जा रहा है कि इस हमले के पीछे करकर के खुरासान ग्रुप का हाथ है। तालिबान ने अब तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गाजाघर की मस्जिद में कुल 2 ब्लास्ट हुए। इस दौरान जुमे की नमाज चल रही थी। मुल्ला मुजीब ही इस मस्जिद का मुख्य इमाम था। धमाका उसके सामने वाली कतार में हुआ। माना जा रहा है कि यह फिदायीन हमला था और इसमें दो लोग शामिल थे। दूसरा धमाका तब हुआ, जब लोग बाहर की तरफ भाग रहे थे। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुल्ला मुजीब चंद घंटे पहले हेरात में एक इकोनॉमिक कॉन्फ्रेंस में शिरकत के बाद सीधे मस्जिद पहुंचा था। इस बारे में उसके सेक्रेटरी ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। 

सिर कलम करने का फरमान सुनाया था

मुल्ला मुजीब को तालिबान के सबसे क्रूर नेताओं में से एक माना जाता था। वो लड़कियों की शिक्षा और उनके घर से निकलने का सख्त विरोधी था। करीब दो महीने पहले उसने एक फतवा जारी किया था। इसमें कहा गया था- अगर तालिबान शासन का कोई भी विरोध करता है या हुक्म नहीं मानता तो उसकी सजा सिर्फ यह होगी कि उसका सिर कलम कर दिया जाए। खास बात यह है कि इस फरमान या फतवे को तालिबान के ही प्रवक्ता ने मुजीब की निजी राय बताते हुए खारिज कर दिया था। हेरात में बुधवार को ही तालिबान और आईएसआईएस के खुरासान ग्रुप के बीच खूनी झड़प हुई थी।

ट्विन टावर के जमींदोज होने का काउंटडाउन शुरू, विशेषज्ञ बोले- कोई और तकनीक अपनाने पर लग जाते दो साल

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Saturday, August 27, 2022



नोएडा। सुपरटेक के अवैध ट्विन टावर को सुरक्षित तरीके से गिराने के लिए दो ही विकल्प थे, पहला विस्फोटक से कुछ सेंकेट में गिरा दिया जाए या फिर तोड़ा जाए जिसमें डेढ़ से दो साल का समय लगता। यह बात विशेषज्ञों ने कही। यह इमारत करीब 100 मीटर ऊंची है जो कुतुब मीनार से भी ऊंची है। इमारत को गिराने का काम कर रहे एडफिस इंजीनियरिंग के अधिकारी ने बताया कि इसे 28 अगस्त को ‘‘वाटर फॉल इम्प्लोजन’ तकनीक से सुरक्षित तरीके से गिराया जाएगा। उन्होंने बताया कि एपेक्स टावर (32 मंजिला)और सियान (29 मंजिला) 15 सेंकेड से भी कम समय में ताश के पत्ते की तरह गिरा दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि साथ ही सुनिश्चित किया जाएगा कि आसपास की इमारतों को नुकसान नहीं पहुंचे, जिसमें से एक इमारत महज नौ मीटर की दूरी पर स्थित है।

कैसे गलत हो गए राहुल', तारिक कर्रा ने इस्तीफे की टाइमिंग पर उठाया सवाल, बोले- आजाद के माध्यम से भाजपा ने J&K में कांग्रेस को तोड़ा

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नयी दिल्ली। कांग्रेस नेता तारिक कर्रा ने शनिवार को पार्टी छोड़ने वाले गुलाम नबी आजाद पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) गुलाम नबी आजाद के माध्यम से कांग्रेस को तोड़ने में सफल रही। उन्होंने कहा कि गुलाम नबी आजाद सूबे में बहुत पहले से पार्टी से इतर काम कर रहे थे और अपने इस्तीफे का समय उन्होंने खुद तय किया था। दरअसल, गुलाम नबी आजाद ने राहुल गांधी पर सवाल खड़े करते हुए शुक्रवार को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।

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