फ्लोरिडा। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने अपने मून मिशन 'आर्टेमिस-1' की लॉन्चिंग फिर टाल दी है। रॉकेट को 3 सितंबर को रात 11 बजकर 47 मिनट पर उड़ान भरनी थी। इससे पहले 29 अगस्त को रॉकेट के 4 में से तीसरे इंजन में आई तकनीकी गड़बड़ी और खराब मौसम की वजह से इसकी लॉन्चिंग टाली गई थी। रॉकेट में ईंधन पहुंचाने वाले सिस्टम में गड़बड़ी थी इसे ठीक करने की कोशिश की गई, लेकिन कामयाबी नहीं मिली। इसके बाद इसकी लॉन्चिंग टाल दी गई। लॉन्चिंग की नई तारीख का अभी ऐलान नहीं किया गया है। अमेरिका 53 साल बाद अपने मून मिशन आर्टेमिस के जरिए इंसानों को चांद पर एक बार फिर से भेजने की तैयारी कर रही है। आर्टेमिस-1 इसी दिशा में पहला कदम है। यह प्रमुख मिशन के लिए एक टेस्ट फ्लाइट है, जिसमें किसी अंतरिक्ष यात्री को नहीं भेजा जाएगा। इस फ्लाइट के साथ वैज्ञानिकों का लक्ष्य यह जानना है कि अंतरिक्ष यात्रियों के लिए चांद के आसपास सही हालात हैं या नहीं। साथ ही क्या एस्ट्रोनॉट्स चांद पर जाने के बाद पृथ्वी पर सुरक्षित लौट सकेंगे या नहीं। नासा का 'स्पेस लॉन्च सिस्टम मेगारॉकेट' और 'ओरियन क्रू कैप्सूल' चंद्रमा पर पहुंचेंगे। आमतौर पर क्रू कैप्सूल में एस्ट्रोनॉट्स रहते हैं, लेकिन इस बार यह खाली रहेगा। ये मिशन 42 दिन 3 घंटे और 20 मिनट का है, जिसके बाद यह धरती पर वापस आ जाएगा। स्पेसक्राफ्ट कुल 20 लाख 92 हजार 147 किलोमीटर का सफर तय करेगा।