फ्लॉप टॉप आॅर्डर और तेज गेंदबाजों की कमी भारी पड़ गई
दुबई। आखिरकार वही हुआ जिसका डर था। टीम इंडिया एशिया कप के सुपर-4 में पाकिस्तान के बाद अब श्रीलंका से भी हार गई। इस नतीजे के साथ भारतीय टीम का फाइनल की होड़ से बाहर होना लगभग तय हो गया। कई चमत्कार एक साथ हो जाएं तभी भारत खिताबी मुकाबला खेल सकता है। वे चमत्कार क्या हैं उसके बारे में आप इस आर्टिकल में आगे पढ़ेंगे। उससे पहले उन पांच कारणों की बात कर लेते हैं जिनकी वजह भारतीय टीम इस हालात में पहुंच गई है। भारतीय टीम ने संभवत: करीब 11 महीने पहले वअए में हुए टी-20 वर्ल्ड कप की अपनी गलतियों से कुछ नहीं सीखा। उस टूनार्मेंट में टॉप आॅर्डर की विफलता भारत की उम्मीदों पर भारी पड़ गई थी। एशिया कप में भी भारत उसी टॉप आॅर्डर के साथ उतरा। सभी मैचों में केएल राहुल और रोहित शर्मा ओपनिंग करने आए और विराट कोहली नंबर तीन पर आए। राहुल ने 4 मैचों में सिर्फ 70 रन बनाए। उनका स्ट्राइक रेट 104.47 का रहा। विराट कोहली ने 154 रन जरूर बनाए लेकिन उनका स्ट्राइक रेट भी 122.22 का रहा। कप्तान रोहित शर्मा ने तेज बल्लेबाजी की लेकिन चार में से तीन मैचों में वे अच्छी शुरूआत को बड़े स्कोर में तब्दील नहीं कर सके। दुबई की डेड पिचों पर ऐसे तेज गेंदबाज ज्यादा असरदार नजर आए जिनके पास 140+ की गति हो। पाकिस्तानी और यहां तक कि श्रीलंका के पास कई ऐसे गेंदबाज थे जो इस गति से बॉलिंग कर रहे थे। भारतीय टीम में ज्यादातर तेज गेंदबाज 120-130 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार वाले थे। इसलिए इनकी गेंदबाजी ज्यादा असरदार नहीं रही और पाकिस्तान के खिलाफ पहले मैच को छोड़कर ये रेगुलर इंटरवल पर ब्रेक-थ्रू दिलाने में नाकाम रहे।