अनूपपुर। जिले में एक नाबालिग से कई माह तक लगातार वहशीपन करने व लोगों से रेप करवाने के मामले में जिला न्यायालय ने फैसला सुनया. न्यायालय द्वितीय अपर सत्र एवं विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) अनूपपुर आरपी सेवेतिया के न्यायालय ने ये फैसला सुनाया. मनीष कुमार गुप्ता उम्र 28 वर्ष, मंजू गुप्ता उम्र 36 वर्ष, नवल सिंह गोंड उम्र 19 वर्ष, कुसुम बाई उर्फ मंझली बाई उम्र 50 वर्ष, रामबाई उम्र 24 वर्ष, राजभान केवट उम्र 24 वर्ष सभी निवासी ग्राम मौहारटोला जिला अनूपपुर और ललिता बाई उम्र 24 वर्ष निवासी ग्राम हिण्डालको अमरकंटक को 20-20 वर्ष का सश्रम कारावास कुल तीन लाख 60 हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया गया है.
घरेलू काम करती थी नाबालिग : शासन की ओर से पैरवी जिला अभियोजन अधिकारी एवं विशेष लोक अभियोजक रामनरेश गिरि ने की. अभियोजन मीडिया प्रभारी राकेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि पीड़िता कक्षा 6वीं तक पढ़ी थी तथा घरेलू काम करती थी. उसके साथ दादी रहती थी. पीड़िता का महिला आरोपी ललिता जोगी के घर में आना-जाना था. पीड़िता आरोपी ललिता के घर उसके बुलाने पर खाना बनाने गई थी. इसी दौरान ललिता के घर मंजू उसका रिश्तेदार नवल और लाला आए . ललिता के घर में सभी लोगों ने खाना खाया. खाना खाने के बाद पीड़िता से ललिता बोली कि मेरी बहन मंजू गाड़ी लेकर आई है. तुम हमारे साथ चलो. घूमकर आते है. इस पर नाबालिग ललिता और मंजू के साथ गाड़ी में बैठ गई.
गाड़ी में जबरन ले गए फिर रेप : गाड़ी में नवल, लाला एवं कोतमा का ड्राइवर था. मंदिर घूमकर ये सभी लोग नर्सरी के पास पहूंचे वहां पर कोतमा वाले ड्राइवर ने गाड़ी रोक दी, तब ललिता पीड़िता से बोली कि तुम मंजू के साथ चली जाओ. उसने बहुत मना किया पर मंजू और नवल दोनों हाथ पकड़कर व मुंह दबाकर उसे जबरन ले गए. नाबालिग के साथ मंजू के घर में ही बारी-बारी से रेप किया. इसके बाद मंजू ने पीड़िता को अपने घर गांव पाली में ही बंदी बनाकर तीन माह तक रखा. इस दौरान मंजू का पति मनीष गुप्ता रोज पीड़िता के साथ रेप करता रहा.
ग्राहक तलाश कर रेप करवाते थे : मंजू और मनीष दोनों रोज नए नए युवकों को लेकर आते थे और उनसे रुपए लेकर नाबालिग का रेप करवाते थे. मंजू और मनीष उसी के गांव पाली के मंझली बाई और रामबाई के घर नाबालिग को ले जाते थे, जहां पर मझली बाई और रामबाई पहले से ग्राहक तैयार करके रखती थी. मंजू और मनीष इसके लिए उनसे पैसा लिया करते थे. मझली बाई के घर में पीड़िता के साथ धनपुरी और बुढार की और लड़किया थीं. इसके अतिरिक्त उनके यहां राजेन्द्रग्राम की भी कुछ लडकियां थीं.
पीड़िता को 4 लाख रुपए क्षतिपूर्ति मिलेगी : बाद में थाना अमरकंटक द्वारा प्रकरण में मामला कायम कर विवेचना में लिया गया. प्रकरण की विवेचना एडीओपी राजेन्द्र ग्राम मलखान सिंह द्वारा की गई. न्यायालय में आरोप साबित करने के लिए 19 गवाह प्रस्तुत किए गए. उन्होंने 43 दस्तावेजों के माध्यम से न्यायालय में मामले को प्रमाणित कराया. आरोपियों ने न केवल पीड़िता के साथ अपराध किया है, बल्कि सम्पूर्ण समाज को कलंकित करने वाला अपराध कारित किया. मामले में न्यायालय ने 8 दोषियों को अधिकतम 20 वर्ष के कारावास से दण्डित किया. न्यायालय ने पीड़ित बालिका के शैक्षणिक एवं मानसिक विकास के लिए प्रतिकर के रूप में 4 लाख रुपए का प्रतिकर देने का भी आदेश पारित किया है।