सागर। चौकीदारों का हत्यारा सीरियल किलर शिवप्रसाद बचपन से ही झगड़ालू प्रवृत्ति का है। वर्षों से गांव से बाहर ही रहता था, लेकिन जब भी गांव आता था तो उसके झगड़ने की शिकायतें आने लगती थीं। घर में भी हमेशा झगड़ने पर उतारू रहता था। उसके इसी तौर-तरीकों से परेशान मां-बाप उसे गांव से बाहर ही रखना चाहते थे। हाल में रक्षाबंधन पर वह घर गया था तो मां ने परिचितों से दो हजार रुपये उधार लेकर शिवप्रसाद को दिए थे ताकि वह गांव से बाहर रहे और झगड़ों से बचा रहे, लेकिन उन्हें यह नहीं मालूम था कि एक दिन उन्हें यह मालूम चलेगा कि उनका बेटा अपराध की सारी हदें पार कर एक नहीं कई हत्याओं को आरोपित निकलेगा।
सीरियल किलर शिववप्रसाद की गिरफ्तारी के बाद नवदुनिया प्रतिनिधि ने केसली से 18 किलोमीटर केकरा गांव में उसके घर पहुंचकर स्वजन से संपर्क किया। घर मां सीतारानी अकेली बाहर आंसू बहाते हुए बैठी थी। पिता नन्हें वीर को पुलिस पूछताछ के लिए सुबह ही सागर ले गई थी। दो बहनों की शादी हो चुकी है और बड़ा भाई गुजरात में काम करता है। झोपड़ीनुमा कच्चे मकान में शिवप्रसाद के सिर्फ माता-पिता ही रहते हैं। गांव में ही तीन एकड़ खेती परिवार के गुजर बसर का सहारा है। शविप्रसाद का जिक्र करते ही मां सीतरानी ने फूट-फूटकर रोते हुए बताया कि बेटा झगड़ालू था लेकिन हत्यारा निकलेगा यह कभी सोचा नहीं था। आठवीं तक पढ़ने के बाद से ही गांव से बाहर रहता था। महाराष्ट्र और गोवा में काम के लिए कई बार गया। रुपयों की जरूरत पर ही गांव आता था और झगड़ने लगता था। इससे बचने के लिए उसे हमेशा रुपये दे देते थे और वह चला जाता था। इस बार भी रक्षाबंधन पर दो हजार रुपये के लिए झगड़ा कर रहा था, तब उसे दूसरों से रुपये लेकर दिए थे।