भारत ऐसे हाईवेज बना रहा है, जिस पर चलते हुए ही गाड़ियां चार्ज हो जाएंगी। इसकी तस्दीक ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर नितिन गडकरी ने भी की है। उन्होंने कहा कि सरकार सोलर एनर्जी से चलने वाले इलेक्ट्रिक हाईवेज बनाने पर काम कर रही है। इन हाईवेज पर चलते हुए भारी-भरकम ट्रक और बसें चार्ज हो सकेंगे। वहीं इलेक्ट्रिक हाईवे ऐसे हाईवे होते हैं, जिनमें कुछ इक्विपमेंट्स के जरिए ऐसा सिस्टम होता है, जिससे उनसे गुजरने वाली गाड़ियां बिना रुके ही अपनी बैटरी चार्ज कर सकती हैं। इसके लिए हाईवे पर ओवरहेड वायर या रोड के नीचे से ही इलेक्ट्रिक फ्लो करने का सिस्टम बना होता है। इलेक्ट्रिक हाईवे से केवल इलेक्ट्रिक गाड़ियां ही चार्ज हो सकती हैं। इससे पेट्रोल-डीजल वाली गाड़ियां नहीं चार्ज होती। इनसे हाइब्रिड गाड़ियां भी चार्ज हो सकती हैं। हाइब्रिड गाड़ियों में इलेक्ट्रिक के साथ-साथ पेट्रोल-डीजल से चलने की भी सुविधा होती है। यानी इलेक्ट्रिक हाईवे इलेक्ट्रिक सुविधा से लैस ऐसे हाइवे होते हैं, जहां उनके ऊपर से गुजरती गाड़ियों को चार्ज किया जा सकता है।
ओवरहेड पावर लाइन: इसमें रोड के ऊपर इलेक्ट्रिक वायर लगे होते हैं। जब इन वायर के नीचे से हाइब्रिड या इलेक्ट्रिक गाड़ियां गुजरती हैं, तो गाड़ियों के ऊपर लगे पैंटोग्राफ इन वायर के संपर्क में आ जाते हैं। इससे करेंट का फ्लो वायर से उस गाड़ी में होने लगता है और उसकी बैटरी चार्ज हो जाती है। जब तक गाड़ी इन तारों के संपर्क में रहती हैं, तब तक उनकी बैटरी चार्ज होती रहती हैं। किसी दूसरी तरफ मुड़ने यानी वायर से संपर्क टूटने के बाद गाड़ी वापस से डीजल या पेट्रोल इंजन मोड में आ जाती है। यानी इलेक्ट्रिक बैटरी की जगह पेट्रोल-डीजल से चलने लगती है। इन हाईवेज से चार्ज इलेक्ट्रिक या हाइब्रिड गाड़ियां ही होती हैं। हाइब्रिड यानी इलेक्ट्रिक और डीजल-पेट्रोल दोनों से चलने वाली गाड़ियां। इलेक्ट्रिक हाईवे पर इस टेक्नीक से भारी-भरकम ट्रकों या बसों को ही चार्ज किया जा सकता है।