जबलपुर। अधिवक्ता अनुराग साहू द्वारा फांसी लगाने से गुस्साए वकीलों द्वारा मध्यप्रदेश हाईकोर्ट परिसर में गत 30 सितंबर को तोड़-फोड़,हंगामा,आगजनी और कोर्ट रुम में पहली बार शव लेकर पहुंच जाने के मामले में पुलिस ने 50 से अधिक अज्ञात वकीलों के खिलाफ सिविल लाइन थाने में मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी है। इसमें धारा 353 सहित शासकीय कार्य में बाधा, बलवा और आगजनी का प्रकरण कायम किया गया है जबकि अधारताल थाने में सिर्फ मर्ग कायम किया गया है। देश-प्रदेश के इतिहास में संभवत: यह पहली घटना है जब हाईकोर्ट परिसर में वकीलों ने लाश रख कर विरोध प्रदर्शन और हंगामा किया हो, जिस पर पुलिस को लाठीचार्ज तक करना पड़ गया। इसलिए अति संवेदनशील मामले में पुलिस-प्रशासन जहां फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है। वहीं खबर है कि स्वयं हाईकोर्ट प्रशासन ने भी इस मामले की जांच शुरु कर दी है। ऐसा इसलिए क्योंकि मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता सहित कुछ बड़े अधिकारियों के नाम भी चर्चा में आ रहे हैं।