जबलपुर। अपर सत्र न्यायाधीश उर्मिला यादव के न्यायालय ने दुष्कर्म के आरोपित जबलपुर निवासी शमीम कबाड़ी के पुत्र फहीम खान की जमानत अर्जी निरस्त कर दी। अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक ज्योति राय द्वारा जमानत व आपत्तिकर्ता की ओर से अधिवक्ता रोहित जोशी, सीमांत चौहान, धीरज अग्रवाल, ध्यानेंद्र सिंह द्वारा जमानत अर्जी का विरोध किया गया। दलील दी गई कि आरोपित के विरुद्ध गढ़ा थाने में दुष्कर्म सहित अन्य धाराओं के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध हुआ है। उसने ब्यूटी पार्लर में काम करने वाली युवती से पहले दोस्ती का नाटक रचाया। इसके बाद उसके किराए के मकान में जाकर जबरदस्ती शुरू कर दी। वह लगातार चार साल से प्रताड़ित कर रहा था। उसकी बात न मानने पर धमकाता था कि मेरा बाप शमीम कबाड़ी शहर का जाना-माना क्रिमनल है, वह कब मार डालेगा, पता नहीं चलेगा। जैसा कहता हूं, कर वरना मैं खुद मार दूंगा। अब तुझे जीवन भर मेरी दासता बनकर रहना होगा। पीड़िता ने शमीम कबाड़ी के बेटे फहीम खान की प्रताड़ना से तंग आकर बाथरूम साफ करने वाला लिक्विड पीकर आत्महत्या तक की कोशिश की थी। यदि आरोपित को जमानत दी गई तो समाज में गलत संदेश जाएगा, साथ ही आरोपित रसूखदार होने के कारण साक्ष्य भी प्रभावित कर सकता है। न्यायालय ने सभी तर्क सुनने के बाद जमानत अर्जी निरस्त कर दी।