भोपाल (राज्य ब्यूरो)। इस वर्ष के अंत तक प्रदेश में फारेंसिक सैंपलों की जांच की क्षमता बढ़ जाएगी। अगले महीने ग्वालियर और दिसंबर में भोपाल में नई लैब शुरू करने की तैयारी शासन ने की है। दोनों लैब में हर माह सौ-सौ सैंपल जांचने की क्षमता होगी भोपाल लैब की क्षमता बाद में और बढ़ाई जाएगी। अगले साल जबलपुर में भी एक फारेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) शुरू हो जाएगी। बता दें कि अभी भोपाल, सागर और इंदौर में एक-एक लैब कार्यरत हैं। तीनों में प्रति माह करीब पांच सौ सैंपलों की जांच हो रही है। जांच क्षमता कम होने की वजह से नौ हजार से ज्यादा सैंपलों की जांच अलग-अलग लैब में अटकी है। इनमें कई सैंपल तो संगीन अपराधों के हैं। जांच के लिए हर माह ढाई सौ से तीन सौ नए सैंपल आ रहे हैं। ऐसे में मौजूदा जांच क्षमता के अनुसार लंबित जांच वाले सैंपलों में प्रति माह करीब दो सौ ही जांचे जा रहे हैं। तीन और नई लैब बनने से जांच क्षमता दोगुनी हो जाएगी। प्रदेश में पहले सिर्फ सागर में फारेंसिक लैब थी। इसके बाद भोपाल और इंदौर में शुरू हुई। शुरू से ही आने वाले सैंपलों के मुकाबले कम जांचें हो पा रही हैं।
जांचें बढ़ाने के लिए संविदा शोधार्थियों की भर्ती होगी
एफएसएल के अधिकारियों ने बताया कि तकनीकी कर्मचारियों की कमी की वजह से लैब की क्षमता होने के बाद भी जांचें नही हो पाती। इसके लिए तात्कालिक व्यवस्था की जा रही है। कार्यरत तीनों लैब के लिए 122 संविदा शोधार्थियों की नियुक्ति की जाएगी। इनकी योग्यता एमएससी रसायन शास्त्र होगी। अगले महीने इनकी नियुक्ति होने की उम्मीद है। इसके साथ ही जांच क्षमता भी बढ़ जाएगी
इनका कहना है
ग्वालियर की लैब नवंबर और भोपाल की दिसंबर में शुरू करने की तैयारी है। हर लैब की क्षमता कम से कम सौ सैंपल जांचने की होगी। जबलपुर की लैब भी अगले साल शुरू हो जाएगी।
- शशिकांत शुक्ला, डायरेक्टर, फारेंसिक साइंस लैब