सरपंच कमला देवी की दो टूक कहां सचिव का करें स्थानांतरण नहीं तो इस्तीफा देना ही एकमात्र विकल्प
सतना-प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान महिलाओं को बढ़ावा देने के लिए महिला सशक्तिकरण जैसे कई कार्यक्रम आयोजन कर रहे हैं। ताकि महिलाओं की भागीदारी ज्यादा से ज्यादा शासकीय कार्यक्रमों में हो और उन्हें अधिक से अधिक रोजगार उपलबध हों। इसी कड़ी में पंचायती ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से एक आदेश जारी कर सरपंच महिला होने पर उसके पति के शासकीय कार्यक्रमों में शामिल होने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया। यदि चुनी हुई महिला सरपंच के स्थान पर उसके पति शासकीय कार्यालयों में जाते हैं और अनावश्यक रूप से शासकीय कार्यों में बांधा पैदा करते हैं तो ऐसी चुनी हुई सरपंचों को उसके पद से हटा दिया जाए। यह आदेश प्रदेश में पहली बार लागू किया गया । लेकिन गौरतलब है कि पंचायतों में सरपंच पति की दखलअंदाजी तो बंद हुई। लेकिन दूसरी ओर सचिव पति की दखलअंदाजी की खबरों का पैरामीटर बढ़ता जा रहा है। इसी से जुड़ा एक मामला सोहावल जनपद के करही ग्राम पंचायत का आया है। जहां पर 7 वर्षों से पदस्थ सचिव श्रद्धा मिश्रा के खिलाफ महिला सरपंच सहित ग्राम वासियों ने मोर्चा खोल दिया है। सरपंच कमला देवी चौधरी व ग्रामीणों के द्वारा यह बताया गया कि सचिव श्रद्धा मिश्रा पंचायत में केवल हाजिरी लगाने आती हैं। इसके बाद उनके दर्शन होना दुर्लभ हो जाता है। जब कभी ग्रामसभा का आयोजन नियत समय पर पंचायतों में होती है , तो उनके पति आशुतोष मिश्रा स्वयंशंभू सचिव बनकर पंचायतों के विकास कार्यों पर सीधे तौर पर दखलअंदाजी करते हैं महिला सरपंच पर दबाव बनाकर पंचायतों के विकास कार्यों पर बाधख बनते है। महिला सरपंच के द्वारा किसी भी प्रकार की पंचायत संबंधी जानकारी मांगे जाने पर सचिव श्रद्धा मिश्रा के द्वारा मना कर दिया जाता है। महिला सरपंच ने बताया कि प्रदेश के लोकप्रिय ईमानदार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी की महत्वकांक्षी योजनाओं पर सीधा असर पढ़ रहा है। योजनाओं का सीधा लाभ से वंचित ग्रामीण आए दिन महिला सरपंच को आवेदन पत्र देकर पंचायतों के चक्कर लगाते रहते हैं। इन सभी घटनाओं से परेशान होकर महिला सरपंच कमला देवी चौधरी ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद सोहावल को पत्र लिखकर सचिव का स्थानांतरण अन्यत्र स्थान पर किए जाने की मांग की है। स्थानांतरण ना होने की स्थिति में महिला सरपंच ने कहा। कि जनता ने मुझे काम करने के लिए वोट दिया है। यदि मैं जनता काम समय रहते नहीं कर पाई, तो मुझे पद में रहने का कोई हक नहीं बनता है इसलिए फिर मुझे इस्तीफा देना ही मेरे लिए एकमात्र विकल्प रहेगा। जब इस विषय पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जल्द ही जांच करके जांच की पुष्टि होने पर कार्यवाही की जाएगी।

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