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बात हकीकत की: अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस के अवसर पर सेव इंडियन फैमिली पीड़ित पुरुषों की पीड़ा का निराकरण करने का करेगी सरहनीय प्रयास

Saturday, November 19, 2022

/ by Today Warta




योगेश गुप्ता बैतूल

पीड़ित महिला या अन्य शिकायतकर्ता झूठी शिकायत पर पुलिस की चलानी कार्यवाहीऔर बेगुनाह पीड़ित पुरुष वर्ग के बीच बीच की बचाव बडी कडी साबित होना गैर सरकारी निजी संस्था एनजीओ "सेव इंडियनफैमिली" के सामने बडी चुनौती

जिले के सैकड़ों पीड़ित पुरुषों ने जताया विश्वास है संस्था के आयोजन में  उपस्थित भी होंगे ..

बैतुल - अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस लगभग कुछ स्थानो में इस दिवस को बडे उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। इसी कड़ी में बैतूल मे डॉक्टर  श्री संदीप गोहे जो एक सामाजिक सोशल वर्कर भी हैं। इन्होंने एक बडी चुनौती स्वीकार करके एक बडी पहल करी है। अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस के अवसर पर उन्होंने अपने गई सरकारी निजी संस्था एन जी ओ सेव इंडियन फैमिली के बेनर तले नेहरू पार्क बैतूल में दोपहर 1:00 से 3:00 तक एक दिवसी आयोजन रखा गया है। मुख्य अतिथि सलाहकार  परामर्श केंद्र की वरिष्ठ सदस्य मीरा एंथोनी  मुख्य अतिथि रहेंगी। एनजीओ के संचालक डॉ.संदीप गोहे ने बताया है। कि अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस के अवसर पर हमारी संस्था ऐसे पीड़ित पुरुष को काउंसलिंग, सामाजिक परामर्श, कानूनी सलाह,ब्लकि विधिक सेवा दिलाए जाने तौर पर निशुल्क मदद कर सकती है। उन्होंने बताया है कि जिन पीड़ित पुरुष के विरुद्ध परिवार अन्य किसी महिला या किसी व्यक्ति विशेष के द्वारा थाने या संस्था महिला बाल विकास मे झुठी शिकायत के आधार पर न्यायालय मे प्रकरण पेश किए गए हैं। ऐसे निश्क्त वास्तविक पीड़ित पीड़ित पुरुष भी इस आयोजन में अपनी समस्याओं के समाधान की उम्मीद  लिये भाग ले रहे हैं। संस्था निशुल्क सलाह एवं मदद करेगी।हालांकि संविधान और सरकार दोनों ही महिलाओं सुरक्षा कानून एवं हित में गंभीरता से कार्यवाही किए जाने पर विश्वास करती है। महिलाओं के मामले में पुलिस की एक पक्षीय कार्यवाही करना भी सही नहीं है। कहीं न कहीं निर्दोष व्यक्ति पुरुष के खिलाफ महिला युवती या अन्य की शिकायत और बयान के आधार पर ही प्रकरण दर्ज करके न्यायालय में पुरुष को आरोपी बनाकर पेश करना यह पुलिस की कार्यवाही का हिस्सा है। लेकिन देखा  गया है कि कई मामलों में न्यायालय भी पुलिस की चालानी कार्रवाई को झूठा मानकर आरोपी वास्तविक पीड़ित पुरुष को बेगुनाह मानकर दोषमुक्त करती हैं। लेकिन इस प्रक्रिया में पीड़ित बेगुनाह पुरुष को मानसिक शारीरिक आर्थिक परिवारिक सामाजिक प्रतिष्ठा भंग होने की पीड़ा जैसी यातनाओ से गुजरना पड़ता है। जिस पर विचार किया जाना पुलिस विभाग के लिए जरूरी हैं। यानी संविधान में सुधार की आवश्यकता है। अगर आज हम देश में महिलाओं एवं बालिक नाबालिक युवती के बढ़ते अपराधों आंकड़ों की गिनती करें। तो दुष्कर्म छेड़छाड़ के मामले हजारों लाखो की संख्या में गिने जा सकते हैं। इसका कारण भी कहीं न कहीं झूठी शिकायतों पर जांच किए बिना ही पुरुष वर्ग के खिलाफ थानों में प्रकरण दर्ज कर लेना  बल्कि महिलाओं के खिलाफ आवेदन स्वीकार ना करना या पीड़ित पुरुष की कोई सुनवाई ना होना भी ना  महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध का कारण मान सकते हैं। पीड़ित पुरुष को इस दुविधा में सुविधा उपलब्ध कराना एक बड़ी चुनौती है। इस चुनौती को एनजीओ सेव इंडियन फैमिली ने स्वीकार किया है। जो एक सराहनीय कार्य है। जिला बैतूल में एक बहुत बड़ी चुनौती का सामना संस्था कर रही है। जिनमें पीड़ित पुरुषों ने विश्वास जताया हैं। हालांकि कुछ ऐसे मामले जिनके आवेदन चौकी थाने या किसी परामर्श केंद्र में निराकरण के लिए रखे गए हैं। उन मामलों में संस्था और उनके प्रयास सफल माने जा सकते हैं। लेकिन जिन प्रकरणों को पुलिस ने पीड़ित पुरुषों के खिलाफ न्यायालय में चरण पेश कर चुकी है। उन मामलों किस तरीके से राजीनामा के तहत या पुलिस की कार्रवाई को झूठा साबित करने में संस्था कितने प्रतिशत सफलता हासिल कर सकेगी। सेव इंडियन फैमिली के सामने चुनौती भरा सवाल सामने खड़ा है। गैर सरकारी निजी संस्था एनजीओ सेव इंडियन फैमिली ने जिले के पीड़ित पुरुषों को अधिक संख्या में उपस्थित होने की अपील भी की है।

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