बदहाल शिक्षण व्यवस्था को दुरूस्त करने की मांग लेकर जनसुनवाई में पहुंचे थे छात्र
मामला शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय धनगवां (पूर्वी) का
प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भले ही छात्र-छात्राओं को अपने भांजे व भांजिया मानकर उच्च शिक्षा व्यवस्था दिलाने में दिन-रात एक कर रहे हो, लेकिन जिले का प्रशासन वह भी कलेक्टर के द्वारा जब बदहाल शिक्षण व्यवस्था को दुरूस्थ करने की मांग को लेकर जनसुनवाई में छात्र पहुंचे, उनकी बात न सुनते हुए दो-टूक शब्दो में कहा दिया…गेट आउट। कलेक्टर के इस शब्द ने उन्हे आत्मीय आघात पहुंचाया और वह सीधे सभागार से बाहर आ गये
अनूपपुर। जिले की बदहाल शिक्षण व्यवस्था की दांस्ता किसी से छिपी नही है, लेकिन उस बदहाल स्थिति को दुरूस्थ करने की मांग जब विद्यालय में पढने वाले छात्र करने लग जाये तो यह अवश्य माना जाना चाहिए कि उनमें शिक्षा के प्रति ललक है, फिर वैसे भी यही छात्र देश के भविष्य कहे जाते है, लेकिन देश के भविष्य कहे जाने वाले छात्रों को कलेक्टर के द्वारा शिक्षण व्यवस्था की मांग करने पर गेट आउट कह दिया जाये तो विडंबना अपने आप समझ आती है। बहरहाल मामला इसलिए गंभीर है क्योकि आगामी माहों में छात्रों को वार्षिक परीक्षा देनी है, ऐसे में वह अपने भविष्य को लेकर चिंचित होंगे ही, परंतु कलेक्टर के इस गैर जिम्मेदाराना वाक्य ने शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय धनगवां (पूर्वी) के छात्रों की भावनाओं को आहत किया।
छात्रों की यह थी मांग
विकासखंड जैतहरी के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय धनगवां (पूर्वी) के छात्र मंगलवार जनसुनवाई में विद्यालय की शिक्षण व्यवस्था दुरूस्थ कराने की मांग के साथ विद्यालय में भृत्य की पदस्थापना का विषय लेकर पहुंचे थे, क्योकि विद्यालय का ताला खोलने से लेकर साफ-सफाई की व्यवस्था स्वयं उन्हे संभालनी पडती है, ऐसे में वह अध्यापन कार्य नही कर पाते है, क्योकि विद्यालय आने के बाद उनका आधा समय इन्ही व्यवथाओं में चला जाता है। विद्यालय में पदस्थ रहे भृत्य को जिला पंचायत में बतौर चालक रख लिये जाने से समस्या खडी हो गई है।
पहले भी छात्रों कर चुके है शिकायत
विद्यालय की बदहाल शिक्षण व्यवस्था से लगातार परेशान छात्र इसके पहले जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं जनजातीय कार्य विभाग के सहायक आयुक्त के अलावा मध्यप्रदेश शासन के कैबिनेट मंत्री बिसाहूलाल ङ्क्षसह सहित जिला पंचायत की उपाध्यक्ष पार्वती राठौर को लिखित में पत्र दे चुके है, लेकिन किसी प्रकार से उनके पत्र की सुनवाई न होने पर 29 नवंबर मंगलवार को कलेक्ट्रेट में आयोजित जनसुनवाई में कलेक्टर के समक्ष वह अपनी बात रखने गये थे, लेकिन कलेक्टर ने बात सुनना तो दूर छात्रों को समूह में देखते ही गेट आउट कर दिया।
फिर मांगी कलेक्टर ने माफी
जनसुनवाई में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय धनगवां (पूर्वी) के छात्र शिक्षण व्यवस्था दुरूस्थ करने व विद्यालय की बदहाल स्थिति में सुधार की मांग कलेक्टर के समक्ष पहुंचे थे, छात्रों ने मांग पूरी न होने पर आंदोलन करने का शब्द कहा तो कलेक्टर ने अपना आपा खो बैठी और छात्रों को गेट आउट कर दिया, हालांकि कुछ देर बाद कलेक्टर ने जो भी सोचा हो, छात्रों के प्रतिनिधि मंडल को सभागार में बुलाकर उनसे सॉरी बालते हुए उनकी मांग को जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया, जिसके बाद छात्रों ने राहत महशूस की।
सहायक आयुक्त, बीईओ, संकुल प्राचार्य व प्राचार्य को ज़िप.सीईओ ने जारी किया गया शोकॉज
नोटिसमंगलवार 29 नवम्बर को जनसुनवाई में शा.उ.मा.वि. धनगवां पूर्वी के छात्रों द्वारा विद्यालय में अव्यवस्था व भृत्य के संबंध में आवेदन प्रस्तुत किया गया। जनसुनवाई में उपस्थित कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना ने छात्रों द्वारा प्रस्तुत आवेदन का संज्ञान लेते हुए तत्काल ही इस संबंध में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी व पदेन अपर संचालक शिक्षा अभय सिंह ओहरिया को विद्यालय की अव्यवस्था के संबंध में जनजातीय कार्य विभाग के सहायक आयुक्त, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी जैतहरी, संबंधित संकुल प्राचार्य व शा.उ.मा.वि. धनगवां पूर्वी के प्राचार्य को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने शिक्षा विभाग के अव्यवस्था पर नाराजगी जताई तथा छात्रों को कार्यवाही करने का आश्वासन देते हुए उन्हें मन लगाकर अपनी पढ़ाई करने की समझाईश भी दी गई। संबंधित जिम्मेदारों को मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण अधिनियम 1965 के नियम 3 के तहत कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर 3 दिवस में संबंधितों से समक्ष में उपस्थित होकर जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। समय अवधि में संतोषप्रद उत्तर प्राप्त न होने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही का लेख किया गया है।