इंदौर। नयापुरा तेंदुआ गोलीकांड और जंगली सूअर के शिकार मामले में फरार शिकारी को स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स (एसटीएसएफ) ने शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। वह पड़ोसी की शादी में शामिल होने के लिए पहुंचा था। कमलापुर से पकड़े गए शिकारी मोहन डाबी पर खरगोश, सेही और जंगली सूअर के शिकार को लेकर पांच मामले और दर्ज हैं। पूछताछ में शिकारी ने तेंदुए को गोली मारने से इनकार किया है। वैसे आरोपित से कोई हथियार व बंदूक जब्त नहीं हुई है। हालांकि, शनिवार को एसटीएसएफ ने शिकारी को न्यायालय में पेश कर दिया है।
मार्च 2021 से शिकारी मोहन डाबी फरार था। सालभर बाद एसटीएसएफ ने मोहन पर आठ हजार का इनाम भी घोषित कर दिया था। 21 महीने के भीतर डाबी को पकड़ने के लिए एसटीएसएफ दस से पंद्रह मर्तबा गांव पहुंची। वह कई बार टीम को चकमा देकर भी फरार हो गया। शुक्रवार को मुखबिर से सूचना मिलने पर एसडीओ अनुभा द्विवेदी और रेंजर धर्मवीर सोलंकी के नेतृत्व में टीम ने कमलापुर गांव में दबिश दी। रात में शिकारी डाबी पड़ोसी के शादी समारोह में पहुंचा। तुरंत अधिकारियों के निर्देश पर टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। पांच केस और दर्ज हैं - अधिकारियों के मुताबिक, शिकारी के पास मोबाइल के पांच से छह सिम कार्ड हैं। बार-बार नंबर बदलकर लोगों से बात करता था। सूत्रों के मुताबिक, शिकारी की लोकेशन 9 जुलाई 2020 को नयापुरा में नहीं मिली है। अधिकारियों के मुताबिक, शिकारी पर पांच और मामले दर्ज हैं। जंगली सूअर के शिकार को लेकर इसकी इंदौर रेंज को भी इसकी तलाश थी। तेंदुए से जुड़े मामले में सुबूत जुटाए जा रहे हैं।
तेंदुए के सिर में लगे थे 46 छर्रे - 9 जुलाई 2020 को इंदौर रेंज में आने वाले नयापुरा वनक्षेत्र में घायल तेंदुए मिला था। इलाज के दौरान तेंदुए के सिर का सीटी स्कैन हुआ। सिरे में 46 छर्रे होना पाए गए। इसके बाद तेंदुआ गोलीकांड की दिशा में जांच शुरू हुई। नवंबर में प्रकरण एसटीएसएफ को सौंपा गया। इस दौरान 28 मार्च 2021 को इंदौर रेंज ने जंगली सूअर के शिकार मामले में घड़िया गांव से रामचरण और विष्णु नामक दो शिकारियों को पकड़ा। पूछताछ के दौरान रमेश, राजेंद्र जाघव, अतुल, मोहन, महेश के बारे में जानकारी लगी। दोनों शिकारियों के पास बंदूक भी जब्त हुई। शिकारियों को कोर्ट में पेश करने के बाद एसटीएसएफ ने इनका रिमांड लिया। रमेश को पकड़ने के बाद राजेंद्र जाधव खुद एसटीएसएफ कार्यालय पहुंच गया था।