देश

national

आज का सुविचार "" नीति सूत्र ""

Monday, December 19, 2022

/ by Today Warta



नीति शास्त्र में एक बहुत ही सुंदर श्लोक आता है-

सत्यं माता पिता ज्ञानं धर्मो भ्राता दया सखा।

शांति:पत्नी क्षमा पुत्र: षडेते मम् बान्धवा:

सत्य ही हमारी माता, ज्ञान ही हमारे पिता, धर्म ही हमारा भाई, दया ही हमारा मित्र, शांति ही हमारी पत्नी, क्षमा ही हमारा पुत्र है। और ये छः ही हमारे सच्चे हितैषी और बांधव भी हैं। अगर जीवन में सत्य होगा तो माता के समान वात्सल्य और रक्षक हमें सर्वत्र प्राप्त करा देगा। अगर जीवन में ज्ञान होगा तो वो पिता के समान हर जगह हमें आत्मबल और यथोचित सलाह देकर बड़ी से बड़ी चुनौती से मुकाबला करने की सामर्थ्य प्रदान करा देगा। 

अगर जीवन में धर्म होगा तो वो एक भाई के समान हर संकट में खड़ा रहेगा और कभी भी हमारा पतन नहीं होने देगा। अगर जीवन में दया होगी तो वो सच्चे मित्र के समान हर जगह हमारा सहायक ही बनेगी एवं क्रूर व नीच कर्मों से हमारी रक्षा करेगी। अगर जीवन में शांति आपके स्वभाव में होगी तो एक पत्नी के समान सेवा और शुश्रूषा करने वाले और आपकी हर बात का सम्मान करने वाले आपको सर्वत्र मिल जायेंगे और अगर क्षमा आपके जीवन में होगी तो पुत्रवत् आज्ञाकारी और आपको मान देने वाले लोग भी आपको सर्वत्र मिल ही जायेंगे। 

सत्य, ज्ञान, धर्म, दया, शांति और क्षमा ये छः गुण ही व्यक्ति के सच्चे हितैषी और बंधु बांधव भी हैं।जिनके जीवन में ये सद्गुण हैं उन्हें कुमार्गगामी बनाने वाले अन्य किसी भी संबध की क्या जरूरत..?

      🙏 जय श्री राधे कृष्ण 🙏

    🪷🪷।। शुभ वंदन।।🪷🪷

सदैव प्रसन्न रहिये - जो प्राप्त है, पर्याप्त है।

जिसका मन मस्त है - उसके पास समस्त है।।

Don't Miss
© all rights reserved
Managed by 'Todat Warta'