रवींद्र सिंह (मन्जू सर) मैहर की कलम से
कई बार जब हम किसी बात के कारण दूसरों से रिश्ता तोड़ लेते हैं तब ज़रा गहरा सोचें। जिस बात पर मन मुटाव हुआ उसका विश्लेषण करें। पता चलेगा कि बात तो बहुत छोटी- सी थी परन्तु हमारे अहंकार ने उसे बड़ा बना दिया।लिखें वही जिस के नीचे अपने हस्ताक्षर कर सकें,अर्थात पहले स्वयं नशा न करे नशे का परित्याग स्वयं करे, न गलत शब्दो का उपयोग करे । फिर दूसरे को कहे। पहले स्वयं ईमानदार बने। सोचें वही जो बेहिचक बोल सकें और बोलें वही जिस का जवाब सुन सकें। सब्र करना दुनिया के सामने रोने से ज्यादा बेहतर है।आप सभी को सादर नमन। मैहर वाली शारदे माता रानी आप सभी पर अपना आशीर्वाद बनाये रखे।

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