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विदेशी मुद्रा में निवेश के नाम पर हड़पे 45 करोड़ रुपये, भोपाल साइबर पुलिस ने किया गिरफ्तार

Wednesday, January 4, 2023

/ by Today Warta



भाेपाल। विदेशी मुद्रा टेथर में निवेश कर 21 प्रतिशत मुनाफे का झांसा देकर 45 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले जालसाज काे राजधानी की साइबर सेल ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपित सचिन डहाके मूलत: महाराष्ट्र के अमरावती का रहने वाला है। उसने इलेक्ट्राेनिक्स एंड कम्युनिकेशन में डिप्लोमा किया है। सचिन ने तेलंगाना में कामसिस इन्फोटेक नाम की फर्जी कंपनी बनाई। इसी कंपनी में निवेश कराने का झांसा देकर लोगों से ठगी शुरू कर दी। उसने देशभर के 875 लोगों से 45 करोड़ की ठगी की है। इनमें इंदौर, भोपाल के कई बड़े अधिकारी और व्यापारी भी शामिल हैं। डीसीपी साइबर क्राइम अमित सिंह ने बताया कि शाहजहांनाबाद के रहने वाले एक कारोबारी ने कुछ समय पहले शिकायत की थी। उसने शिकायत में बताया था कि कुछ दिन पहले वह सोशल मीडिया ऐप टेलीग्राम के ग्रुप में जुड़ गया था। ग्रुप पर निवेश करने का मैसेज आया। इसमें यूएसडीटी यानि टेथर मुद्रा में निवेश करने पर 21 प्रतिशत मुनाफा देने का भराेसा दिया गया। इसके बाद कामसिस इन्फोटेक कंपनी के एमडी सचिन डहाके व कोर कमेटी मेंबर ने कंपनी में पांच लाख दाे हजार रुपए निवेश करा लिया। निवेश की पूरी प्रोसेस टेलीग्राम पर ही की गई। बाद में आरोपित मुनाफा देने की बात से मुकर गए। इसके बाद उसने पुलिस में शिकायत की।

ऐसे करता है वारदात

आराेपित सचिन डहाके कामसिस इन्फोटेक नाम की कंपनी में पैसे निवेश करवाता था। वह लोगों से कंपनी की वेबसाइट में रजिस्ट्रेशन कराता था। बाद में फरियादी को एक अन्य पोर्टल का लाग इन आइडी व पासवर्ड दिया जाता था। पोर्टल के पेज पर फरियादी द्वारा किए गए निवेश का मुनाफ व उसकी तरफ से जोड़े गए सदस्य का रिकार्ड दिखाई देता था। शुरुआत में 21 फीसदी मुनाफे का लालच दिया जाता था। इसके साथ ही रेफर्स पर प्रति मेंबर जोड़ने पर पांच फीसदी कमीशन का लालच दिया जाता था। बाद में 10 महीने में पैसा डबल करने का लालच दिया गया। निवेशकों का भरोसा जीतने के लिए आनलाइन मीटिंग कर लोगों को निवेश करने और दूसरों को निवेश के लिए प्रेरित करने को कहा जाता था। लोगों को भरोसे में लेने कुछ पैसे शुरुआत में मुनाफे के तौर पर दिए जाते थे।

रिफंड के नाम पर सिर्फ बहाने

जब फरियादी पैसा वापस करने के लिए कहता, तो कंपनी के संचालक कभी साफ्टवेयर अपडेट का बहाना बनाते, तो कभी बैंक खाता सरकार द्वारा होल्ड कराने का बहाना बना कर टाल देते थे। यही नहीं, कभी पैसों को यूएसडीटी में एडजस्ट करने का बहाना बना कर पैसे बाद में देने को बोला जाता था। इसके बाद जालसाज अपना मोबाइल नम्बर, पता बदल कर दूसरे नाम से कंपनी खोल लेते थे। आराेपित के पास से दाे लैपटाप, दाे एटीएम, दाे मोबाइल, दाे सिम, एक सील, एक राउटर जब्त किए गए हैं।

क्या है टेथर

टेथर एक डिजिटल मुद्रा या ब्लाकचेन आधारित मुद्रा है। यह अमेरिकी डालर से जुड़ी है। यह वर्ष- 2014 में लांच की गई थी। इसका उद्देश्य स्थिर क्रिप्टोकरेंसी बनाना था, जिसका उपयोग डिजिटल डालर या 'स्थिर सिक्के' की तरह किया जा सकता है। टेथर ने शुरुआत में बिटक्वाॅइन नेटवर्क के ओमनी लेयर को ट्रांसपोर्ट प्रोटोकाल के रूप में इस्तेमाल किया। टेथर अब इथेरियम पर ईआरसी 20 टोकन के रूप में उपलब्ध है। कुल मिलाकर, टेथर बिटक्वाइन (ओमनी और लिक्विड प्रोटोकाल दोनों), इथेरियम, ईओएस और ट्रान ब्लाकचेन पर जारी किया जाता है। टेथर का उपयोग सामान और सेवाओं को आनलाइन खरीदने के साथ-साथ मूल्य को स्टोर करने के लिए भी किया जा सकता है।

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