देश

national

अब बिहार में भी सीबीआई की नो एंट्री

Monday, August 29, 2022

/ by Today Warta



नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार राज्य में मामलों की जांच के लिए सीबीआई को दी गई आम सहमति वापस ले सकती

बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार राज्य में मामलों की जांच के लिए सीबीआई को दी गई आम सहमति वापस ले सकती है। एक हफ्ते से भी कम समय में सीबीआई ने जमीन घोटाले के सिलसिले में राजद एमएलसी सुनील सिंह, पूर्व एमएलसी सुबोध रॉय, राज्यसभा सांसद अहमद अशफाक करीम और फैयाज अहमद के ठिकानों पर छापेमारी की। इसके बाद सभी महागठबंधन दलों ने आरोप लगाया कि केंद्र द्वारा राजनीतिक उद्देश्यों के लिए केंद्रीय जांच एजेंसी का इस्तेमाल किया जा रहा है। बिहार द्वारा सीबीआई से सामान्य सहमति वापस लेने की संभावना पर मीडिया से बात करते हुए भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद ने दावा किया कि इसके सबसे बड़े घटक राजद से जुड़े भ्रष्टाचार के घोटालों के अलावा महागठबंधन आंतरिक राजनीतिक विरोधाभासों के कारण असुरक्षित महसूस कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में सत्तारूढ़ गठबंधन सिर्फ राजद को बचाने के लिए देश के संघीय ढांचे और लोकतांत्रिक ताने-बाने को चुनौती देना चाहता है। वर्तमान में राज्य सरकार के पास 242 सदस्यीय बिहार विधानसभा में 165 विधायकों का समर्थन है।

सीबीआई की स्थापना

दूसरे विश्व युद्ध के दौरान भ्रष्टाचार और घूसखोरी की जांच के लिए भारत की ब्रिटिश सरकार ने 1941 में स्पेशल पुलिस एस्टैब्लिशमेंट की स्थापना की। युद्ध के बाद दिल्ली स्पेशल पुलिस एस्टैब्लिशमेंट ऐक्ट, 1946 के प्रावधानों के तहत इस एजेंसी का संचालन होता रहा। अभी भी सीबीआई का संचालन इसी कानून के तहत होता है। शुरू में तो इसके जिम्मे भ्रष्टाचार के मामलों की जांच थी लेकिन धीरे-धीरे इसका दायरा बढ़ता गया।

सीबीआई जांच 

अगर कोई राज्य सरकार किसी आपराधिक मामले की जांच का सीबीआई से आग्रह करती है तो सीबीआई को पहले केंद्र सरकार की मंजूरी लेनी पड़ती है। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (ऊङ्मढळ)द्वारा एक अधिसूचना जारी किया जाता है। जिसके बाद सीबीआई द्वारा तफ्तीश शुरू की जाती है। वहीं भारत का सुप्रीम कोर्ट या राज्यों के हाई कोर्ट भी मामले की जांच का सीबीआई को आदेश दे सकते हैं। 

सीबीआई को दी गई 'सामान्य सहमति' क्या है?

दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान (डीएसपीई) अधिनियम में कहा गया है कि सीबीआई को उस राज्य में किसी अपराध की जांच शुरू करने से पहले राज्य सरकार की अनुमति लेनी होगी। संबंधित राज्य में केंद्र सरकार के कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों की निर्बाध जांच करने के लिए सीबीआई को सुविधा प्रदान करने के लिए आम तौर पर सभी राज्यों द्वारा सामान्य सहमति दी जाती है। हालांकि, अगर यह सहमति वापस ले ली जाती है, तो केंद्रीय एजेंसी को राज्य के अधिकार क्षेत्र से संबंधित कोई भी नया मामला दर्ज करने के लिए संबंधित राज्य सरकार की अनुमति लेनी होगी। 

Don't Miss
© all rights reserved
Managed by 'Todat Warta'