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ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाक के बीच बढ़ा तनाव

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Thursday, May 22, 2025

 


भारत और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर से तनाव बढ़ गया है। इसकी वजह है भारत द्वारा हाल ही में चलाया गया एक सैन्य अभियान, जिसे 'ऑपरेशन सिंदूर' कहा गया। इस ऑपरेशन में भारत ने पाकिस्तान सीमा के पार आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया।

भारतीय सेना के अनुसार, यह ऑपरेशन एक विशेष मिशन था जिसमें उन आतंकी ठिकानों पर हमला किया गया जो भारत पर हमले की योजना बना रहे थे। सेना का कहना है कि यह कार्रवाई सटीक और सफल रही। देशभर में लोगों ने भारतीय सेना और सरकार की इस कड़ी कार्रवाई की सराहना की है।

वहीं पाकिस्तान ने इस ऑपरेशन का कड़ा विरोध किया है। पाकिस्तान की सरकार ने चेतावनी दी है कि अगर ऐसे हमले दोबारा हुए तो उसके गंभीर परिणाम होंगे। इस बयान के बाद दोनों देशों के बीच तनाव और भी बढ़ गया है।

सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है और सीमावर्ती गांवों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। कई जगहों पर स्कूल और बाजार एहतियातन बंद कर दिए गए हैं।

इस बीच, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच हुए हालिया सीजफायर (गोलीबारी बंद) का श्रेय उन्हें जाता है। ट्रंप का कहना है कि उन्होंने दोनों देशों के बीच शांति के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

हालांकि, भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ट्रंप के दावे को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि भारत ने पाकिस्तान से सीधे बातचीत के जरिए शांति की दिशा में कदम बढ़ाया और इसमें किसी तीसरे पक्ष की भूमिका नहीं थी।

फिलहाल, दोनों देशों के बीच माहौल बहुत नाजुक बना हुआ है। लोग उम्मीद कर रहे हैं कि यह तनाव किसी बड़े टकराव में न बदले। सरकार और सेना स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।

आनंद मोहन की जेल से हुई रिहाई, अपराध और बिहार की राजनीति में क्या रहा योगदान

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Thursday, April 27, 2023



बिहार के पूर्व सांसद आनंद मोहन गुरुवार सुबह जेल से रिहा हो गए। वह 1994 में आईएएस अधिकारी जी कृष्णय्या की हत्या का दोषी पाये गये थे और इस मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे। नीतीश कुमार सरकार ने 10 अप्रैल को उनकी रिहाई की सुविधा के लिए जेल नियमों में बदलाव किया।बिहार के पूर्व सांसद आनंद मोहन गुरुवार सुबह जेल से रिहा हो गए। वह 1994 में आईएएस अधिकारी जी कृष्णय्या की हत्या का दोषी पाये गये थे और इस मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे। नीतीश कुमार सरकार ने 10 अप्रैल को उनकी रिहाई की सुविधा के लिए जेल नियमों में बदलाव किया। बिहार सरकार ने आधिकारिक तौर पर 24 अप्रैल की शाम को आनंद मोहन को रिहा करने की अधिसूचना जारी की, जिसमें 27 कैदियों को रिहा करने के नाम भी शामिल हैं। बाहुबली-राजनेता को उनकी रिहाई की खबर तब मिली जब वह पैरोल पर बाहर थे और सोमवार (24 अप्रैल) को पटना में अपने बेटे की सगाई समारोह में शामिल हो रहे थे। समारोह के दौरान आनंद मोहन को बताया गया कि वह करीब 30 साल पुराने हत्या के एक मामले में जेल से छूटा है।केंद्रीय सिविल सेवा अधिकारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक समूह ने आनंद मोहन को मुक्त करने वाले जेल नियमों में बदलाव करने के नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार के कदम पर "गहरी निराशा" व्यक्त की और कहा कि यह "न्याय से वंचित करने के समान" है। इंडियन सिविल एंड एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (सेंट्रल) एसोसिएशन ने एक बयान में कहा कि बिहार सरकार के कदम से "लोकसेवकों के मनोबल का क्षरण होता है" और उन्होंने अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया। बयान में कहा गया है, "कैदियों के वर्गीकरण नियमों में बदलाव कर गोपालगंज के पूर्व जिलाधिकारी जी कृष्णैया, आईएएस की नृशंस हत्या के दोषियों को रिहा करने के बिहार सरकार के फैसले पर सेंट्रल आईएएस एसोसिएशन गहरी निराशा व्यक्त करता है।"बयान में कहा गया है, कैदियों के वर्गीकरण नियमों में बदलाव कर गोपालगंज के पूर्व जिलाधिकारी जी कृष्णैया, आईएएस की नृशंस हत्या के दोषियों को रिहा करने के बिहार सरकार के फैसले पर सेंट्रल आईएएस एसोसिएशन गहरी निराशा व्यक्त करता है।

आनंद मोहन को क्यों छोड़ा गया है?

बिहार के पूर्व सांसद 26 अन्य लोगों के साथ जेल से बाहर आए, जो 14 साल से अधिक समय से राज्य की विभिन्न जेलों में बंद थे। 10 अप्रैल को, बिहार सरकार ने मोहन की रिहाई की सुविधा के लिए नियम 481 में बदलाव करते हुए जेल नियमावली, 2012 में बदलाव किया। राज्य सरकार की आधिकारिक अधिसूचना ने 26 अन्य कैदियों को रिहा करने का आदेश दिया, जिन्होंने 14 से 20 साल के बीच जेल में सेवा की थी।

जी कृष्णैया कौन थे?

जी कृष्णैया तेलंगाना के महबूबनगर के रहने वाले थे। वह एक गरीब दलित परिवार से ताल्लुक रखते थे और उन्हें उस समय के सबसे ईमानदार नौकरशाहों में से एक कहा जाता था। 1994 में आनंद मोहन के नेतृत्व वाली भीड़ द्वारा हमला किए जाने के बाद उनकी मृत्यु हो गई।

ताबड़तोड़ फायरिंग: गोलीकांड से पूरा इलाका सहमा, 5 लोगों के घायल होने की खबर

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Thursday, October 13, 2022



पटना। बिहार में अपराध की घटनाओं में लगातार वृद्धि देखी जा रही हैं। बिहार के बेतिया में आज ताबड़तोड़ गोलीबारी की घटना सामने आई है। इस गोलीकांड से पूरा इलाका सहमा हुआ है। फिलहाल, खबर यह है कि इस गोलीकांड में 5 लोग घायल हुए हैं जिन्हें उपचार के लिए अस्पताल भेज दिया गया है। इसके अलावा एक बदमाश को पकड़ा गया है। घटना गोलाघाट डुमरी के अहिरौली गांव की है। बताया जा रहा है कि तीन बदमाश हथियार से लैस होकर वार्ड सदस्य राजू बाबू के घर पहुंचे थे और ताबड़तोड़ गोलीबारी शुरू कर दी। घटना को अंजाम देने के बाद बदमाश भागने की कोशिश कर रहे थे। तभी एक गिर गया और ग्रामीणों की सूझबूझ से उसे पकड़ लिया गया।  सोशल मीडिया पर इसका वीडियो भी काफी वायरल हो रहा है। हालांकि पुलिस अब लगातार इस घटना को लेकर जांच में जुटी हुई है। बताया जा रहा है कि घायलों में कुछ की हालत गंभीर है। इस घटना के बाद इलाके में भय का माहौल है। घटना की सूचना मिलने के साथ ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंच चुकी थी। फिलहाल पुलिस घायलों से पूछताछ कर रही है और पकड़े गए बदमाश से भी तलाशी की जा रही है। शुरूआत में मामला आपसी रंजिश का बताया जा रहा है। वारदात को अंजाम देने के लिए तीन शूटर बाहर से बुलाए गए थे।  पकड़े गए शूटर को पुलिस ने अपनी गिरफ्त में ले लिया है। घायलों का इलाज लगातार नजदीक के अस्पताल में किया जा रहा है। घायलों में वार्ड सदस्य राजा बाबू, विजय पटेल और रुस्तम मियां भी शामिल है।





मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जेपी गांव के विकास न होने पर जताया दुख

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Saturday, October 8, 2022

 


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक लिखा पत्र 

पटना। जेपी का गांव एक ऐसी जगह है, जिसे लोग देखना चाहते हैं। हमने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है, 65 करोड़ रुपये की लागत से एक रिंग डैम बनाया है और बाढ़ संभावित क्षेत्र के कटाव को रोकने के उद्देश्य से 35 करोड़ रुपये खर्च किए हैं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने लोकनायक जयप्रकाश नारायण के पैतृक गांव में लंबे समय से लंबित विकास कार्यों को तेजी से पूरा करने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखा है। कुमार ने महान समाजवादी नेता के गांव सिताब दियारा में कई परियोजनाओं की वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए शुरूआत के दौरान पड़ोसी राज्य में विकास कार्य की धीमी गति पर दुख जताया। कुमार ने कहा, जेपी का गांव एक ऐसी जगह है, जिसे लोग देखना चाहते हैं। हमने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है, 65 करोड़ रुपये की लागत से एक रिंग डैम बनाया है और बाढ़ संभावित क्षेत्र के कटाव को रोकने के उद्देश्य से 35 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। कुमार ने कहा, हमने सड़कों का निर्माण भी किया है, जिनमें से एक को आज लोगों को समर्पित किया जा रहा है, इसके अलावा एक पुस्तकालय सह स्मारक है जिसमें जेपी (लोकनायक जयप्रकाश नारायण) की 500 मूल तस्वीरें, 800 किताब और कई सीडी हैं। कुमार ने कहा, लेकिन सिताब दियारा के कुछ हिस्से उत्तर प्रदेश में आते हैं और वहां की सरकार सैद्धांतिक रूप से 2017-18 में अपना काम करने के लिए सहमत हो गई थी। उल्लेखनीय है कि कुमार ने लगभग दो महीने पहले बिहार में भाजपा को साथ छोड़ दिया था। जद (यू) नेता ने कहा, इसलिए मैंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को एक नया पत्र लिखा है, जिसमें उनसे विकास कार्यों में तेजी लाने का अनुरोध किया है। इससे उस राज्य के निवासियों को मदद मिलेगी, जो ऐतिहासिक स्थान पर जाने के इच्छुक हो सकते हैं। बिहार के पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में भाजपा का शासन है। कुमार, 11 अक्टूबर को जेपी की जयंती के मौके पर नगालैंड का दौरा करने वाले हैं, जहां समाजवादी नेता का काफी सम्मान किया जाता है। कुमार ने यह भी कहा कि वह जेपी की पुण्यतिथि के मौके पर शनिवार को श्रद्धांजलि देने के लिए सिताब दियारा जाएंगे। कुमार का सिताब दियारा दौरा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दौरे से तीन दिन पहले होगा। शाह वहां समाजवादी नेता की जयंती के अवसर पर आयोजित एक समारोह में शामिल होंगे। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता और ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव निखिल आनंद ने कहा, नीतीश कुमार द्वारा योगी आदित्यनाथ को लिखा गया पत्र एक विशुद्ध रूप से राजनीतिक कदम है, जिसे बिहार और उत्तर प्रदेश के लोग समझने के लिए पर्याप्त समझदार हैं। बिहार के मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश के अपने समकक्ष से सीख लेकर कानून और व्यवस्था की स्थिति में सुधार के लिए वही संकल्प दिखा सकते हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र और उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकारें सिताब दियारा के विकास के लिए पूरी तरह से समर्पित हैं और कहा, यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि जेपी के शिष्य अब कांग्रेस की गोद में बैठे हैं और भ्रष्टाचार और वंशवाद से समझौता कर रहे हैं।

दहशत : बेगूसराय के बाद अब वैशाली में भी बाइक सवारों ने की 10 से 15 राउंड फायरिंग

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Monday, September 19, 2022




बिहार में बेगूसराय के बाद अब वैशाली में बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की है। रविवार रात 10 बजे बीच बाजार हुई इस फायरिंग से लोगों में दहशत है। बताया जा रहा है कि इन बाइक सवारों ने 10-15 राउंड फायरिंग की। पुलिस ने पूरे शहर की नाकेबंदी कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है

इसी तरह बेगूसराय में हुई थी 25 किमी. तक फायरिंग, 1 की मौत हुई थी

13 सितंबर को बेगूसराय जिले में हाई-वे पर बाइक सवार दो बदमाशों ने लगभग 25 किलोमीटर तक पिस्टल से ताबड़तोड़ फायरिंग की थी। इसमें तेघरा थाना क्षेत्र के अयोध्या चौक के पास गोली लगने से एक शख्स की सड़क पर ही मौत हो गई। वारदात में बछवाड़ा, फुलवरिया, बरौनी और चकिया इलाकों में 10 लोग घायल हो गए। सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

गोलीबारी की घटना से आसपास के इलाकों में अफरातफरी का माहौल पैदा हो गया था। गोलियों की तड़तड़ाहट सुनकर लोग अपनी जान बचाकर इधर-उधर भागने लगे, जबकि बाइक सवार अपराधी हथियार लहराते, फायरिंग करते हुए आगे बढ़ते रहे

30 किलोमीटर तक दो बदमाश ने की ताबड़तोड फायरिंग, एक की मौत

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Wednesday, September 14, 2022



11 को गोली मारी, देश में ऐसी पहली घटना, 2 संदिग्धों को हिरासत में

बेगूसराय। बिहार के बेगूसराय में मंगलवार शाम 6 बजे  2 बाइक सवारों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की। 30 किलोमीटर के दायरे में दोनों बदमाश गोलियां चलाते रहे। रास्ते में जो आया उसे शूट कर दिया। इसमें 11 लोगों को गोली लगी। गोली लगने से पंचायत समिति सदस्य अमित कुमार की मौत हो गई, वहीं एक प्राइवेट फाइनेंस कर्मचारी सहित 10 लोग घायल हो गए। इनमें से 3 की हालत गंभीर है। अमेरिका की तरह ऐसी मास फायरिंग की गई है। संभवत: यह भारत का पहला ऐसा मामला है। पुलिस ने समस्तीपुर से 2 संदिग्धों को हिरासत में लिया है। भाजपा ने आज बेगूसराय बंद बुलाया है। केंद्रीय मंत्री गिरीराज सिंह ने नीतीश कुमार का इस्तीफा मांगा है। एसपी ने इस मामले में पुलिस की लापरवाही मानी है। और 7 पुलिस वालों को सस्पेंड कर दिया है। मृतक चंदन कुमार (पिपरा गांव), घायलों में विशाल सोलंकी (पटना), रंजीत यादव (मोकामा), नितेश कुमार (बेगूसराय), गौतम कुमार (तेयाय), अमरजीत कुमार (बरौनी), नीतीश कुमार (मंसूरचक), मोहन राजा (मरांची), प्रशांत कुमार रजक और भरत यादव। काले रंग का हेलमेट और सफेद शर्ट पहनकर एक बदमाश बाइक चला रहा था, पीछे बैठा युवक ताबड़तोड़ फायरिंग कर रहा था। दोनों बदमाशों ने 40 मिनट में 30 किलोमीटर की दूरी तक फायरिंग करते रहे। इस दौरान उन्होंने 11 लोगों को गोली मारी। समस्तीपुर की उजियारपुर पुलिस ने मंगलवार देर रात ठऌ-28 पर बहिरा चौक के पास वाहन चेकिंग के दौरान बाइक सवार दो बदमाशों को हिरासत में लिया है। दोनों के पास से पिस्टल और भारी मात्रा में कारतूस मिले है। दोनों की उम्र करीब 25-26 साल है। पुलिस को शक है कि बेगूसराय में इन्हीं दोनों ने फायरिंग की थी। पूछताछ में दोनों ने फायरिंग की घटना से अपने को अलग बताया है। दोनों बेगूसराय के रहने वाले बताए जा रहे हैं। उधर मामले की जानकारी के बाद बेगूसराय की पुलिस ने उजियारपुर पहुंचने वाली है। बेगूसराय में फायरिंग के बाद 7 जिलों में अलर्ट जारी किया है। बेगूसराय और पटना के अलावा समस्तीपुर, खगड़िया, नालंदा, लखीसराय और मुंगेर जिले की सीमाओं पर नाकाबंदी की गई है। इन जिलों की पुलिस जगह-जगह छापेमारी कर बाइक सवार अपराधियों की तलाश में जुटी है। बेगूसराय की सीमाओं को सील कर दिया गया है।घायल गौतम कुमार ने बताया कि मंगलवार शाम मैं गैस की गाड़ी लगाकर के किनारे खड़ा था। उसी दौरान एक मोटरसाइकिल पर दो लोग आए और ताबड़तोड़ फायरिंग करने लगे। मैं जब तक संभल पाता, तब मेरे हाथ में गोली लग गई। इसके बाद अपराधी फायरिंग करते हुए आगे बढ़ गए। बता दें कि गौतम कुमार गैस वेंडर है। वह इस वक्त सदर अस्पताल में भर्ती है। घायल जीतू पासवान ने बताया कि अपने ठेले पर बर्फ बेच रहा था। तभी पीछे से अचानक ताबड़तोड़ फायरिंग होने लगी। मैंने सोचा कि ठेले के नीचे छिप जाऊं। जैसे ही नीचे झुका मेरे पैर में एक गोली लगी। मैं जमीन पर गिर गया। अपराधी आगे बढ़े और दूसरे युवक को गोली मार दी। लोग चीखते-चिल्लाते रहे लेकिन अपराधी ताबड़तोड़ फायरिंग कर रहा था। इसके बाद स्थानीय लोगों ने मुझे अस्पताल पहुंचाया।

गंगा नदी में 50 लोगों से भरी 2 नावों की टक्कर, 8-10 अभी भी लापता

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Monday, September 5, 2022



पटना। पटना में गंगा नदी में 50 लोगों से भरी 2 नावों की टक्कर हो गई। इससे दोनों नाव नदी में पलट गईं और इनमें सवार लोग नदी में गिर गए। हालांकि, इनमें से ज्यादातर लोगों को नदी से निकाला जा चुका है, वहीं 8 से 10 लोग अब भी लापता हैं। एनडीआरएफ की टीम उनकी तलाश में लगी हुई है। हादसे वाली जगह से 3 किलोमीटर के दायरे में लापता लोगों की तलाश की जा रही है। माना जा रहा है कि गंगा के तेज बहाव के चलते दोनों नाव का बैलेंस बिगड़ने से ये हादसा हुआ। इधर, मनेर सीओ (सर्किल आॅफिसर) ने बताया है कि रविवार शाम 5.30 बजे शाहपुर थाना क्षेत्र के शेरपुर घाट पर यह हादसा हुआ। इसमें 2 नावों की टक्कर से करीब 50 लोग गंगा नदी में गिर गए। इनमें से 40-42 लोग सुरक्षित बाहर आ गए। 8 से 10 लोगों की तलाश के लिए रेस्क्यू आॅपरेशन चलाया जा रहा है।

सीवान: गर्ल्स हॉस्टल में मिला स्पाई कैमरा

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Tuesday, August 30, 2022


जीएनएम छात्राओं ने जमकर काटा बवाल
सीवान. सीवान जिले के महाराजगंज स्थित फामेर्सी सह पारा मेडिकल कॉलेज के गर्ल्स हॉस्टल के बाथरूम में हिडेन कैमरा लगे होने का मामला सामने आया है। लड़कियों के बाथरूम में गीजर में हिडन कैमरा लगाने का खुलासा हुआ है। इसको लेकर छात्रावास की लड़कियों ने जमकर बवाल काटा और हंगामा खड़ा किया। जीएनएम की छात्राओं का आरोप है कि बाथरूम में हिडन कैमरा लगाया गया था। उन्होंने कहा कि छात्रावास के लड़के कुछ असामाजिक तत्व के साथ मिलकर अश्लील भोजपुरी गाना बजाते हैं और उन्हें छेड़ते हैं। कॉलेज परिसर असमाजिक तत्वों का अड्डा बन गया है जिसकी वजह से कॉलेज में शैक्षणिक मौहाल पूरी तरह खराब हो गया है। नाम नहीं बताने की शर्त पर कुछ छात्राओं ने कॉलेज प्रशासन पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा कि पारा मेडिकल कॉलेज कैंपस में फामेर्सी कॉलेज के छात्र जीएनएम कॉलेज की छात्राओं को देख कर उन पर फब्तियां कसते हैं, सीटी मारते हैं और अश्लील हरकतें आदि का इशारा करते हैं। इसके अलावा, वो सोशल मीडिया पर छात्राओं को गंदी-गंदी बातें लिख कर भेजते हैं। छात्राओं के वीडियो और फोटो वायरल करने की धमकी देते हैं। इसके कारण जीएनएम की छात्राएं भयभीत और डरी-सहमी रहती हैं।
सिविल सर्जन को आवेदन देकर छात्राओं ने लगाई सुरक्षा की गुहार
छात्राओं ने हॉस्टल के बाथरूम में कैमरा लगे होने की सूचना सीवान के सिविल सर्जन (सीएस) यदुवंश शर्मा को दी। शिकायत मिलने के बाद सिविल सर्जन ने दो सदस्यीय जांच टीम हॉस्टल भेजा। जांच टीम ने महिला वार्ड की जांच की तो यहां के दो बाथरूम में दो हिडेन कैमरा लगा पाया गया। इस संबंध में अनुमंडलीय अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ। एस एस कुमार ने बताया कि सीएस के निर्देश पर पारा मेडिकल कॉलेज जाकर पड़ताल की गई थी। जांच में महिला छात्रावास के बाथरूम में दो हिडेन कैमरा लगे होने का खुलासा हुआ है। जीएनएम की छात्राओं ने सिविल सर्जन को आवेदन देकर सुरक्षा की गुहार लगाई है। अपने आवेदन में उन्होंने कहा कि फामेर्सी कॉलेज के कुछ लड़कों ने लड़कियां के बाथरूम के गीजर में कैमरा लगा कर वीडियो बना लिया है। अब वो उस वीडियो को भेज कर ब्लैकमेल कर रहे हैं और अश्लील चैट करने को कहते हैं। इस संबंध सिविल सर्जन यदुवंश शर्मा ने बताया कि जांच टीम भेजी गई है। आवेदन के आधार पर जांच कराई जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनू कार्रवाई की जाएगी।

अब बिहार में भी सीबीआई की नो एंट्री

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Monday, August 29, 2022



नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार राज्य में मामलों की जांच के लिए सीबीआई को दी गई आम सहमति वापस ले सकती

बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार राज्य में मामलों की जांच के लिए सीबीआई को दी गई आम सहमति वापस ले सकती है। एक हफ्ते से भी कम समय में सीबीआई ने जमीन घोटाले के सिलसिले में राजद एमएलसी सुनील सिंह, पूर्व एमएलसी सुबोध रॉय, राज्यसभा सांसद अहमद अशफाक करीम और फैयाज अहमद के ठिकानों पर छापेमारी की। इसके बाद सभी महागठबंधन दलों ने आरोप लगाया कि केंद्र द्वारा राजनीतिक उद्देश्यों के लिए केंद्रीय जांच एजेंसी का इस्तेमाल किया जा रहा है। बिहार द्वारा सीबीआई से सामान्य सहमति वापस लेने की संभावना पर मीडिया से बात करते हुए भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद ने दावा किया कि इसके सबसे बड़े घटक राजद से जुड़े भ्रष्टाचार के घोटालों के अलावा महागठबंधन आंतरिक राजनीतिक विरोधाभासों के कारण असुरक्षित महसूस कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में सत्तारूढ़ गठबंधन सिर्फ राजद को बचाने के लिए देश के संघीय ढांचे और लोकतांत्रिक ताने-बाने को चुनौती देना चाहता है। वर्तमान में राज्य सरकार के पास 242 सदस्यीय बिहार विधानसभा में 165 विधायकों का समर्थन है।

सीबीआई की स्थापना

दूसरे विश्व युद्ध के दौरान भ्रष्टाचार और घूसखोरी की जांच के लिए भारत की ब्रिटिश सरकार ने 1941 में स्पेशल पुलिस एस्टैब्लिशमेंट की स्थापना की। युद्ध के बाद दिल्ली स्पेशल पुलिस एस्टैब्लिशमेंट ऐक्ट, 1946 के प्रावधानों के तहत इस एजेंसी का संचालन होता रहा। अभी भी सीबीआई का संचालन इसी कानून के तहत होता है। शुरू में तो इसके जिम्मे भ्रष्टाचार के मामलों की जांच थी लेकिन धीरे-धीरे इसका दायरा बढ़ता गया।

सीबीआई जांच 

अगर कोई राज्य सरकार किसी आपराधिक मामले की जांच का सीबीआई से आग्रह करती है तो सीबीआई को पहले केंद्र सरकार की मंजूरी लेनी पड़ती है। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (ऊङ्मढळ)द्वारा एक अधिसूचना जारी किया जाता है। जिसके बाद सीबीआई द्वारा तफ्तीश शुरू की जाती है। वहीं भारत का सुप्रीम कोर्ट या राज्यों के हाई कोर्ट भी मामले की जांच का सीबीआई को आदेश दे सकते हैं। 

सीबीआई को दी गई 'सामान्य सहमति' क्या है?

दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान (डीएसपीई) अधिनियम में कहा गया है कि सीबीआई को उस राज्य में किसी अपराध की जांच शुरू करने से पहले राज्य सरकार की अनुमति लेनी होगी। संबंधित राज्य में केंद्र सरकार के कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों की निर्बाध जांच करने के लिए सीबीआई को सुविधा प्रदान करने के लिए आम तौर पर सभी राज्यों द्वारा सामान्य सहमति दी जाती है। हालांकि, अगर यह सहमति वापस ले ली जाती है, तो केंद्रीय एजेंसी को राज्य के अधिकार क्षेत्र से संबंधित कोई भी नया मामला दर्ज करने के लिए संबंधित राज्य सरकार की अनुमति लेनी होगी। 

नीतीश कुमार ने सुशील मोदी पर कसा तंज, बोले- उन्हें कहिए गिरवा दें सरकार

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Sunday, August 28, 2022


बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के साथ ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और सत्तारूढ़ पार्टियों के बीच वाकयुद्ध जारी है। ऐसे में भाजपा के हमले पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि सुशील मोदी को कहिए कि सरकार गिरवा दें ताकि उन्हें कोई जगह मिल जाए। दरअसल, सुशील मोदी ने दावा किया था कि महागठबंधन सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएगी। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सुशील मोदी पर पलटवार करते हुए कहा कि सुशील जी अगर कह रहे हैं तो उन्हें कहिए की सरकार गिरवा दें ताकि उन्हें कोई जगह मिल जाए। उन्हें कहिए कि वे रोज बोले ताकि केंद्र सरकार उनसे खुश हो जाए। सुशील मोदी ने कहा था कि महागठबंधन सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएगी और जल्द ही गिर जाएगी। उन्होंने कहा था कि नीतीश कुमार आईआरसीटीसी घोटाले की जांच जल्द से जल्द चाहते हैं ताकि तेजस्वी यादव जेल चले जाएं और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को तोड़ा जा सके।


कैसे गलत हो गए राहुल', तारिक कर्रा ने इस्तीफे की टाइमिंग पर उठाया सवाल, बोले- आजाद के माध्यम से भाजपा ने J&K में कांग्रेस को तोड़ा

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Saturday, August 27, 2022

 


नयी दिल्ली। कांग्रेस नेता तारिक कर्रा ने शनिवार को पार्टी छोड़ने वाले गुलाम नबी आजाद पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) गुलाम नबी आजाद के माध्यम से कांग्रेस को तोड़ने में सफल रही। उन्होंने कहा कि गुलाम नबी आजाद सूबे में बहुत पहले से पार्टी से इतर काम कर रहे थे और अपने इस्तीफे का समय उन्होंने खुद तय किया था। दरअसल, गुलाम नबी आजाद ने राहुल गांधी पर सवाल खड़े करते हुए शुक्रवार को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।

धार्मिक भावनाएं आहत और शिवलिंग की पूजा-अर्चना करने का मामला पहुंचा कोर्ट

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ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले में वाराणसी की जिला अदालत में हिन्दू पक्ष की दलीलें बृहस्पतिवार को पूरी हो गयीं। अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 25 जुलाई की तारीख नियत की है। हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता शिवम गौड़ ने बताया कि वादी राखी सिंह की तरफ से दलीलें पूरी हो गयी हैं। उत्तर प्रदेश सरकार, जिलाधिकारी और पुलिस कमिश्नरेट की तरफ से सरकारी अधिवक्ता महेन्द्रनाथ पांडेय ने भी दलीलें रख दी हैं। उन्होंने बताया कि अब अगली सुनवाई की तारीख पर मुस्लिम पक्ष अपना प्रतिवाद रखेगा। इस मामले में अब दोनों पक्ष अपनी-अपनी दलीलें रख चुके हैं।

धार्मिक भावनाएं आहत और शिवलिंग की पूजा-अर्चना करने का मामला पहुंचा कोर्ट

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Wednesday, August 24, 2022



 ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले में वाराणसी की जिला अदालत में हिन्दू पक्ष की दलीलें बृहस्पतिवार को पूरी हो गयीं। अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 25 जुलाई की तारीख नियत की है। हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता शिवम गौड़ ने बताया कि वादी राखी सिंह की तरफ से दलीलें पूरी हो गयी हैं। उत्तर प्रदेश सरकार, जिलाधिकारी और पुलिस कमिश्नरेट की तरफ से सरकारी अधिवक्ता महेन्द्रनाथ पांडेय ने भी दलीलें रख दी हैं। उन्होंने बताया कि अब अगली सुनवाई की तारीख पर मुस्लिम पक्ष अपना प्रतिवाद रखेगा। इस मामले में अब दोनों पक्ष अपनी-अपनी दलीलें रख चुके हैं।

कैबिनेट में बोरिस जॉनसन को कोई नहीं चाहता

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ब्रिटेन में सियासी घमासान के बाद प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। बता दें कि बोरिस जॉनसन की कुर्सी पर कई बार खतरा मंडराया लेकिन इस बार वह अपनी सत्ता को चाह कर भी नहीं बचा पाए। हाल इतना बुरा है कि अब किसी भी दावेदार ने बोरिस जॉनसन को अपने मंत्रिमंडल में शामिल करने का वादा नहीं किया है। टोरी लीडरशीप के अंदर टॉम तुगेंदहट, पेनी मोर्डौंट, ऋषि सुनक, लिज़ ट्रस और केमी बडेनोच से दो बार सवाल के जवाब में हाथ उठाने का अनुरोध किया गया था। जिसमें पूछा गया कि क्या बोरिस जॉनसन को सेवा जारी रखने की अनुमति देने के इच्छुक होंगे या नहीं। हालाँकि उनके पास हाथ उठाने के बहुत अवसर थे, लेकिन उनमें से किसी ने भी ऐसा नहीं किया। इससे पता चलता है कि कोई भी बोरिस जॉनसन को अपने कैबिनेट में शामिल नहीं करना चाहता है।

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