इंदौर। नगर के बहुचर्चित पेंशन घोटाला मामले में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को बड़ी राहत मिली है. बीते 17 सालों से राज्य शासन की अभियोजन स्वीकृति के इंतजार में इंदौर जिला न्यायालय में लंबित केस को बंद कर दिया गया. लिहाजा इस केस को 2005 में उजागर करने वाले कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने सरकार पर भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने के आरोप लगाए हैं.
कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने लगाए थे आरोप: कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने 2005 में इंदौर नगर निगम में 33 करोड़ रुपये से ज्यादा का पेशन घोटाला करने का आरोप लगाया था. प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 1988 धारा 13(1)D ,13(2) के तहत परिवाद पदायर किया था. उन्होंने कैलाश विजयवर्गीय, उमा शशि शर्मा, रमेश मेंदोला, ललित पोरवाल, शंकर लालवानी, समीर चिटनिस, कल्याण दिवांग, मधु महादेव वर्मा, उस्मान पटेल, मेघा खानविलकर, सूरज केरो, नीतीश व्यास, संजय शुक्ला, वी के जैन आदि के खिलाफ धोखाधड़ी, अमानत में खयानत के आरोप लगाते हुए जांच की मांग की थी.
कोर्ट के आदेश पर यह केस बंद: इंदौर जिला न्यायालय के 22 वें अपर सत्र न्यायाधीश मुकेश राय की कोर्ट में यह केस विचाराधीन था. जिसकी गुरुवार को सुनवाई हुई. इस मामले में बीते 17 सालों से राज्य सरकार की ओर से अभियोजन स्वीकृति प्राप्त नहीं होने पर कोर्ट के आदेश पर यह केस बंद कर दिया गया है. बता दें कि जब यह घोटाला उजागर हुआ तब इंदौर के महापौर कैलाश विजयवर्गीय थे।