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नगर निगम की बाजार बैठकी ठप्प , वर्षों से नहीं हुआ टेंडर , लाखों की वसूली जेबों में ?

Friday, September 2, 2022

/ by Today Warta




 जितेन्द्र द्विवेदी

 कटनी - बाजार बैठकी को लेकर नगर निगम पूरी तरह उदासीन नजर आ रहा है लगभग 10 - 11 वर्षों से बाजार बैठकी व्यवस्था पूरी तरह ठप्प पड़ी हुई है । इस संबंध में जानकर सूत्रों की मानें तो नगर निगम ने बाजार बैठकी की व्यवस्था भले ही अपने हाथों में ले ली हो लेकिन बाजार बैठकी की पूरी वसूली का जिम्मा पूर्व पार्षद पति के द्वारा लगभग 10 - 11 वर्षों से किया जा रहा है जिसमें वसूली के लिए 8 से 10 युवकों को अवैध रूप से लगाया गया है समस्त वसूली का प्रत्येक दिन का लेखा-जोखा पूर्व पार्षद पति द्वारा ही रखा जाता है और नगर निगम कर्मियों के जरिए जमा कराया जा रहा है ऐसा नहीं है कि मामले की जानकारी नगर निगम के अधिकारियों को नहीं है संपूर्ण जानकारी होने के बावजूद भी पूर्व पार्षद पति को वसूली का अवैध ठेका दिया गया है इन सभी कार्यकलापों में निचले स्तर से लेकर बड़े अधिकारियों वह जनता के जनसेवकों की मिलीभगत होने से इनकार नहीं किया जा सकता । वसूली का अधिकांश हिस्सा ( रूपया ) अधिकारियों और जनसेवकों की जेबों में सीधा - सीधा जा रहा फुटपाथ पर छोटी मोटी दुकान ठेला लगाकर अपनी रोजी-रोटी चलाने वालों से वर्षों से तहबाजारी के नाम पर अवैध रूप से रखे गए युवकों द्वारा अधिक रकम की अवैध वसूली जमकर की जा रही है बावजूद इसके नगर प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी और जनसेवक मूकदर्शक बनकर अपनी जेबें भर रहे हैं ।

तय रकम से अधिक की वसूली

 सूत्रों की माने तो नगर निगम द्वारा तय रकम की रसीद काटने के बाद फुटपाथिक दुकानदारों से अधिक की वसूली की जाती है फुटपाथिक दुकानदारों द्वारा रसीद में लिखी तयरकम से अधिक मांगे जाने की रकम के विषय में अवैध वसूली करने वाले कर्मियों से पूछे जाने पर दुकान उठवा देने की धमकी तक दी जाती है इतना बोलते ही दुकानदार सहमकर चुप हो जाता है और अवैध मांगी गई रकम चुपचाप दे देता है । हालांकि दी गई जानकारी अनुसार जबतक टेंडर प्रक्रिया के तहत ठेकेदार के द्वारा की जाने वाली बाजार बैठकी की वसूली मासिक 1 लाख 50 हजार रुपए और वार्षिक 12 लाख रुपए का राजस्व नगर निगम को प्राप्त होता था । टेंडर प्रक्रिया को बंद किए जाने के बाद राजस्व घटने की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता । यदि नगर निगम का राजस्व में घाटा हुआ तो इसकी भरपाई कैसे किन अधिकारियों कर्मचारियों से होगी मामले में निगम अधिकारी ही बखूबी बता सकते हैं ।

बुधवारी बाजार की अलग तय रकम की वसूली

प्रत्येक बुधवार को चौपाटी में लगाए जाने वाली बुधवारी बाजार में दुकान लगाने वालों से निगम द्वारा तय रकम से लगभग 5 से 10 गुना अधिक रकम वसूली किया जाना बताया जाता है । नगर निगम प्रशासन ने बाजार बैठकी का ठेका ( टेंडर ) लगभग 11 - 12 वर्षों से नहीं किया और सारी वसूली का जिम्मा निगम कर्मियों को सौंप दिया वाबजूद इसके निगम कर्मियों द्वारा वसूली के लिए अलग से पूर्व पार्षद पति को रखा पार्षद पति ने युवकों को अलग से वसूली के लिए लगाया जाना कई सवालों को जन्म देता है ।

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