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विनीता ने अनिता बनकर जीता सरपंच का चुनाव

Friday, September 2, 2022

/ by Today Warta



राजस्थान में रह रही अनिता ने कलेक्टर के समक्ष की शिकायत, पराजित प्रत्याशी ने दायर की याचिका, सुनवाई 13 सितंबर को

इंदौर। विनीता नामक महिला ने अनिता बनकर सरपंच का चुनाव लड़ा और जीत भी लिया निर्वाचन अधिकारी ने उसे प्रमाण पत्र जारी कर दिया। इतना ही नहीं, घूंघट की आड़ में उसने सरपंच पद की शपथ भी ले ली। जिस अनिता के नाम पर विनीता ने चुनाव लड़ा था, वह करीब 15 वर्षों से राजस्थान में रह रही है। उसने इस संबंध में कलेक्टर के समक्ष शिकायत भी दर्ज कराई। मामला उस वक्त सामने आया जब एक पराजित प्रत्याशी ने मप्र हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ के समक्ष याचिका दायर की। कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी कर पूछा है कि इतनी बड़ी गड़बड़ी आखिर कैसे हो गई। अगली सुनवाई 13 सितंबर को है।

मामला राजगढ़ जिले की ग्राम पंचायत भीलखेड़ा का है। इस पंचायत में सरपंच पद अनुसूचित जनजाति वर्ग की महिला के लिए आरक्षित था। एडवोकेट मनीष विजयवर्गीय ने बताया कि विनीता रोहेला नामक अन्य पिछड़ा वर्ग की महिला ने अनिता नामक महिला के नाम पर चुनाव लड़ा। इसके लिए विनीता ने अनिता के आधार कार्ड पर अपना फोटो चस्पा कर दिया था। उसने निर्वाचन आयोग के समक्ष इस बात का शपथ पत्र दिया था कि वह अनुसूचित जनजाति वर्ग से है। आयोग ने शपथ पत्र के आधार पर महिला का नामांकन स्वीकार कर लिया। चुनाव में अनिता बनी विनीता ने सरपंच पद पर जीत हासिल कर ली। राजस्थान में रह रही अनिता को जब इसकी खबर लगी तो उसने कलेक्टर के समक्ष आपत्ति भी दर्ज कराई। इधर, चुनाव में पराजित प्रत्याशी राजलबाई ने एडवोकेट विजयवर्गीय के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी। कोर्ट ने याचिकाकर्ता के तर्क सुनने के बाद निर्वाचन आयोग और जिला निर्वाचन अधिकारी को नोटिस जारी कर इस मामले मेें जवाब देने को कहा है।

झूठा शपथ पत्र देने का आरोप भी - याचिका में विनीता रोहेला पर निर्वाचन आयोग के समक्ष झूठा शपथ पत्र प्रस्तुत करने का आरोप भी है। विजयवर्गीय के मुताबिक, विनीता ने शपथ पत्र में खुद को अनुसूचित जनजाति वर्ग का बताया था, जबकि वह रोहेला समाज की है। इस समाज को मप्र शासन द्वारा जारी सूची में अन्य पिछड़ा वर्ग में रखा गया है।

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