राकेश केसरी
आखिर कौशाम्बी की पुलिस कब तक कर पाएगी अज्ञात शवों का खुलासा ?
कौशाम्बी। सराय अकिल थाना क्षेत्र मे व चरवा क्षेत्र मे बीते वर्ष हत्या कर ठिकाने लगाई गई लाशों की अब तक शिनाख्त करवा पाने मे पुलिस नाकाम साबित हो रही है। अपराध पर अंकुश लगा पाने मे विफल थानेदारो की कुर्सी छिन गई लेकिन जो भी आया उसे अज्ञात लाशो से पर्दा उठाने के लिए फुर्सत नही मिली। सिर्फ कुर्सी की धमक और अपने को सिंघम साबित करने की नाकाम कोशिश करते देखे गये है। यही वजह है कि तीन अज्ञात लाशो के हत्यारों तक पुलिस के हाथ नही पहुंच सके। अपराध पर अंकुश लगाने के सारे दावे फेल है। तीन अज्ञात हत्याओं की फाईल गुमनामी के अंधेरे मे दबी है। बतां दें कि चरवा थाना क्षेत्र मे बीते वर्ष 25 मई को ससुर खदेरी नदी मे घूरी गांव के पास एक अज्ञात सर कटी महिला की शव मिली थी। प्रयास के बाद भी शव की शिनाख्त नही हो सकी। पुलिस ने अज्ञात हत्यारों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कर अपना कार्य समाप्त कर दिया। एक वर्ष से अधिक से समय व्यातीत हो चुके,हत्यारो तक पहुंचना तो दूर शव किसका था कहा का है इसका भी पता नही कर सकी। इसी प्रकार बीते वर्ष 24 अगस्त को सराय अकिल थाना क्षेत्र के बैरगांव मे उसी ससुर खदेरी नदी मे पुन: बोरे मे एक अज्ञात शव अधेड़ की मिली थी। जिसे पहले पुलिस अंतिम संस्कार कर प्रवाह की लाश बतां रही थी लेकिन जब अधिकारियों के दबाव मे पोस्टमार्टम कराया गया तो तीन दिन पूर्व हत्या कर फेंकी गई लाश निकली। जिसका मुकदमा सराय अकिल थाना मे अज्ञात हत्यारो के विरुद्ध दर्ज किया गया। पुलिस को इस मुकदमे मे कोई कामयाबी नही मिली। मामला विवेचना की डायरी मे दबी है शव किसका है कहां से आया,हत्यारे कौन है ? इसका जवाब सराय पुलिस के पास नही है। दो लाशो मे उलझी पुलिस सभल नही पाई कि वही बीते वर्ष तीसरी अज्ञात शव 38 वर्षीय महिला की सरॉय अकिल थाना क्षेत्र के इसीपुर गांव के तालाब के पास मिल गई। घटना की सूचना पर वही पुराना ढंग पुलिस ने शव को कब्जे मे लिया पोस्टमार्टम करकर दयित्वों की पूर्ति कर अज्ञात मे मुकदमा दर्ज कर ,हत्यारो तक पहुंचने की दौड़ शुरू हुई और थक हार कर सो गई। हत्यारे,तीन हत्याए करके कौशाम्बी आकर ठिकाने लगाकर चले गये और इन थानो की पुलिस कुम्भकरण की नींद सोती रही। कौशाम्बी पुलिस घटनाओ के शत प्रतिशत खुलाशा करने का दम्भ भरती है। पुलिस की नाकामी का काला चिट्ठा सामने आने के बाद कार्यवाही हुई लेकिन जिसे भी जिम्मेदारी मिली वही इन घटनाओं के खुलासे मे नाकाम रहे।