खनन मुक्त घोषित हो चुके भगवान राम से जुड़े पवित्र सिद्धा पर्वत को घोषित किसके दबाव में किया गया ?
सतना- रीवा में बंसल समूह की 21 विवादित खदानो को ख़रीदने वालों के संरक्षक पर पड़ताल।
भगवान राम के नाम पर सत्ता में आयी भाजपा एक बार फिर बड़े घोटाले में घिरती नज़र आ रही है और इस बार इसके भ्रष्ट तंत्र का शिकार खुद भगवान राम हो गए है। यही कारण है की कटनी के दो व्यापारी दशकों पूर्व खनन मुक्त घोषित हो चुके सिद्धा पर्वत पर पुनः खनन की अनुमति कराने में सफल हो गए हैं । जबकि चित्रकूट के संत समाज सहित कुछ ईमानदार नेता इसका लगातार विरोध कर रहे हैं और बाक़ी आँख मूँद कर बैठे हैं
दरसल कटनी के दो खनन व्यापारी और विधायक के अति करीबी व्यावसायिक पार्ट्नर हैं और ऐसा माना जाता है की विधायक के कई व्यापार इनके नाम पर हैं ।
21 विवादित खदानो का है मामला , कई सौ करोड़ के वारे न्यारे करने की तैयारी है
बंसल समूह की 21 विवादित खदाने जिनमे बेशक़ीमती मिनरल है और इनमे कई सौ करोड़ का खनिज भंडार है पर नियम विरुद्ध होने की वजह दशकों से सारी खदानो का मामला खटाई में पड़ा हुआ था पर विधायक के साथ डील होने के बाद सारे नियम क़ायदों को शिथिल करके पुनः इन खदानो को जीवित करने की प्रक्रिया शुरू करने शिवराज सरकार ने हरी झंडी दे दी । जबकि आम व्यापारी और पुराने भाजपा नेता अपने जायज़ काम कराने के लिए सालो विभाग और मंत्रालय के चक्कर काटते रह जाते है और कांग्रेस से भाजपा में आने वाले जम कर मलाई खाते है।
हिंदुत्व की आढ में व्यापार - चित्रकूट में विधायक की राजनैतिक सक्रियता के मायने।
विगत कुछ समय से विधायक ने सतना समेत चित्रकूट में अपनी सक्रियता बढ़ाई थी और अपने एक करीबी को चित्रकूट विधानसभा से टिकिट दिलाने भी प्रयासरत हैं । अब ऐसा माना जाने लगा है की हिंदुत्व के धार्मिक आयोजन के आढ में बेशक़ीमती खादनो को स्वीकरत करवाने का खेल चल रहा है और अपने ख़ास को विधायक बनवा कर विरोध के स्वरों को ठंडा करवाने का प्रयास भी है । पर इस बात में कोई शंसय नही है की इतना बड़ा घोटाला भाजपा के शीर्ष नेत्रत्व और भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत के बिना सम्भव नही है ।