कौशाम्बी। एतिहासिक नगरी कौशाम्बी में आयुर्वेद अस्पताल तो संचालित हैं,लेकिन उसके पास खुद का अपना भवन नहीं है। एक कोठरी नुमे भवन में संचालित तीस वर्षों से इस अस्पताल में जिस तरह से सुविधाओं का होना चाहिए वह भी नहीं मिल पा रहा है। हालांकि इलाकाई लोगों ने आयुर्वेद अस्पताल का भवन बनाए जाने के लिए कई बार जनप्रतिनिधियों से शिकायत भी किया है। बौद्ध की तपोस्थली में आयुर्वेद अस्पताल को तीन दशक बाद भी अपना खुद का भवन नहीं मिल सका है। अस्पताल एक तंग कोठरी में संचालित हो रहा है इससे वहां आए हुए मरीजों को अपनी बारी का खड़े होकर इंतजार करना पड़ता है। मरीजों की बातों पर यकीन करें तो कहा जा रहा है कि किराए की कोठरी में संचालित आयुर्वेद अस्पताल जहां मरीजो ंके बैठने तक की सुविधाएं नहीं मिल पाती है। जबकि यदि अस्पताल का अपना खुद का भवन हो जाए तो इलाकाई लोगों को अस्पताल से काफी राहत मिल सकती है। लोगों में आक्रोश इस बात का है कि इस ओर जनप्रतिनिधियों के अलावा प्रशासन के लोग भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। लोगों ने इस ओर जिलाधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराया है।