कहीं एक कमरे में तीन कक्षाओं के बच्चे कर रहे है पढ़ाई, कहीं एमडीएम शेड तो कहीं पंचायत भवन का लेना पड़ रहा है सहारा
कौशाम्बी। बेसिक शिक्षा विभाग ने जर्जर विद्यालयों का ध्वस्तीकरण तो करवा दिया लेकिन विद्यालय में पढ़ रहे बच्चों के भविष्य को लेकर उन्हें चिंता नहीं है। टूटे हुए विद्यालयों के बच्चे नरकीय जीवन बिताने पर मजबूर हैं। विकास खंड कौशांबी के उच्च प्राथमिक विद्यालय कोसम इनाम, रसूलपुर बड़गांव, मझियारी चक एलई रोशन, रक्सवारा, अर्का महावीरपुर के विद्यालय जर्जर हो गए थे। विभाग ने दो साल पहले ध्वस्तीकरण का फरमान जारी कर उन्हें ध्वस्त करा दिया। 2 साल बीत जाने के बाद भी आज तक नए विद्यालय नहीं बनाए गए। इसको लेकर बच्चों का भविष्य अंधकार में है। उच्च प्राथमिक विद्यालय चक गुलाम आलमरू-विद्यालय टूटने के बाद उस में पढ़ रहे बच्चों को गांव में ही बने प्राथमिक विद्यालय में विभाग ने शिफ्ट करा दिया गया है। स्कूल के एक कमरे में कक्षा 6 से लेकर 8 तक के 87 बच्चों को एक ही कमरे में पढ़ाया जा रहा हैं। राजू लाल ,अरविंद कुमार आदि अभिभावकों का कहना है कि जब एक छोटे से कमरे में तीन कक्षा के बच्चों को पढ़ाया जाएगा तो उनका भविष्य कैसा होगा। इसी तरह रसूलपुर बड़गांव कम्पोजिट विद्यालय में भी जर्जर हो चुके 4 कमरों को विभाग ने ध्वस्त करा दिया है। अतिरिक्त कमरे न होने से कक्षा 6 से लेकर 8 तक के 153 बच्चों को एक ही कमरे में पढ़ाया जा रहा है। वहीं कक्षा 2 के बच्चों को एमडीएम शेड में बैठकर पढ़ाई करनी पड़ रही है। यही हाल उच्च प्राथमिक विद्यालय मझियारी चक एलई रोशन का भी है। इसमें भी पढ़ रहे कक्षा 6 से 8 तक के 43 बच्चों को विद्यालय टूट जाने की वजह से गांव में ही बने पंचायत भवन का सहारा लेना पड़ रहा है। एक ही कमरे में 3 कक्षाओं के बच्चों को पढ़ाना उनके भविष्य भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।