ललितपुर। जिले में तीन दिन से रुक-रुककर हो रही बारिश ने किसानों के सामने मुसीबत खड़ी कर दी है। लगातार बारिश से खेतों में तैयार खड़ी उर्द-मूंग की फसल बर्बाद हो रही है। उर्द-मूंग की फलियों के दाने अंकुरित होने से किसानों को खाद-बीज का पैसा निकलना भी मुश्किल नजर आ रहा है। जिले में बीते तीन दिनों अभी तक कि सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई। रिमझिम बारिश होने से लोगों को गर्मी से राहत मिली है।
जिले में बारिश का दौर लगातार तीसरे दिन गुरुवार को भी जारी रहा। सुबह से ही आसमान पर बादल छाए रहे और रिमझिम फुहारों के बीच-बीच मे तेज बारिश होती रही। इस समय खेतों में उर्द-मूंग की फसल तैयार है। किसान बारिश रुकने का इंतजार कर रहे हैं। लगातार बारिश से कुछ खेतों में पानी भर गया है। वहीं सैकड़ों किसानों की खेतों में खड़ी उर्द-मूंग की फसल बर्बाद हो गई। जनपद के मड़ावरा तहसील के कस्बा निवासी अजीज मोहम्मद ने बताया कि सबसे ज्यादा नुकसान उर्द-मूंग की फसल को है। फलियां तोड़ने का काम चल रहा था लेकिन बारिश न रुकने से फलियों के दाने अंकुरित होने लगे हैं। वहीं कस्बा मड़ावरा सहित तहसील क्षेत्र में लगातार बारिश से किसान परेशान है। किसानों ने बताया कि यदि एक-दो दिन बारिश और न रुकी तो खेतों में ही फसल सड़ जाएगी। खाद-बीज का पैसा भी न निकलने से उनके सामने आर्थिक संकट पैदा हो जाएगा।
इनका कहना पहाड़ी कलां के किसान प्रकाश सिंह लोधी ने बताया कि उसने 6 एकड़ भूमि में उर्द की फसल बोई थी। अच्छी प्रजाति का बीज लिया था। जिससे इस बार बेहतर उत्पादन की उम्मीद थी लेकिन लगातार बारिश से उम्मीदों पर पानी फिर गया। पिसनारी मड़ावरा के किसान मजबूत सिंह ने बताया क उन्होंने चार तीन एकड़ भूमि में उर्द व 4 एकड़ में मूंग की फसल बो दी थी। इसी सप्ताह फसल घर पहुंच जाती लेकिन लगातार बारिश से फलियां अंकुरित होने लगी है। जिससे खाद-बीज का पैसा निकलना भी मुश्किल है।
मड़ावरा निवासी किसान गब्बर सिंह पुत्र मूरत सिंह गुड़ी लम्बरदार ने बताया कि उन्होंने 15 एकड़ भूमि में उर्द व मूंग की फसल बोई थी। इस बार बेहतर बारिश की उम्मीद थी लेकिन लगातार बारिश होने से फसले बर्बाद हो गईं। जिससे उन्हें हजारों का नुकसान हुआ है। सकरा निवासी किसान मुलायम सिंह यादव किसान ने बताया कि 15-20 एकड़ खेत में पकी खड़ी उर्द की फसल लगातार बारिश से बर्बाद हो गई है। जिससे आर्थिक संकट पैदा हो गया है। अब खेतों में रबी फसल की बुआई कैैसे होगी। इसकी चिंता सता रही है।