इन्द्रपाल सिंह 'प्रिइन्द्र'
अभिनंदनोदय तीर्थ में मुनि श्री ने श्रावकों को दी जीवन जीने की कला
ललितपुर। श्री अभिनंदनोदय तीर्थ क्षेत्र क्षेत्रपाल मंदिर ललितपुर में धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए मुनि सुधासागर महाराज ने कहा गुरू की महिमा अतुलनीय है गुरू से कुछ छिपाना नहीं वरन गुरू के चरणों में पहुचकर आशीष की कामना करना। उन्होने कहा मैं की सत्ता को स्वीकार करो जो मेरा है आज भी मेरा रहेगा। जो जन्म से मृत्यु तक रहे वह तुम्हारा है और रहेगा। मुनि श्री ने कहा दुख में अतीत की आकुलता भूलने पर ही सुख प्रकट होगा उसी में आनंद की अनुभूति करो। उन्होने कहा जन्म जन्म तक का साथ निभाने वाला यदि छोडकर चला जाए तो उसमें दुख नहीं मनाना वरन जो है उसमें संतोष रखना। उन्होने कहा पति की मौत के वाद पति के वियोग में दुख मनाना या फिर वेटे में आनंद मनाना नारी के लिए कौन श्रेयस्कर है। मुनि श्री द्वारा इन दिनों जीवन को शान्तिमय और आनंदपूर्वक व्यतीत करने की सीख श्रावकों को दी जा रही है। सुबह मूलनायक अभिनंदनोदय अतिशय तीर्थ पर मूलनायक अभिनंदननाथ भगवान का अभिषेक भक्तजनों ने किया इसके उपरान्त मुनि सुधासागर महाराज के मुखारविन्द शान्तिधारा पुण्र्याजक परिवार द्वारा हुई तदुपरान्त धर्मसभा का शुभारम्भ आचार्य श्री विद्यासागर महाराज के चित्र के अनावरण के साथ श्रेष्ठीजनों ने किया तथा महिला मण्डल ने मुनिश्री को शास्त्र भेंट का पुण्र्याजन किया।
श्रमण संस्कृति पाठशाला महाधिवेशन आज से शुरू
श्री दिगम्बर जैन श्रमण संस्कृति पाठशाला का दो दिनी अधिवेशन आज 24 सितम्बर से अभिनंदनोदय अतिशय तीर्थ क्षेत्रपाल मंदिर में निर्यापक मुनि सुधासागर महाराज के सानिध्य में शुरू हो रहा है जिसमें देश के विभिन्न स्थानों पर संचालित पाठशालाओं के मेधावी छात्र सम्मलित हो रहे हैं। अधिवेशन में मुनिश्री का मार्गदर्शन आशीर्वाद संगीतमय पूजन, सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं उत्कृष्ठ पाठशालाओं को सम्मानित भी किया जाएगा। समापन पर 25 सितम्बर को सुबह 6.30 बजे मुनि सुधासागर महाराज के ससंघ सानिध्य में पाठशाला परिवार एवं बालक वालिकाए धर्म प्रभावना के लिए जैन अटामदिर से घंटाघर होते हुए अभिनंदनोदय तीर्थ क्षेत्रपाल मंदिर पहुचेगे जहां मुनि श्री के सानिध्य में आयोजन सम्पन्न होगे।