इन्द्रपाल सिंह 'प्रिइन्द्र'
ललितपुर। श्री नृसिंह रामलीला समिति तालाबपुरा के तत्वाधान में आयोजित रामलीला के तृतीय दिवस में मुनि आगमन, ताड़का वध एवं पुष्प वाटिका की लीला का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम श्रीगणेश जी की आरती एवं कोरस गीतों के उपरांत लीला का मंचन किया गया। लीला के प्रथम दृश्य में ऋषि विश्वामित्र राक्षसों के उपद्रव के कारण आश्रम में यज्ञ नहीं कर पा रहे थे आश्रम वासियों की रक्षा और निर्विघ्न यज्ञ करने में सहायता के लिए बे राजा दशरथ के पास आए। ऋषि ने राजा से राम और लक्ष्मण को आश्रम वासियों की रक्षा के लिए मांगा पिता की आज्ञा मानकर राम और लक्ष्मण ऋषि के साथ आश्रम पहुंचे दोनों राजकुमारों ने अद्भुत साहस तथा शौर्य के साथ आश्रम वासियों की रक्षा की अत्याचारी राक्षसों का दमन कर ताड़का का वध किया। उन्होंने आश्रम और उसके आसपास के क्षेत्रों में शांति स्थापित की लीला के दूसरे दृश्य में विश्वामित्र को जनकपुर में राजकुमारी सीता के स्वयंवर का समाचार प्राप्त होता है यहीं पर लीला को विराम दिया जाता है। कार्यक्रम में मुख्य संरक्षक भगवत नारायण अग्रवाल एड. अध्यक्ष नरेंद्र कड़की, कोषाध्यक्ष अखिलेश पाठक, महामंत्री प्रभाकर शर्मा एड., उपाध्यक्ष अजय प्रताप सिंह तोमर, सुनील शर्मा पत्रकार, मुख्य निर्देशक पं.जगदीश सुडेले, निर्देशक पं.जगदीश पाठक, कृष्णकांत तिवारी, पप्पूराजा रोड़ा, पन्नालाल साहू, मर्दनसिंह यादव, आशीष तिवारी, मनीष पाठक, चंद्रशेखर राठौर, मासूम पात्र कलाकार भगवान श्रीगणेश की भूमिका में कमलेश पाठक, राम रूद्रप्रताप सिंह, लक्ष्मण गर्वित प्रताप सिंह, शत्रुघ्न निखिल दीक्षित, दशरथ पंडित जगदीश प्रसाद सुडेले, सीता कृष्ण प्रताप, विश्वामित्र, पवन सुडेले, ताड़का कृष्णकांत तिवारी, मारीच सुवाहु, शुभम कौशिक, रोहित, विजयकांत, प्रदीप गोस्वामी के अलावा मीडिया प्रभारी अमित लखेरा, पंकज रायकवार आदि मौजूद रहे।