मुनि श्री ने आज धर्म सभा में श्रावकों को बताई जैन दर्शन में त्याग की महिमा
ललितपुर। क्षेत्रपाल मंदिर में पर्वराज पर्यूषण पर मुनि सुधासागर महाराज ने धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए कहा धर्म एक ऐसी परिणति जिसमें किंचित मात्र भी परिग्रह नहीं है। जिन्होने छोटा सा त्याग किया वे भी धर्मात्मा है। संसार में पूर्ण धर्मात्मा कम हैं लेकिन अपूर्ण धर्मात्माओं की संख्या वहुत बडी है। पूर्यशण पर्व में संयम के बाद तप करने और तप के बाद कुछ भी नहीं बचता है। त्याग का धर्म कितना करूणावान है। जव त्याग करने की बारी आती है तो करूणा बरसती है। त्याग में सुख है राग में दुख इसलिए त्याग करने पर विचार करना चाहिए। मुनिश्री ने कहा त्याग के माध्यम से जीवन में उन्नति और आनंद की अनुभूति होती है। बिना किसी अपेक्षा के दिया गया दान किया गया त्याग हमें महान बनाता है। सरकार कहती है कि खूब कमाओ उसका टैक्स दे दो जवकि धर्म कहता है कि ऐसे ही खूब कमाओ लेकिन खाने के पहले पात्र को दान जरूर देना। जैन दर्शन में दान के लिए संयत जनों के योग्य आहार, ओैषधि उपकरण आदि देना त्याग की कोटि में बताया इससे पुण्य और निर्जरा के कारण बनते हैं। धर्मसभा के प्रारम्भ में मुनि पूज्यसागर महाराज ने तत्वार्थसूत्र का वाचन किया। तदुपरान्त आचार्यश्री विद्यासागर महाराज के चित्र के सम्मुख श्रावक श्रेष्ठीजनों ने दीपप्रज्जवलन मुनि श्री का पादप्रक्षालन कर किया। इसके पूर्व सुबह भगवान अभिनंदन नाथ के अभिषेक के उपरान्त मुनि श्री के मुखारविन्द से शान्तिधारा पुण्र्याजक परिवारों द्वारा की गई। क्षेत्रपाल मंदिर प्रांगण में शिविरार्थियों ने पाण्डुकशिला पर श्री जी का अभिषेक व्रहमचारी प्रदीप भैया सुयश के मार्गदर्शन एवं मुनि श्री के सानिध्य में किया संगीतमय उत्तम त्याग धर्म की पूजन में शिविरार्थियों का उत्साह देखते ही बनता। इसके पूर्व प्रमुख जैन मंदिर क्षेत्रपाल, जैन अटामंदिर, जैन नया मंदिर, जैन बडा मंदिर, आदिनाथ मंदिर सिविल लाइन, इलाइट जैन मंदिर, वाहुवलिनगर जैन मंदिर, चन्द्रप्रभु मंदिर डोढाघाट, आदिनाथ मंदिर नईवस्ती, शान्तिनाथ मंदिर में श्रावकों ने मंदिरों में पहुचकर पूजन अभिषेक शान्तिधारा की और पर्यूषण पर्व में उत्तम त्याग धर्म की पूजन की। दोपहर में मंदिर में श्रावक पहुचकर दशलक्षण पूजन विधान कर रहे हैं। मंदिरों में सायंकाल आरती व सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भीें किया जा रहा है।
गुरूदेव ने शिविरार्थियों को दिया प्रभु चरणों का गंदोधक आशीर्वाद
श्रावक संस्कार शिविर में मुनि सुधासागर महाराज ने प्रभु के अभिषेक शान्तिधारा के उपरान्त शिविर में सम्मलित सभी तीन हजार शिविरार्थियों को प्रभु चरणों का गंदोधक आर्शीवाद प्रदान किया। शिविरार्थी अपने आप को धन्य मानते हुए ग्रहण किया गुरूदेव ने आकर गुरू कृपा दी। शिविरार्थियों को ऐसे लगा जैसे माने उनको साक्षात् गुरू के रूप में भगवान का आशीष मिला हो। इस कार्य में शिविर पुण्र्याजक अजित जैन गदयाना उनके परिवारजनों ने व्यवस्थाओं में सहयोग किया।
क्षेत्रपाल मंदिर होगा अब श्री 1008 अभिनंदनोदय अतिशय तीर्थ क्षेत्र
धर्मसभा में मुनि श्री सुधासागर महाराज ने ललितपुर में विराजित अभिनंदनाथ भगवान की महिमा को आलौकिक बताते हुए कहा यह मूर्ति अद्वितीय है और इसका अतिशय अद्वितीय है। मुनि श्री ने ललितपुर में नवनिर्मित मंदिर का नामकरण श्री 1008 अभिनंदनोदय अतिशय तीर्थ क्षेत्र ललितपुर जयकारों के बीच घोषित किया। जिसकी उपस्थित जनसमुदाय ने तालियों के साथ अनुमोदना की।