मुनिश्री ने कहा ऐसा कार्य नहीं करना जिसको धर्म गुरू से डर लगे
ललितपुर। श्री अभिनंदनोदय तीर्थ क्षेत्र क्षेत्रपाल मंदिर ललितपुर में धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए मुनि सुधासागर महाराज ने कहा कि धर्म जीवन में स्वच्छन्दता को नकारता है। प्रकृति ने दिया जो कुछ है देखने के लिए है, जो देखने लायक नहीं है उसे छिपकर देख रहे हो आखिर किस लिए। किसका डर है अपने धर्म गुरू का या माता पिता का। जीवन में वह कार्य नहीं करना जिसको करने से डर लगे जिसको धर्म और गुरू रोकते हैं। माता-पिता का अभिशाप कभी नहीं लेना। जीवन में कानून से खिलवाड नहीं करना और न ही कहना हमें कानून से डर नहीं। जिसने कानून को तोडा वह राष्ट्रद्रोही है उसे देश में रहने का अधिकार नहीं। इसके अभिशाप से बचो कई जन्मों के पुण्य से भारत जैसे देश में जन्म मिला इससे वंचित रह जाओगे और भारत में जन्म लेने के लिए तरस जाओगे। मुनि श्री ने कहा धर्म ही जीवन में श्रेष्ठ है इसको समझो और अपने जीवन में उतारो यह नर जन्म मिला है जिसको सार्थक करो इसी में कल्याण है। मुनिश्री द्वारा इन दिनों जीवन को श्रेष्ठ कर्मो के माध्यम से आनंदपूर्वक व्यतीत करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। सुबह मूलनायक अभिनंदनोदय अतिशय तीर्थ पर मूलनायक अभिनंदननाथ भगवान का अभिषेक भक्तजनों ने किया। इसके उपरान्त मुनि सुधासागर महाराज के मुखारविन्द शान्तिधारा पुण्र्याजक परिवार द्वारा हुई। तदोपरान्त धर्मसभा का शुभारम्भ आचार्य श्री विद्यासागर महाराज के चित्र के अनावरण के साथ श्रेष्ठीजनों ने किया तथा महिला मण्डल ने मुनि श्री को शास्त्र भेंट का पुण्र्याजन किया।