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ऐनेस्थियोलॉजिस्ट से दूसरों की सेवा कर बनायें बेहतर भविष्य

Monday, September 12, 2022

/ by Today Warta



आपरेशन थियेटर में मरीज का इलाज करने के लिए डॉक्टर की एक बड़ी टीम मौजूद होती है। लेकिन डॉक्टर्स की यह टीम तब तक अपना काम शुरू नहीं कर सकती, जब तक ऐनेस्थियोलॉजिस्ट वहां पर मौजूद न हो। ऐनेस्थियोलॉजिस्ट के काम की शुरूआत तो आॅपरेशन से पहले ही शुरू हो जाती है। दरअसल, एक ऐनेस्थियोलॉजिस्ट मरीज को सही तरह से एनेस्थीसिया देता है ताकि बिना किसी दर्द से मरीज का इलाज हो सके। यह काम देखने में भले ही आसान लगे, लेकिन वास्तव में यह काफी कठिन होता है। एक छोटी सी चूक से मरीज के अंग प्रभावित हो सकते हैं और यही कारण है कि अलग से ऐनेस्थियोलॉजिस्ट की जरूरत पड़ती है। आप भी अगर मेडिकल क्षेत्र में भविष्य बनाना चाहते हैं तो बतौर ऐनेस्थियोलॉजिस्ट ऐसा कर सकते हैं-

क्या होता है काम

एक ऐनेस्थियोलॉजिस्ट का मुख्य काम मरीज को एनेस्थीसिया यानी बेहोश करने वाली दवाई ठीक तरह से देना होता है। उसे इस बात का ध्यान रखना होता है कि मरीज को एनेस्थीसिया देते समय उसे किसी तरह का दर्द न हो, साथ ही वह आॅपरेशन की पूरी प्रक्रिया भी बिना दर्द के पूरी कर ले और उस दौरान उसके सभी अंग ठीक तरह से काम करे। इतना ही नहीं, एक ऐनेस्थियोलॉजिस्ट सर्जरी से पहले, उस दौरान व बाद में मरीज की ब्रीदिंग, हार्टरेट आदि की मॉनिटरिंग भी करता है।

स्किल्स

चूंकि एक ऐनेस्थियोलॉजिस्ट को टीम के साथ मिलकर काम करना होता है, इसलिए आपको बतौर टीमवर्क काम करना आना चाहिए। इसके अतिरिक्त आपको अपने कार्य की सटीक जानकारी होनी चाहिए। आपकी एक छोटी सी भूल मरीज के जीवन पर भी भारी पड़ सकती है। इसके अतिरिक्त आपको हमेशा खुद को अपडेट रखने के लिए सेमिनार आदि भी जरूर अटेंड करने चाहिए।

योग्यता

अगर आप ऐनेस्थियोलॉजिस्ट बनना चाहते हैं तो आपके पास 12वीं में साइंस विषय के साथ मैथ्स या बॉयोलॉजी का होना अनिवार्य है। इसके बाद आप एमबीबीएस की पढ़ाई करने के बाद ऐनेस्थियोलॉजी में एमडी कर सकते हैं।

संभावनाएं

एक प्रोफेशनल ऐनेस्थियोलॉजिस्ट सरकारी व निजी अस्पतालों से लेकर हेल्थ क्लीनिक, ग्रामीण हेल्थ केयर सेंटर आदि में अपनी सेवाएं दे सकते हैं। इसके अतिरिक्त मेडिकल शिक्षण संस्थानों में भी बतौर लेक्चरर भी आप काम कर सकते हैं।

प्रमुख संस्थान

-वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज व सफरदरजंग अस्पताल, नई दिल्ली

-इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट आॅफ मेडिकल साइंस, बिहार

-एसवीएस मेडिकल कॉलेज, आंध्र प्रदेश

-अमृता इंस्टिट्यूट आॅफ मेडिकल साइंस, केरल

-आरजी कार मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, कोलकाता

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