पॉलिटिकल ड्रामा: हाईकमान से भिड़ा गहलोत गुट, नहीं चाहते पायलट बने सीएम
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थकों ने सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की संभावनाओं को भांपकर कांग्रेस हाईकमान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करके स्पीकर को इस्तीफे दे दिए। अब ये विधायक आज भी स्पीकर से मिलकर इस्तीफे मंजूर करने का मुद्दा रखेंगे। इस बार सचिन पायलट और उनके समर्थक शांत हैं, लेकिन गहलोत समर्थक विधायक उग्र तेवर दिखा रहे हैं। नए सीएम के चयन के लिए आॅब्जर्वर बनकर आए मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन आज भी जयपुर में रहकर विवाद को सुलझाने का प्रयास करेंगे। माकन और खड़गे इस बात का प्रयास कर रहे हैं कि उट के चयन का अधिकार हाईकमान पर छोड़ने का प्रस्ताव पारित हो जाए, लेकिन गहलोत समर्थक विधायक अब 19 अक्टूबर तक किसी बैठक में आने को तैयार नहीं हैं। देर रात अजय माकन से गहलोत समर्थक मंत्री शांति धारीवाल, महेश जोशी, बीडी कल्ला और निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने मिलकर डिमांड चार्टर रखा। माकन ने तर्क दिया कि विधायक बेवजह नाराज हो रहे हैं। आॅब्जर्वर्स तो केवल उट चयन का अधिकार हाईकमान पर छोड़ने का प्रस्ताव पारित करवाने आए हैं, किसी खास नेता को उट बनाने हम नहीं आए हैं। इस पर प्रतिनिधिमंडल में शामिल मंत्रियों ने प्रभारी से दो टूक कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होने तक कोई बैठक नहीं होगी और गहलोत से पूछे बिना कोई उट का फैसला नहीं होगा। इसे सचिन पायलट को उट नहीं बनने देने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। गहलोत समर्थक विधायक अब अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष पद पर नामांकन करने के भी पक्ष में नहीं हैं। शांति धारीवाल और स्पीकर सीपी जोशी के घर बैठकों में विधायकों ने गहलोत को राजस्थान का उट बनाए रखने की पैरवी की। साथ ही विधायकों ने गहलोत के अध्यक्ष पर नामांकन भरने के विचार को ही टालने का सुझाव दिया। विधायकों ने कहा कि चुनावों में धोखा हो सकता है। गहलोत समर्थक विधायकों ने नया उट चुनने के लिए रायशुमारी बैठक का बहिष्कार करके कांग्रेस हाईकमान को खुली चुनौती दे दी है। गहलोत समर्थकों के तेवर अब भी बरकरार हैं। विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करके गहलोत समर्थकों ने हलचल मचा दी। विधायक पदों से स्पीकर को इस्तीफे सौंपकर आगे भी लड़ाई का फ्रंट खोल दिया है। गहलोत खेमा 90 से ज्यादा विधायकों के इस्तीफे देने का दावा कर रहा है। गहलोत समर्थक विधायकों के बागी तेवर अपनाने के बाद अब राजस्थान में नए उट के चयन का प्रोसेस अटक गया है। बताया जाता है कि कांग्रेस हाईकमान ने सचिन पायलट को उट बनाने का इशारा कर दिया था। गहलोत समर्थकों को दोनों आॅब्जवर्स के आने से पहले ही इसकी भनक लग गई थी, जिसके बाद उन्होंने मोर्चा खोल दिया। देर रात तक चले सियासी ड्रामे के बाद कई नए समीकरण बन गए। नए उट के चयन की रायशुमारी के लिए उट निवास पर विधायक दल की बैठक को रद्द करना पड़ा। अब विवाद शांत होने के बाद ही विधायक दल की बैठक के आसार हैं। गहलोत समर्थक विधायक और मंत्री इस बात से नाराज हैं कि गहलोत को विश्वास में लिए बिना आनन फानन में नए उट के चयन के लिए बैठक बुलाई गई। पायलट के खिलाफ पहले से ही लामबंद थे। जब उट चयन का फैसला करने के लिए अचानक विधायक दल की बैठक बुलाई गई तो विधायक नाराज हो गए। उट के लिए पायलट का नाम हाईकमान की तरफ से फाइनल होने की सूचनाओं से नाराजगी और बढ़ गई। विधायक दल की बैठक के लिए आॅब्जर्वर खड़गे और माकन के जयपुर पहुंचने से पहले ही गहलोत के पक्ष के मंत्री-विधायकों ने रणनीति बना ली थी। विधायक दल की बैठक का पहले तय समय शाम 7 बजे था, इससे पहले 5 बजे यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के बंगले पर बैठक रख ली। शाम को विधायक जुटते ही रणनीति बदली और रात को ही विधायक स्पीकर सीपी जोशी के बंगले पर विधायक इस्तीफे लेकर पहुंच गए। जोशी को सबके इस्तीफे सौंप दिए गए। हालांकि, उन इस्तीफों पर कुछ एक्शन होने की संभावना नहीं है।