रावेंद्र शुक्ला
आरोपी की ज़मानत अर्ज़ी खारिज़
प्रयागराज। इलाहाबाद ने कहा है कि नाबालिग की सहमति से बनाये गये शारीरिक संबंध में नाबालिग की सहमति का कोई महत्व नहीं है। कोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी को इस आधार पर राहत देने से इंकार कर दिया है। आरोपी का कहना था कि उसने नाबालिग की सहमति से शादी और उससे शारीरिक संबंध बनाए हैं। कोर्ट ने इसे दुष्कर्म मानते हुए याची की जमानत अर्जी खारिज कर दी। अलीगढ़ के प्रवीण कश्यप की जमानत अर्जी पर न्यायमूर्ति सुधारानी ठाकुर की पीठ सुनवाई कर रही थी। याची के खिलाफ अलीगढ़ के लोढ़ा थाने में अपहरण, दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है। इस मामले में उसने जमानत के लिए अर्जी दाखिल की थी। जमानत अर्जी का विरोध करते हुए सरकारी वकील का कहना था कि स्कूल द्वारा दिए गए प्रमाण पत्र से घटना के दिन लड़की की उम्र 17 वर्ष थी तथा वह नाबालिग है। नाबालिक द्वारा दी गई सहमति का कोई महत्व नहीं है। कोर्ट ने आरोपी की जमानत अर्जी खारिज कर दी।